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भारत में हसीना के सिर्फ 20 दिन बचे:पासपोर्ट रद्द, हत्या के 63 मामले दर्ज, बांग्लादेश ने वापसी की मांग की तो क्या करेगा भारत

भारत में हसीना के सिर्फ 20 दिन बचे:पासपोर्ट रद्द, हत्या के 63 मामले दर्ज, बांग्लादेश ने वापसी की मांग की तो क्या करेगा भारत

तारीख- 5 अगस्त 2024, समय- दोपहर के करीब 1 बजे। बांग्लादेश में हिंसा के बीच प्रधानमंत्री शेख हसीना अपनी बहन रेहाना के साथ कार में बैठकर PM आवास छोड़ देती हैं। वे C-130 ट्रांसपोर्ट एयरक्राफ्ट से शाम करीब 5 बजे भारत के हिंडन एयरबेस पहुंचती हैं।

 

भारत में हसीना के सिर्फ 20 दिन बचे:पासपोर्ट रद्द, हत्या के 63 मामले दर्ज, बांग्लादेश ने वापसी की मांग की तो क्या करेगा भारत

1 दिन पहले

 

 

तारीख- 5 अगस्त 2024, समय- दोपहर के करीब 1 बजे। बांग्लादेश में हिंसा के बीच प्रधानमंत्री शेख हसीना अपनी बहन रेहाना के साथ कार में बैठकर PM आवास छोड़ देती हैं। वे C-130 ट्रांसपोर्ट एयरक्राफ्ट से शाम करीब 5 बजे भारत के हिंडन एयरबेस पहुंचती हैं।

 

 

दूसरी तरफ बांग्लादेश में राष्ट्रपति मोहम्मद शाहबुद्दीन संसद भंग कर देते हैं। इसके बाद देश में अंतरिम सरकार का गठन होता है। हसीना के देश छोड़ने के 8 दिन बाद 13 अगस्त को उनके खिलाफ हत्या का पहला केस दर्ज होता है। इसके बाद एक-एक करके हसीना पर 76 केस दर्ज किए गए, जिनमें 63 मामले सिर्फ हत्या से जुड़े हैं।

 

22 अगस्त को बांग्लादेश की अंतरिम सरकार ने पूर्व PM हसीना और उनके परिवार के लोगों के डिप्लोमैटिक पासपोर्ट भी रद्द कर दिए। इसके बाद से उनके भारत में रहने का समय सीमित हो गया है।

 

बांग्लादेशी मीडिया हाउस ढाका ट्रिब्यून ने भारत सरकार के सूत्रों के हवाले से बताया कि भारत की वीजा पॉलिसी के मुताबिक, अगर किसी बांग्लादेशी नागरिक के पास भारत का वीजा नहीं है तो वह सिर्फ 45 दिन तक ही यहां रह सकता है।

 

शेख हसीना को भारत आए 25 दिन हो चुके हैं। ऐसे में कानूनी तौर पर वे सिर्फ 20 दिन और भारत में रह सकती हैं। पासपोर्ट कैंसिल होने के बाद हसीना पर बांग्लादेश प्रत्यर्पित किए जाने का खतरा मंडरा रहा है। हसीना को नया पासपोर्ट हासिल करने के लिए बांग्लादेश की कम से कम 2 जांच एजेंसियों से क्लियरेंस की जरूरत होगी।

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भारत में हसीना के सिर्फ 20 दिन बचे:पासपोर्ट रद्द, हत्या के 63 मामले दर्ज, बांग्लादेश ने वापसी की मांग की तो क्या करेगा भारत

1 दिन पहले

 

 

तारीख- 5 अगस्त 2024, समय- दोपहर के करीब 1 बजे। बांग्लादेश में हिंसा के बीच प्रधानमंत्री शेख हसीना अपनी बहन रेहाना के साथ कार में बैठकर PM आवास छोड़ देती हैं। वे C-130 ट्रांसपोर्ट एयरक्राफ्ट से शाम करीब 5 बजे भारत के हिंडन एयरबेस पहुंचती हैं।

 

 

दूसरी तरफ बांग्लादेश में राष्ट्रपति मोहम्मद शाहबुद्दीन संसद भंग कर देते हैं। इसके बाद देश में अंतरिम सरकार का गठन होता है। हसीना के देश छोड़ने के 8 दिन बाद 13 अगस्त को उनके खिलाफ हत्या का पहला केस दर्ज होता है। इसके बाद एक-एक करके हसीना पर 76 केस दर्ज किए गए, जिनमें 63 मामले सिर्फ हत्या से जुड़े हैं।

