तन्हा बैठोगे तो याद आऊंगा
तन्हा बैठोगे तो याद आऊंगा।
हाले दिल मै किसे सुनाऊंगा।
है बात बाकी अधूरी सारी।
पर्त दर पर्त जब बताऊंगा।
कोई मायने नहीं बिना तुम बिन।
सुर में सुर किससे मैं मिलाऊंगा।
बाग में फूल हवा में खुशबू।
बिन तेरे कौन गुल खिलाऊंगा।
मैं अकेला नहीं यादें हैं तेरी।
बिन तेरे चैन कहां पाऊंगा।
जख्म की दास्तां बड़ी होगी।
घाव किससे पवन सिलाऊंगा।
पवन सिंह तोमर
थैलिया महसी बहराइच
कानपुर यूपी
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