उत्तर प्रदेश

उत्तर प्रदेश के इस खास प्रोडक्ट का ग्राहक बना अमेरिका, दिया बल्क ऑर्डर

उत्तर प्रदेश के इस खास प्रोडक्ट का ग्राहक बना अमेरिका, दिया बल्क ऑर्डर

विशाल समाचार संवाददाता यूपी 

यूपी : उत्तर प्रदेश भारत का सबसे बड़ा प्रदेश है। उत्तर प्रदेश की आबादी दुनिया के अनेक देशों से अधिक है। उत्तर प्रदेश की कुल आबादी 25 करोड़ से भी अधिक है। उत्तर प्रदेश आए दिन बड़े-बड़े कामों के लिए चर्चा में रहता है। हाल ही में उत्तर प्रदेश के नाम एक और बड़ी उपलब्धि आ गई है। उत्तर प्रदेश के एक खास प्रोडेक्ट का ग्राहक अमेरिका बना है। उत्तर प्रदेश में बन रहे इस खास प्रोडेक्ट को खरीदने के लिए अमेरिका ने बल्क में ऑर्डर दिया है।

 

उत्तर प्रदेश में निर्मित यह खास प्रोडेक्ट खरीद रहा है अमेरिका

आपको बता दें कि अमेरिका ने उत्तर प्रदेश में निर्मित होने वाले हथियारों में विशेष रूचि दिखाई है। उत्तर प्रदेश के हरदोई जिले के संडीला औद्योगिक क्षेत्र में हथियार बनाने की एक बड़ी फैक्टरी है। उत्तर प्रदेश की इसी बड़ी फैक्टरी में ब्रिटेन की वेब्ले कंपनी के लिए वेब्ले के खास रिवाल्वर बनाए जाते हैं। वेब्ले-455 मॉडल के इन खास रिवाल्वर का अमेरिका में बड़ा बाजार मौजूद है। अमेरिका ने हाल ही में उत्तर प्रदेश के हरदोई जिले में स्थित कंपनी से बनने वाले वेब्ले-455 रिवाल्वर का 10 हजार पीस का बल्क ऑर्डर दिया है। उत्तर प्रदेश की कंपनी जल्दी ही अमेरिका को 10 हजार वेब्ले-455 रिवाल्वर का निर्यात करेगी। उत्तर प्रदेश के हरदोई में वेब्ले रिवाल्वर का निर्माण स्याल मैन्यूफैक्चरर प्रा0लि0 नामक कंपनी में किया जाता है। उत्तर प्रदेश की इस कंपनी के साथ ब्रिटेन की वेब्ले कम्पनी की साझेदारी है।

 

उत्तर प्रदेश में बनने वाले वेब्ले रिवाल्वर का इतिहास

उत्तर प्रदेश के हरदोई जिले में बनाने वाले वेब्ले रिवॉल्वर का बहुत पुराना इतिहास है। उत्तर प्रदेश में बन रहे वेब्ले रिवॉल्वर की डिमांड अमेरिका के साथ इसकी दक्षिण अमेरिका के ब्राजील के अलावा यूरोप के 16 देशों में है। बेहद घातक इस रिवाल्वर का उपयोग प्रथम और द्वितीय विश्व युद्ध में भी किया गया था। ईस्ट इंडिया कंपनी इसे पहली बार यूरोप से निकाल कर भारत लाई थी। वेब्ले स्कॉट इंडिया के निदेशक मनिंदर स्याल ने बताया कि भारत 455 बोर की रिवाल्वर प्रतिबंधित में है। लेकिन अमेरिका में इसकी भारी मांग है। वर्ष-1887 जब ब्रिटिश का सूरज अस्त नहीं हुआ था। उस दौर में ब्रिटेन की ग्लोबल कंपनी वेब्ले ने 455 रिवाल्वर बाजार में उतारा था। 1924 तक इसे बनाया गया। इन 37 वर्ष में रिवाल्वर दुनिया भर क्रांति और युद्ध में प्रमुख हथियार के रूप में उभर कर सामने आई। अब 100 वर्ष पहले बंद हो चुकी ऐतिहासिक वेब्ले 455 का पुर्नजन्म उत्तर प्रदेश में होगा।भारत में वेब्लेे ने स्याल मैन्यूफैक्चरर प्रा.लि. के साथ समझौता किया। जिसमें टेक्नोलाजी वेब्ले की और उत्पादन स्याल मैन्यूफैक्चरर के अधीन है। यूपी की औद्योगिक नीति से प्रभावित होकर वेबले ने प्रदेश को अपना मुख्यालय बना लिया।

 

घातक वेब्ले 455 विशेषता

1887 में डिजायन की गई थी

1887 से 1924 तक बनी

1.25 लाख पीस बने थे

1887 से 1963 इस्तेमाल में रही

वजन : 1.1 किलो

11.25 इंच कुल लंबाई

6 इंच बैरल की लंबाई

20-30 राउंड प्रति मिनट फायर

46 मीटर इफेक्टिव फायरिंग

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