रीवा

बसामन मामा गौवंश वन्य विहार में नवनिर्मित संरचनाओं का लोकार्पण,एवं नवीन प्रस्तावित संरचनाओं का भूमिपूजन

रिपोर्ट आलोक कुमार तिवारी रीवा

बसामन मामा गौवंश वन्य विहार में नवनिर्मित संरचनाओं का लोकार्पण,एवं नवीन प्रस्तावित संरचनाओं का भूमिपूजन

 

रीवा एमपी:  बसामन मामा गौवंश वन्य विहार पुर्वा सेमरिया में नवनिर्मित अधोसंरचनाओं का लोकार्पण एवं नवीन प्रस्तावित संरचनाओं का भूमिपूजन लोक स्वास्थ्य यांत्रिकी एवं जनसंपर्क मंत्री श्री राजेन्द्र शुक्ल आज 5 अक्टूबर को करेंगे। यह कार्यक्रम प्रात: 10 बजे से आयोजित किया गया है। 

इस अवसर पर अध्यक्ष के तौर पर स्वामी अखिलेश्वरानंद जी गिरी उपस्थित रहेंगे तथा विशिष्ट अतिथि सांसद श्री जनार्दन मिश्रा, विधायक सेमरिया श्री केपी त्रिपाठी, आयुक्त रीवा संभाग श्री अनिल सुचारी तथा कलेक्टर श्रीमती प्रतिभा पाल होंगे। सरपंच ग्राम पंचायत सेमरिया ने बताया कि समारोह में गौपूजन, हवन पूजन कार्यक्रम भी होंगे। 

उल्लेखनीय है कि बसामन मामा गौवंश वन्य विहार की स्थापना 13 हेक्टेयर क्षेत्र में निराश्रित गायों के आश्रय स्थल के रूप में किया गया है। प्रारंभ में 500 निराश्रित गायों से प्रारंभ वन्य विहार में वर्तमान में हजारों गायों को आश्रय दिया गया है। वन्य विहार बनने से आसपास के ग्रामीण क्षेत्रों में ऐरा पशुओं की कठिनाई बंद हो गयी है। नहीं तो पहले तो गाय खेत में घुसकर पूरी फसल नष्ट कर दिया करती थी। अब पशुओं के कारण यातायात भी प्रभावित नहीं होता। सड़कों में अब पशु बैठे हुये नहीं मिलेंगे। वन्य विहार में निराश्रित गायों के चारा एवं भूसा का प्रबंध पशुपालन विभाग एवं संचालन समिति द्वारा किया जाता है। गौवंश वन्य विहार में रह रही गायों से भारी मात्रा में वर्मी कम्पोस्ट, गोनायल, हैण्डवाश एवं टायलेट क्लीनर तैयार कर करहिया सब्जी मंडी के पास स्थित एसपीओ के माध्यम से विक्रय किया जाता है। इससे वन्य विहार को 4 लाख रूपये वार्षिक आय हो जाती है। संचालन समिति द्वारा दुग्ध विक्रय कर औसतन प्रतिमाह 45 हजार रुपए की आय अर्जित की जा रही है। वन्य विहार में तैयार उत्पाद पूरी तरह से शुद्ध एवं लाभकारी है। इसी लिए इसका विक्रय हाथों-हाथ बिक जाता है। 

बसामन मामा गौवंश वन्य विहार में 1049.29 लाख रुपए की लागत से विभिन्न कार्यों का निर्माण कराया गया है। जिसमें गौवंश शेड, भूसा शेड, पानी के हौज, पीसीसी रोड, वर्मी कम्पोस्ट शेड, गोबर गैस यूनिट, रपटा निर्माण, यज्ञशाला निर्माण, रेस्टहाउस निर्माण, पशु चिकित्सालय तथा गेट का निर्माण कार्य शामिल है। इसके साथ ही छिदवा नाला में चेकडैम्प, नर्सरी, पीसीसी पेवर ब्लाक दो गेट, वीर्य तकनीक से नस्ल सुधार, गौवंश से प्राप्त अपशिष्टों से जैविक उत्पाद, जैसे जैविक खाद, केचुआ खाद, गमला अगरबती, गोनायल, हैण्डवाश, टायलेट क्लीनर, गोअर्क, जीवामृत तैयार किया जायेगा।  संचालन समिति द्वारा फास्फेट युक्त जैविक खाद इकाई भी संचालित की जा रही है। गौवंश वन्य विहार में जन सहयोग से बड़ी मात्रा में वृक्षारोपण का कार्य कराया गया है। इसके साथ ही खनिज न्यास मद से गौवंश वन्य विहार में गौवंशों के लिए पेयजल हेतु पंप हाउस व बोरवेल की व्यवस्था भी की गई है। 

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