उत्तर प्रदेशराजनीति

योगी के ‘बंटेंगे तो कटेंगे’ वाले नारे का सपा ने दिया जवाब, ब्राह्मण नेता ने लगाया अखिलेश के साथ पोस्टर, कह दी बड़ी बात

योगी के ‘बंटेंगे तो कटेंगे’ वाले नारे का सपा ने दिया जवाब, ब्राह्मण नेता ने लगाया अखिलेश के साथ पोस्टर, कह दी बड़ी बात

Yogi Adityanath Batenge toh Katenge: योगी आदित्यनाथ का ‘बंटेंगे तो कटेंगे’ वाला नारा सोशल मीडिया पर काफी पॉपुलर हुआ था और टीवी चैनलों पर भी इसे लेकर काफी बहस हुई थी।

Batenge Toh Katenge Slogan Controversy: उत्तर प्रदेश के साथ ही देश की राजनीति में भी इन दिनों एक नारे को लेकर जबरदस्त चर्चा चल रही है। यह नारा ‘बटेंगे तो कटेंगे’ का है। यह नारा उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने दिया है। अब सपा ने उनके इस नारे पर जोरदार पलटवार किया है। बताना होगा कि उत्तर प्रदेश में नौ विधानसभा सीटों के लिए हो रहे उपचुनाव की वजह से चुनावी माहौल काफी गर्म है। इस उपचुनाव में सपा और बीजेपी के बीच जोरदार टक्कर है।

 

इन 9 सीटों पर हो रहा है उपचुनाव

विधानसभा सीट का नाम संबंधित लोकसभा

कटेहरी अंबेडकर नगर

मझवां मिर्जापुर

मीरापुर मुजफ्फरनगर

सीसामऊ कानपुर नगर

करहल मैनपुरी

फूलपुर फूलपुर

खैर अलीगढ़

कुंदरकी मुरादाबाद

गाजियाबाद गाजियाबाद

पोस्टर में लिखा- पीडीए के संग रहेंगे

सपा के पोस्टर में पूर्व मुख्यमंत्री अखिलेश यादव की तस्वीर के साथ लिखा गया है- न बटेंगे न कटेंगे, पीडीए के संग रहेंगे। पोस्टर में अखिलेश यादव के साथ ही पार्टी के नेता अमित चौबे का भी फोटो है। अमित चौबे जनपद महाराजगंज की फरेंदा विधानसभा क्षेत्र से आते हैं। पोस्टर में सत्ताईस के सत्ताधीश भी लिखा गया है। बताना होगा कि उत्तर प्रदेश में अगला विधानसभा चुनाव फरवरी, 2027 में होना है। विरोधी दलों के द्वारा इस नारे की आलोचना के बीच राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ (आरएसएस) ने इसका समर्थन किया था।

 

लोकसभा चुनाव 2024 में जिस तरह सपा की अगुवाई में इंडिया गठबंधन ने शानदार प्रदर्शन किया था, उसके बाद उपचुनाव की लड़ाई के साथ ही 2027 के चुनाव की लड़ाई भी काफी तेज हो गई है।

 

लोकसभा चुनाव 2024 में 37 सीटें जीती थी सपा

राजनीतिक दल 2024 में मिली सीटें 2019 में मिली सीटें

बीजेपी 33 62

सपा 37 5

कांग्रेस 6 1

बीएसपी 0 10

रालोद 2 –

अपना दल (एस) 1 2

आजाद समाज पार्टी(कांशीराम) 1 –

कारगर रहा था पीडीए का फॉर्मूला

याद दिला दें कि लोकसभा चुनाव 2024 में समाजवादी पार्टी के पीडीए फार्मूले ने जबरदस्त काम किया था। पिछले लोकसभा चुनाव में सिर्फ पांच सीटें जीतने वाली समाजवादी पार्टी इस बार 37 सीटों पर जीत हासिल करने में कामयाब रही थी।

 

पीडीए का मतलब है- पिछड़ा, दलित और अल्पसंख्यक। यूपी में पिछड़े समुदाय की आबादी 45%, दलित समुदाय की आबादी 21.5% और मुस्लिम समुदाय की आबादी 20% है। कुल मिलाकर पीडीए की आबादी यूपी में 86.5 प्रतिशत है। सपा को उम्मीद है कि उसे आगे भी पीडीए का समर्थन इसी तरह मिलता रहेगा।

केशव बोले- पीडीए का मतलब परिवार डेवलपमेंट अथॉरिटी

इस मामले में उपमुख्यमंत्री केशव प्रसाद मौर्य ने कहा है कि पीडीए का मतलब परिवार डेवलपमेंट अथॉरिटी है और पीडीए के नारे के नाम पर लोगों को धोखा दिया जा रहा है। मौर्य ने न्यूज चैनल आज तक से बातचीत में कहा कि इस नारे का पिछड़ा, दलित और अल्पसंख्यक से कोई सरोकार नहीं है। उन्होंने कहा कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने सबका साथ सबका विकास का मंत्र दिया है और इस मंत्र के आधार पर ही बीजेपी ने देश में और भारत के कई राज्यों में सरकार बनाई है। उन्होंने कहा कि सपा का भविष्य अंधकार में है और सपा का अंधकार दूर होने वाला नहीं है।

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