 

22 अगस्त को बांग्लादेश की अंतरिम सरकार ने पूर्व PM हसीना और उनके परिवार के लोगों के डिप्लोमैटिक पासपोर्ट भी रद्द कर दिए। इसके बाद से उनके भारत में रहने का समय सीमित हो गया है।

 

बांग्लादेशी मीडिया हाउस ढाका ट्रिब्यून ने भारत सरकार के सूत्रों के हवाले से बताया कि भारत की वीजा पॉलिसी के मुताबिक, अगर किसी बांग्लादेशी नागरिक के पास भारत का वीजा नहीं है तो वह सिर्फ 45 दिन तक ही यहां रह सकता है।

 

शेख हसीना को भारत आए 25 दिन हो चुके हैं। ऐसे में कानूनी तौर पर वे सिर्फ 20 दिन और भारत में रह सकती हैं। पासपोर्ट कैंसिल होने के बाद हसीना पर बांग्लादेश प्रत्यर्पित किए जाने का खतरा मंडरा रहा है। हसीना को नया पासपोर्ट हासिल करने के लिए बांग्लादेश की कम से कम 2 जांच एजेंसियों से क्लियरेंस की जरूरत होगी।

 

शेख हसीना के हेलिकॉप्टर में बैठने से पहले का वीडियो। यह सोशल मीडिया पर वायरल हुआ था। – Dainik Bhaskar

शेख हसीना के हेलिकॉप्टर में बैठने से पहले का वीडियो। यह सोशल मीडिया पर वायरल हुआ था।

स्टोरी में जानिए शेख हसीना की बांग्लादेश वापसी से जुड़े 4 अहम सवालों के जवाब…

 

सवाल 1- भारत और बांग्लादेश के बीच प्रत्यर्पण समझौता क्या है?

जवाब- साल 2013 की बात है। भारत के नॉर्थ-ईस्ट उग्रवादी समूह के लोग बांग्लादेश में छिपे रहे थे। सरकार उन्हें बांग्लादेश में पनाह लेने से रोकना चाहती थी। इसी वक्त बांग्लादेश के प्रतिबंधित संगठन जमात-उल-मुजाहिदीन के लोग भारत में आकर छिप रहे थे। दोनों देशों ने इस समस्या से निपटने के लिए एक प्रत्यर्पण समझौता किया।

 

इसके तहत दोनों देश एक-दूसरे के यहां पनाह ले रहे भगोड़ों को लौटाने की मांग कर सकते हैं। हालांकि, इसमें एक पेंच ये है कि भारत राजनीति से जुड़े मामलों में किसी व्यक्ति के प्रत्यर्पण से इनकार कर सकता है, लेकिन अगर उस व्यक्ति पर हत्या और किडनैपिंग जैसे संगीन मामले दर्ज हों तो उसके प्रत्यर्पण को रोका नहीं जा सकता।

 

ढाका ट्रिब्यून के मुताबिक इस समझौते की बदौलत, बांग्लादेश ने 2015 में यूनाइटेड लिबरेशन फ्रंट ऑफ असम के नेता अनूप चेतिया को भारत को सौंपा था। भारत भी अब तक बांग्लादेश के कई भगोड़ों को वापस भेज चुका है।

 

समझौते में 2016 में हुए संशोधन के मुताबिक, प्रत्यर्पण की मांग करने वाले देश को अपराध के सबूत देने की जरूरत भी नहीं है। इसके लिए कोर्ट से जारी वारंट ही काफी है। इससे हसीना के लिए मुश्किलें और बढ़ जाती हैं।

 

सवाल 2- क्या बांग्लादेश शेख हसीना के प्रत्यर्पण की मांग कर सकता है?

जवाब- हसीना एक राजनेता हैं और वे भारत में राजनीतिक शरण लेने का दावा कर सकती हैं। हालांकि, हसीना पर हत्या, किडनैपिंग जैसे आरोप हैं, जो कि समझौते के मुताबिक राजनीतिक प्रकृति के अपराध नहीं बताए जा सकते।

 

हसीना पर 13 अगस्त को एक किराना स्टोर के मालिक की हत्या का मामला दर्ज हुआ था, जिसकी पुलिस की गोलीबारी में मौत हो गई थी। इसके अलावा, 2015 में एक वकील को गायब करने का मामला भी उन पर दर्ज हैं। इसके बाद हसीना पर हत्या, टॉर्चर करने और नरसंहार के कई आरोप लगाए गए हैं। इन्हें आधार बनाकर बांग्लादेश की सरकार हसीना के प्रत्यर्पण की मांग कर सकती है।

सवाल 3- क्या शेख हसीना को बांग्लादेश को सौंपेगा भारत?

