रायसोनी कॉलेज, पुणे में शिव जयंती उत्साह के साथ मनाई गई
विशाल समाचार टीम पुणे: जीएच रायसोनी कॉलेज ऑफ इंजीनियरिंग एंड मैनेजमेंट, पुणे में शिव जयंती उत्साह के साथ मनाई गई, जिसमें पोवाड़ा, नृत्य, शिव वक्ताओं द्वारा भाषण, नाटक आदि सांस्कृतिक कार्यक्रमों की प्रस्तुति के माध्यम से छत्रपति शिवाजी महाराज को मानवंदना दी गई.
हजारों छात्रों की मौजूदगी में छत्रपति शिव राय के पुतले की पूजा और आरती की गई, इसके बाद पोवाड़ा, शिव-वक्त्या भाषण जैसे सांस्कृतिक कार्यक्रमों की प्रस्तुति दी गई. शिव जयंती के अवसर पर सुबह 10 बजे कॉलेज में मुख्य द्वार से शिवाजी महाराज के पुतले की शोभा यात्रा निकाली गयी. इस जुलूस में विद्यार्थी फेटे और कुछ छात्राएं नौवेरी साड़ियाँ पहनकर शामिल हुईं. इसी बीच शिवराय की घोषणा से परिसर गूंज उठा. इसके बाद सभागार में छात्र-छात्राओं द्वारा दो घंटे का सांस्कृतिक कार्यक्रम प्रस्तुत किया गया.
शिव व्याख्याता संतोष तोत्रे ने शिवाजी महाराज का जीवन और कार्य पर जोर दे हुए उन्होंने आगे कहा, छत्रपति शिवाजी महाराज भारत के वीर सपूत, महान देशभक्त होने के साथ-साथ एक कुशल प्रशासक भी थे. शिवाजी महाराज एक महान भारतीय शासक और हिंदू स्वराज्य के संस्थापक थे. वे मराठों का एक अलग राज्य चाहते थे. इसी सपने के साथ छत्रपति शिवराय ने 16 साल की उम्र में सेना का निर्माण शुरू किया. उनकी युद्धनीति अद्भुत थी और नेतृत्व कौशल अद्भुत था. उनके विचार उत्साह और ऊर्जा से भरे थे. ये विचार आज के युवाओं को सफलता हासिल करने के लिए प्रेरित करते हैं. ‘दुश्मन कितना भी ताकतवर क्यों न हो, उसे हमारे दृढ़ संकल्प और उत्साह से ही हराया जा सकता है.
जीएच रायसोनी कॉलेज ऑफ इंजीनियरिंग एंड मैनेजमेंट के कैंपस निदेशक डॉ. आर. डी. खराडकर ने शिवाजी महाराज की प्रतिमा पर पुष्पांजलि अर्पित कर उन्हें नमन किया. उन्होंने यह भी सलाह दी कि छात्रों को शिवाजी महाराज के सभी अच्छे गुणों को अपने जीवन में अपनाना चाहिए. शिवाजी महाराज ने कभी भी जाति और धर्म में भेदभाव नहीं किया. आज की पीढ़ी नसिले पदार्थ के चंगुल मे आ रही है. छत्रपति के शासनकाल में शराब और अन्य घातक व्यसनों पर प्रतिबंध लगा दिया गया था.
डॉ. सुधीर हाटे, डाॅ. बालू पोगेट और डॉ. अमोल पोटे सहित विद्यार्थी उपस्थित थे.