पूणे

ब्यूटी एंड वेलनेस सेक्टर 2030 तक लगभग 3 करोड़ लोगों को अवसर देगा”: श्री जयन्त चौधरी

ब्यूटी एंड वेलनेस सेक्टर 2030 तक लगभग 3 करोड़ लोगों को अवसर देगा”: श्री जयन्त चौधरी

 

पुणे : कौशल विकास एवं उद्यमशीलता मंत्रालय (एमएसडीई) के केंद्रीय राज्य मंत्री (स्वतंत्र प्रभार) श्री जयन्त चौधरी ने आज ब्यूटी एंड वेलनेस सेक्टर में उत्कृष्टता प्राप्त करने के इच्छुक युवाओं को सशक्त बनाने और प्रोत्साहित करने के लिए पीएमकेवीवाई 4.0 और स्किल इंडिया के तहत विभिन्न सीएसआर प्रोजेक्ट में प्रमाणित सभी 270 उम्मीदवारों से मुलाकात की और उन्हें बधाई दी। यह मुलाकात ब्यूटी एंड वेलनेस सेक्टर स्किल काउंसिल (बीएंडडब्ल्यूएसएससी) द्वारा आयोजित तीसरे दीक्षांत समारोह में हुई, जिसने अब तक मिशन के तहत 13 लाख से अधिक उम्मीदवारों को प्रशिक्षित किया है।

 

इस समारोह में एलजीबीटीक्यूआईए+ समुदाय और एसिड अटैक पीड़ितों के लोगों को प्रमाणपत्र प्रदान किया गया, जिसमें समावेशी, विविध और समग्र स्किल ईकोसिस्टम स्थापित करने के महत्व पर प्रकाश डाला गया। माननीय मंत्री ने उम्मीदवारों के साथ विशेष रूप से बातचीत की और उन्हें प्रोत्साहित किया। उन्होंने ब्यूटी एंड वेलनेस इन्डस्ट्री में सफल करियर बनाने के लिए उनकी दृढ़ता और प्रतिबद्धता की सराहना की। उन्होंने बीएंडडब्ल्यूएसएससी की कॉफी टेबल बुक- “लक्ष्य- ट्रान्सफॉर्मेटिव टेल्स ऑफ़ इम्पॉवरमेन्ट” भी लॉन्च की।

 

यह समारोह इंडियन हैबिटेट सेंटर, नई दिल्ली में आयोजित हुआ। इसमें एमएसडीई के सचिव श्री अतुल कुमार तिवारी, एनएसडीसी के ऑफिशिएटिंग सीईओ एवं एनएसडीसी इंटरनेशनल के एमडी श्री वेद मणि तिवारी, बीएंडडब्ल्यूएसएससी की चेयरपर्सन डॉ. ब्लॉसम कोचर और बीएंडडब्ल्यूएसएससी की सीईओ सुश्री मोनिका बहल सहित कई प्रमुख हस्तियां शामिल हुईं।

 

भारत को दुनिया की कौशल राजधानी बनाने के माननीय प्रधानमंत्री श्री नरेंद्र मोदी के विज़न के अनुरूप, बीएंडडब्ल्यूएसएससी स्किल इंडिया मिशन के तहत विभिन्न एनएसक्यूएफ-संरेखित स्किल कोर्स प्रदान करता है, जो आजीविका के अवसर प्रदान करता है और उद्यमिता को सक्षम बनाता है। यह एसएससी विधवाओं, जेल के कैदियों, स्कूल ड्रॉपआउट्स, एसिड अटैक सर्वाइवर्स और ट्रांसजेंडरों सहित विविध और हाशिए पर पड़े वंचित लोगों तक स्किलिंग की पहल का विस्तार करने के लिए राज्य सरकारों के साथ भी सहयोग करता है।

 

