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तटरेखा को हराभरा बनाने का प्रयास: विश्व वेटलैंड दिवस पर गोदरेज एंड बॉयस ने ली वेटलैंड में बदलाव लाने की प्रतिज्ञा

तटरेखा को हराभरा बनाने का प्रयास: विश्व वेटलैंड दिवस पर गोदरेज एंड बॉयस ने ली वेटलैंड में बदलाव लाने की प्रतिज्ञा

~समुदाय और पर्यावरण की भलाई के लिए ब्रांड वेटलैंड के संरक्षण के लिए विभिन्न प्रयास कर रहा है~

राष्ट्रीय: वेटलैंड को सुरक्षित बनाना आज के समय में बहुत जरूरी हो गया है। भारत की कुल भूमि का लगभग 4.6% वेटलैंड है, जिसका क्षेत्रफल 15 मिलियन हेक्टेयर से अधिक है। ये वेटलैंड मनुष्य और वनस्पतियों के लिए बेहद महत्वपूर्ण हैं। देश के करीब एक अरब से अधिक लोग जीवनयापन के लिए इन पर निर्भर हैं। पर्यावरणीय प्रबंधन के प्रति अपनी प्रतिबद्धता को और भी मजबूत बनाते हुए, गोदरेज समूह की प्रमुख कंपनी गोदरेज एंड बॉयस कुछ प्रमुख सहयोग और सामुदायिक भागीदारी की मदद से वेटलैंड, खासतौर पर मैंग्रोव के संरक्षण की दिशा में अपना विशेष योगदान दे रही है।

विश्व वेटलैंड्स दिवस के अवसर पर, गोदरेज एंड बॉयस के प्रमुख (एन्वायरमेंट एवं सस्टेनेबिलिटीतेजश्री जोशी ने बताया, “वेटलैंड्स समुदायों की जीवनधारा के रूप में काम करते हैं। इसी के साथ ही ये वेटलैंड उनकी आजीविका और जैव विविधता दोनों को बनाए रखते हैं। गोदरेज एंड बॉयस में हमारा मानना है किजैव विविधता और ईकोसिस्टम का संरक्षण केवल एक सिद्धांत नहीं है,

बल्कि यह हमारी अटूट प्रतिबद्धता का प्रतीक है। दशकों से हम वेटलैंड खासतौर पर मैंग्रोव के संरक्षण में सबसे आगे रहे हैं। हम अपनी टीमों और अन्य कॉरपोरेट्स को ही नहीं बल्कि इन क्षेत्रों के आसपास रहने वाले स्थानीय समुदायों को इस बड़े प्रयास में सक्रिय रूप से शामिल होने के लिए आमंत्रित करते हैं। इसके परिणामस्वरूप रिसर्च के माध्यम से मैंग्रोव के संरक्षण को लेकर लोगों के बीच जानकारी बढ़ाने और इकोसिस्टम के महत्व पर जागरूकता फैलाने की दिशा में काफी सुधार देखने को मिला है। इसके साथ ही वेटलैंड के पास रहने वाले लोगों को सुरक्षित आय प्राप्त करने और अपनी कमाई बढ़ाने में भी मदद मिली है। वेटलैंड संरक्षण के प्रति हमारे प्रयासों के चलते आम लोगों की जिंदगी पर काफी सकारात्मक प्रभाव देखने को मिला है।

CII, MoEF, WWF इंडिया आदि के साथ सहयोग के अलावा, 125 साल पुराना यह भारतीय समूह करीब 7 दशकों से विक्रोली में ‘लंग्स ऑफ मुंबई’ का संरक्षण भी कर रहा है; इसके अलावा कंपनी ठाणे क्रीक के पश्चिमी किनारे पर रामसर कन्वेंशन के तहत भारत की मान्यता प्राप्त वेटलैंड में भी एक बड़ा प्रयास कर रही है। इस प्रतिबद्धता को ‘मैजिकल मैंग्रोव्स’ जैसी पहल के माध्यम से पहचान मिली है। यह अभियान WWF इंडिया के साथ 2020 में शुरू किया गया था। यह प्रोग्राम वॉलेंटीयर्स की भागीदारी के साथ मैंग्रोव संरक्षण पर जागरूकता फैलाने का काम करता है। अनुसंधान, वकालत और जमीनी प्रयासों पर केंद्रित इस साझेदारी ने पिछले 4 वर्षों में 300 से अधिक जागरूकता कार्यक्रमों के साथ लगभग 30000 नागरिकों को सफलतापूर्वक एकजुट किया है।

2021 में, कंपनी ने पर्यावरण, वन और जलवायु परिवर्तन मंत्रालय, CII, WWF-इंडिया, GI और वेटलैंड्स इंटरनेशनल के सहयोग से ‘इंडिया वेटलैंड गठबंधन’ (IWC) लॉन्च किया। यह पहल सक्रिय रूप से नीतिगत वार्ताओं में योगदान देती है, नेचर-बेस्ड सॉल्यूशन को बढ़ावा देती है, मैंग्रोव के विस्तार में योगदान देती है, और वेबसाइट पर प्रकाशित आर्टिकल के माध्यम से मैंग्रोव-संबंधित जानकारी बढ़ाने में योगदान देती है।

मैंग्रोव संरक्षण के लिए दशकों पहले गोदरेज एंड बॉयस द्वारा शुरू की गई यह पहल अब भारत में व्यवसायों द्वारा जलवायु संरक्षण से जुड़े प्रयासों के लिए प्रतिबद्ध है। साथ ही व्यावसायिक निर्णयों में जैव विविधता को शामिल करने के लिए भी प्रयास कर रहा है।

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