जवाब- भारत हसीना के प्रत्यर्पण के लिए इनकार कर सकता है। वह कह सकता है कि उनके खिलाफ लगाए गए आरोपों का कोई ठोस आधार नहीं हैं। प्रत्यर्पण समझौते के अनुच्छेद 8 में प्रत्यर्पण से इनकार के लिए कई आधार दिए गए हैं।

 

ऐसे मामले जिनमें आरोप साबित करने के लिए पर्याप्त सबूत नहीं हों या फिर ये सैन्य अपराधों से जुड़े हों, जो सामान्य आपराधिक कानून के तहत मान्य नहीं हैं, तो, प्रत्यर्पण से इनकार किया जा सकता है।

 

भारत-बांग्लादेश प्रत्यर्पण संधि के अनुच्छेद 7 के मुताबिक, कोई देश प्रत्यर्पण की मांग को नामंजूर कर सकता है। इसके बदले वह अपने देश में उस व्यक्ति के खिलाफ मुकदमा चलाने की बात कर सकता है। हालांकि, इससे भारत के बांग्लादेश की नई सरकार के साथ संबंधों पर बुरा असर पड़ सकता है।

 

सवाल 4- भारत को इस मामले में क्या करना चाहिए?

जवाब- भारत को बांग्लादेश के साथ अपने संबंधों पर और अपने आर्थिक हितों की सुरक्षा पर ध्यान देना होगा। साथ ही, उसे पुरानी मित्र और सहयोगी शेख हसीना के साथ खड़ा भी दिखना होगा। रिसर्च एंड एनालिसिस विंग (RAW) के एक पूर्व अधिकारी ने इंडियन एक्सप्रेस से कहा कि हसीना को बांग्लादेश को सौंपने में हमारा हित नहीं है।

 

दोनों पक्षों के पास वकील हैं, जिनका इस्तेमाल करके वे अपना पक्ष रख सकते हैं। इस वजह से संधि की कानूनी बातें मायने नहीं रखतीं है। उन्होंने तर्क दिया कि इस मामले में संतुलन की जरूरत नहीं है। बांग्लादेश में ऐसे बहुत लोग हैं, जो भारत के साथ अच्छे संबंध चाहते हैं। अवामी लीग की जड़ें बहुत गहरी हैं, यह फिर से उभरेंगी। वहां का प्रशासन और सेना भारत के साथ संबंधों को महत्व देती है।

 

बांग्लादेश भारत से घिरा हुआ है। दोनों देशों के बीच पर्याप्त इनफ्रास्ट्रक्चर संबंध हैं। वहीं एक पूर्व डिप्लोमैट ने इंडियन एक्सप्रेस से कहा, “बांग्लादेश में फिलहाल अंतरिम सरकार है। उसके बयानों से भारत को खास फर्क नहीं पड़ेगा। भारत भविष्य में बांग्लादेश में आने वाली स्थायी सरकार के साथ रिश्तों पर फोकस करेगा।

 

दूसरी तरफ, बांग्लादेश में अब तक शेख हसीना पर सिर्फ FIR दर्ज हुई हैं। अभी मामलों की तहकीकात होगी, चार्जशीट फाइल की जाएगी और इसके बाद कोर्ट प्रत्यर्पण को लेकर कोई फैसला लेगा। ऐसे में फिलहाल इस मामले में किसी भी निष्कर्ष तक पहुंचने में काफी समय लग सकता है।”

 

हिंसा में 1000 से ज्यादा लोगों की मौत

बांग्लादेश की अंतरिम सरकार मे स्वास्थ्य मंत्रालय की प्रमुख नूरजहां बेगम ने गुरुवार को कहा कि सरकार विरोधी प्रदर्शनों में 1,000 से ज्यादा लोग मारे गए। 400 से ज्यादा लोगों के आंखों की रोशनी चली गई। कई की एक तो कई की दोनों आंखों की रोशनी चली गई है। बांग्लादेश में 16 जुलाई 2024 को सरकार विरोधी प्रदर्शन शुरू हुआ था। ये 1971 के बाद शुरू हुआ देश में सबसे बड़ा सरकार विरोधी प्रदर्शन था।

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