इस अवसर पर बोलते हुए, कौशल विकास और उद्यमशीलता मंत्रालय (एमएसडीई) के राज्य मंत्री (स्वतंत्र प्रभार) श्री जयन्त चौधरी ने कहा, “ग्लोबल ब्यूटी एंड वेलनेस सेक्टर एक आशाजनक उभरती हुई इन्डस्ट्री है, और भारत ने इस सेक्टर में वैश्विक विकास को उल्लेखनीय रूप से पीछे छोड़ दिया है। और यह जानना उत्साहजनक है कि पिछले नौ वर्षों में, बीएंडडब्ल्यूएसएससी ने बड़े मील के पत्थर हासिल किए हैं। इसमें महिला सशक्तीकरण और उद्यमिता पर विशेष ध्यान देने के साथ 106 जॉब रोल्स बनाए गए हैं। आज, हमारे स्नातकों ने इस जीवंत इन्डस्ट्री के भीतर खुद को लीडर के रूप में बदलते हुए, बड़ी ताकत और दृढ़ संकल्प का उदाहरण पेश किया है। उनमें से कुछ एसिड अटैक सर्वाइवर भी हैं जो अपनी कहानियों के चैंपियन बन गए हैं।”

 

उन्होंने कहा, “इस सेक्टर की तेजी से हो रही वृद्धि भारत के डेमोग्राफिक डिविडेन्ड का प्रमाण है, जो 2030 तक करीब 3 करोड़ लोगों को अवसर प्रदान करेगा और एशिया-पैसिफिक क्षेत्र में महत्वपूर्ण संभावनाओं वाले 5 लाख करोड़ की इन्डस्ट्री में योगदान देगा। जैसे-जैसे हम 2047 तक विकसित भारत के विजन की ओर बढ़ रहे हैं, हमारे स्किल्ड वर्कफोर्स की ऊर्जा और जोश इस सेक्टर की सफलता के पीछे प्रेरक शक्ति होगी।”

 

स्किल इंडिया की प्रमुख योजना प्रधानमंत्री कौशल विकास योजना (पीएमकेवीवाई) के तहत, बीएंडडब्ल्यूएसएससी ने 4.89 लाख व्यक्तियों को प्रशिक्षित किया है, जिनमें से 1.34 लाख को पूर्व प्रशिक्षण की मान्यता (आरपीएल) के तहत प्रमाणित किया गया है और 2.54 लाख को शॉर्ट टर्म ट्रेनिंग (एसटीटी) और स्पेशल प्रोजेक्ट्स (एसपीएल) के तहत प्रमाणित किया गया है, जिससे 49% प्लेसमेंट दर प्राप्त हुई है। आरपीएल के तहत शीर्ष नौकरी भूमिकाओं में योगा इन्सट्रक्टर, योगा ट्रेनर और असिस्टेन्ट ब्यूटी थेरेपिस्ट शामिल हैं, जबकि एसटीटी और एसपीएल के तहत शीर्ष भूमिकाएं असिस्टेन्ट ब्यूटी थेरेपिस्ट, पेडीक्यूरिस्ट और मैनीक्योरिस्ट और ब्यूटी थेरेपिस्ट हैं।

 

ब्यूटी एंड वेलनेस सेक्टर, जिसे वैश्विक स्तर पर एक उभरती इन्डस्ट्री के रूप में मान्यता प्राप्त है, अभूतपूर्व बढ़ोत्तरी देख रहा है। केपीएमजी द्वारा किए गए 2023 स्किल गैप स्टडी के अनुसार, भारतीय ब्यूटी एंड वेलनेस सेक्टर ने 2018 और 2022 के बीच 18.2% की मजबूत चक्रवृद्धि वार्षिक वृद्धि दर (सीएजीआर) दिखाई, जो इसी अवधि के दौरान 17.6% के वैश्विक सीएजीआर से अधिक है। यह सेक्टर अब 2025 तक लगभग 277,000 करोड़ रुपये तक बढ़ने की ओर अग्रसर है और 2030 तक इसके 500,000 करोड़ रुपये तक पहुँचने का अनुमान है।

 

इस उद्योग का सबसे प्रेरणादायक पहलू इसकी समावेशिता और सशक्तिकरण है, जिसमें वर्कफोर्स में महिलाओं की हिस्सेदारी लगभग 66% है – यह आंकड़ा 2030 तक 70% तक बढ़ने की उम्मीद है। यह सेक्टर जेंडर के प्रति न्यूट्रल होता जा रहा है, सभी के लिए समान अवसर प्रदान कर रहा है। इसे देश भर में कौशल विकास को बढ़ावा देने वाली सरकारी और प्राइवेट सेक्टर की पहलों का समर्थन प्राप्त है।

 

 

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