पूणे

दुबई से आकर भारत के ५० हजार छात्रों से साझा किया विभिन्न प्रकार का ज्ञान

दुबई से आकर भारत के ५० हजार छात्रों से साझा किया विभिन्न प्रकार का ज्ञान

 

विभिन्न स्कूलों में नन्हें जैनम-जिविका जैन ने ५० दिनों में सफल किए १२० कार्यक्रम

 

विशाल समाचार नेटवर्क पिंपरी – चिंचवड : दुबई में रहने वाले जैन परिवार के १० और १२ वर्ष के नन्हें भाई-बहन जैनम और जिविका जैन ने अपने अभिभावकों के मार्गदर्शन पर भारत में ५० दिनों में १०० ज्ञानदान के कार्यक्रम करने का संकल्प किया। जैन धर्म के सिद्धांतों समेत वैज्ञानिक ज्ञान छात्रों को दिलाने के उनके संकल्प की हाल ही में जोरदार परिपूर्ति हुई। क्योंकि जहां वे ५० दिनों में १०० कार्यक्रम करने वाले थे, वहीं इतने ही समय में उनके १२० कार्यक्रम संपन्न हुए। गुरुवार २९ अगस्त को पिंपरी-चिंचवड में उनका १२१वां कार्यक्रम उत्साह के साथ संपन्न हुआ। इस समय विभिन्न स्कूल-काॅलेजों के छात्र बड़ी संख्या में उपस्थित थे। इस समय जैनम और जिविका ने छात्रों को जीवन में सफलता प्राप्त करने के लिए किन गुणों का अंगीकार करना चाहिए, इसके संदर्भ में विस्तार से मार्गदर्शन दिया।

 

 

अपने बच्चों के इस अनोखे उपक्रम के संदर्भ में बोलते हुए ममता धीरज जैन ने बताया कि, अपने ज्ञानदान के इस अनोखे यज्ञ को सफल बनाने के लिए दुबई से भारत आकर जैनम और जिविका ने महाराष्ट्र के पुणे, पिंपरी-चिंचवड, अहमद नगर, छत्रपति संभाजी नगर, जालना, नागपुर, बीड ऐसे विभिन्न शहरों और गांवों के स्कूलों मे भेंट की तथा अब तक ५० हजार से अधिक छात्रों के साथ अपना ज्ञान साझा करने का कार्य किया।

ममता जैन ने आगे बताया कि, जैनम और जिविका ने सबसे पहले ५० दिनों के भीतर ५० आॅडियो बुक सुने। इसके द्वारा उन्हें काफी ज्ञान प्राप्त हुआ। बाद में इस ज्ञान का उपयोग भारत के छात्रों को दिलाने के उद्देश्य से वे यहां आए। बीते ५० दिनों में अब तक १२० से अधिक कार्यक्रम हम कर चुके है।

जिविका ने बताया कि, जो भी ज्ञान हमने प्राप्त किया, उसका लाभ अपने देश के छात्रों को पहले हों, इसके लिए हम भारत आए हैं। यहां के विभिन्न स्कूलों के छात्रों और शिक्षकों ने हमें काफी सहयोग दिया। कई लोगों ने प्रत्यक्ष-अप्रत्यक्ष तौर पर भी हमें बेहतरीन सहयोग दिया। इसीके चलते हम १२० से अधिक कार्यक्रमों की कार्यसिद्धि कर पाए हैं।

जैनम ने कहा कि, हमारे कार्यक्रमों को जो जोरदार प्रतिसाद प्राप्त हुआ, उससे वाकई हम प्रभावित हुए। विज्ञान विषय पढ़ाने के साथ-साथ हमने छात्रों को टीम वर्क, समय का उचित नियोजन, संचार कौशल, प्रेरणा किसी भी निर्णय की परिपूर्ति कैसे करें, इन विषयों पर सरलता से मार्गदर्शन दिया, इसका हमें काफी गर्व है।

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