उत्तर प्रदेश

उत्तर प्रदेश विधानसभा उप चुनाव: ओबीसी वोटरों को रिझाने के लिए बीजेपी ने खेला समाजवादी पार्टी का दांव

उत्तर प्रदेश विधानसभा उप चुनाव: ओबीसी वोटरों को रिझाने के लिए बीजेपी ने खेला समाजवादी पार्टी का दांव

उत्तर प्रदेश में विधानसभा की नौ सीटों पर उपचुनाव में बीजेपी और समाजवादी पार्टी ने पिछड़े उम्मीदवारों पर दांव लगाया है.

 

समाजवादी पार्टी ने पीडीए (पिछड़ा, दलित, अल्पसंख्यक) फॉर्मूले की बदौलत लोकसभा चुनाव में बीजेपी को पछाड़ दिया था.

 

राज्य में मीरापुर (मुज़फ़्फ़रनगर), कुंदरकी (मुरादाबाद), गाज़ियाबाद, खैर (अलीगढ़), करहल (मैनपुरी), सीसामऊ (कानपुर), फूलपुर (प्रयागराज), कटेहरी (अंबेडकर नगर) और मझवां (मिर्ज़ापुर) में उपचुनाव हो रहे हैं.

 

विधानसभा उपचुनाव के लिए वोट 13 नवंबर को डाले जाएंगे और नतीजे 23 नवंबर को आएंगे. पहली बार बहुजन समाज पार्टी भी उपचुनाव में अपनी किस्मत आज़मा रही है. कांग्रेस ने समाजवादी पार्टी का समर्थन किया है.

लोकसभा चुनाव में समाजवादी पार्टी ने 37 सीटें जीती थीं. समाजवादी पार्टी के जीते हुए उम्मीदवारों में 25 पिछड़ी जातियों के थे.

 

पूर्व मुख्यमंत्री और समाजवादी पार्टी के प्रमुख अखिलेश यादव के इस्तीफ़े से रिक्त हुई मैनपुरी की करहल सीट से बीजेपी ने अनुजेश यादव को प्रत्याशी बनाया है.

 

अनुजेश यादव को इस सीट पर उतारने की वजह यादव मतदाता हैं जो यहां निर्णायक भूमिका में हैं. इस सीट से समाजवादी पार्टी के तेज प्रताप यादव उम्मीदवार हैं.

 

अंबेडकरनगर से सांसद चुने गए लालजी वर्मा के इस्तीफे़ से खाली हुई कटेहरी सीट पर बीजेपी ने धर्मराज निषाद को समाजवादी पार्टी की शोभावती वर्मा के ख़िलाफ़ उतारा है.

 

इस सीट पर कुर्मी और निषाद जाति के वोटर लगभग बराबर की संख्या में हैं. दोनों ओबीसी जातियों में गठजोड़ न हो इसलिए बीजेपी ने ये फैसला लिया है.

लोकसभा चुनाव में समाजवादी पार्टी के पीडीए फॉर्मूले की कामयाबी को देखते हुए बीजेपी ने भी इस बार ओबीसी उम्मीदवारों पर दांव लगाया है.

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