कश्मीर गाजा नहीं’, यहां की स्थिति…’; Israel Hamas युद्ध के बीच मोदी सरकार की तारीफ में क्या बोल गईं Shehla Rashid?
Shehla Rashid Praises Pm Modi पिछले कुछ दिनों पहले शेहला रशीद ने मोदी सरकार की पीठ थपथपाते हुए कहा था कि मोदी सरकार की कश्मीर से आर्टिकल 370 को समाप्त करने का फैसला बिल्कुल सही थी। आज कश्मीर में शांति का वातावरण है। शेहला ने एक बार फिर कश्मीर को लेकर अपनी प्रतिक्रिया दी है। उन्होंने कहा कि कश्मीर गाजा नहीं है।
- आर्टिकल 370 को समाप्त करना का फैसला बिल्कुल सही थी: शेहला रशीद
- घाटी में हिंसा को रोकने के लिए एक व्यापक बदलाव की जरूरत थी: शेहला रशीद
- पिछले कुछ महीनों से शेहला रशीद मोदी सराकर की जमकर तारीफ कर रही हैं
Shehla Rashid Praises Pm Modi। दस सालों में पीएम मोदी के खिलाफ जहर उगलने वाले कई लोगों की मानसिकता बदल गई। जेएनयू छात्रसंघ की पूर्व उपाध्यक्ष रहीं शेहला रशीद जैसे कई लोग आज पीएम मोदी के मुरीद बन गए हैं।
पिछले कुछ दिनों पहले शेहला रशीद ने मोदी सरकार की पीठ थपथपाते हुए कहा था कि मोदी सरकार की कश्मीर से आर्टिकल 370 को समाप्त करने का फैसला बिल्कुल सही थी। आज कश्मीर में शांति का वातावरण है। शेहला ने एक बार फिर कश्मीर को लेकर अपनी प्रतिक्रिया दी है। उन्होंने कहा कि कश्मीर गाजा नहीं है।
कश्मीर गाजा नहीं है: शेहला रशीद
इस मामले पर शेहला रशीद ने समाचार एजेंसी एएनआई से विस्तार से चर्चा की। उन्होंने कहा,वह कश्मीर की मौजूदा स्थिति के लिए पीएम मोदी और अमित शाह (Amit Shah) की बहुत आभारी हैं। मैं जब आज कश्मीर की स्थिति देखती हूं तो संतोष महसूस करती हूं। आज यह स्पष्ट हो गया है कि कश्मीर गाजा नहीं है।”
उन्होंने आगे कहा,”घाटी में हिंसा को रोकने के लिए एक व्यापक बदलाव की जरूरत थी। पीएम मोदी और गृह मंत्री अमित शाह ने ये करके दिखाया।”
शेहला रशीद ने आगे कहा कि पीएम मोदी और अमित शाह ने कश्मीर की समस्या को हल करने के लिए समाधान खोजा और यह समाधान खूनी या हिंसक नहीं था।
बता दें कि शेहला रशीद जम्मू-कश्मीर (J&K) का विशेष दर्जा खत्म करने के फैसले को लेकर केंद्र में नरेंद्र मोदी के नेतृत्व वाली सरकार की कट्टर आलोचक रही हैं, लेकिन कुछ दिनों से पूर्व जेएनयू छात्र ने केंद्र सरकार की काफी प्रशंसा कर रही हैं।
कश्मीर में मानवाधिकार रिकॉर्ड लगातार सुधर रहे: शेहला रशीद
इससे पहले शेहला ने इस साल 15 अगस्त को एक ट्वीट (X) कर कहा था कि कश्मीर में मानवाधिकार रिकॉर्ड लगातार सुधर रहे हैं। उन्होंने आगे यह भी कहा कि मौजूदा सरकार ने एक ही कोशिश में कश्मीरियों की पहचान के संकट को खत्म कर दिया है।
‘जेएनयू में नहीं लगे भारत विरोधी नारे’
शेहला राशीद ने उन आरोपों को भी खारिज कर दिया कि फरवरी 2016 में दिल्ली के जवाहरलाल नेहरू विश्वविद्यालय में “भारत विरोधी” नारे लगाए गए थे। शेहला राशिद ने कहा कि विश्वविद्यालय में भारत विरोधी नारे नहीं लगाए गए।