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लॉरेंस बिश्नोई हफ्ते में दो दिन रहता है मौन, पूजा-पाठ से कसरत तक; जेल में कैसे काट रहा वक्त

लॉरेंस बिश्नोई हफ्ते में दो दिन रहता है मौन, पूजा-पाठ से कसरत तक; जेल में कैसे काट रहा वक्त

पहले सिद्धू मूसेवाला और अब बाबा सिद्दीकी की हत्या को लेकर चर्चित गैंगस्टर लॉरेंस बिश्नोई इस समय गुजरात के साबरमती जेल में बंद है। बेहद सुरक्षित इस जेल में उसे कड़ी सुरक्षा इंतजाम के बीच रखा गया है।

 

पहले सिद्धू मूसेवाला और अब बाबा सिद्दीकी की हत्या को लेकर चर्चित गैंगस्टर लॉरेंस बिश्नोई इस समय गुजरात के साबरमती जेल में बंद है। बेहद सुरक्षित इस जेल में उसे कड़ी सुरक्षा इंतजाम के बीच रखा गया है। हालांकि, शातिर लॉरेंस अपने गुर्गों तक अपना आदेश पहुंचाने में कामयाब रहता है, चाहे वह देश के किसी भी जेल में बंद हो। पंजाब और राजस्थान की जेलों से तो वह टीवी इंटरव्यू तक दे चुका है।

 

लॉरेंस बिश्नोई को साबरमती जेल के एक ‘अंडा सेल’ में रखा गया है। इस खास बैरक में वह अकेला रहता है और कोई दूसरा कैदी उसके आसपास नहीं होता। दिन में बहुत कम समय के लिए वह बाहर निकल सकता है। बेहद खूंखार कैदियों को इस तरह के सेल में रखा जाता है। बिश्नोई के बैरक के आसपास सुरक्षा बेहद पुख्ता होती है। अपनी मर्जी से ना तो वह

 

हाल के कुछ मीडिया रिपोर्ट्स में बताया गया कि लॉरेंस बिश्नोई के सुबह की शुरुआत सुबह 5 बजे होती है। सूत्रों के मुताबिक वह सुबह जल्दी स्नान करने के बाद काफी देर तक पूजा पाठ में अपना समय बिताता है। बिश्नोई बेहद धार्मिक किस्म का व्यक्ति है। वह सुबह सेल में काफी देर तक ध्यान लगाकर पाठ करता है। यह भी बताया जाता है कि वह सप्ताह में दो दिन मौन व्रत भी रखता है। नवरात्रि में वह 9 दिन तक व्रत में रहता है तो अन्य कई पर्व त्योहार पर भी व्रत रखता है।

 

बताया जाता है कि लॉरेंस बिश्नोई खाने में अन्न कम और फल, दूध-दही अधिक लेता है। खाली वक्त में वह जेल में कसरत भी करता है। वह 24 घंटे सीसीटीवी की निगरानी में रहता है। लॉरेंस अगस्त 2023 से साबरमती जेल में बंद है। इससे पहले वह तिहाड़ जेल के अलावा पंजाब और राजस्थान की जेलों में भी रह चुका है। जेल में बंद होने के बावजूद वह करीब 700 शूटर्स वाले गैंग को संचालित कर रहा है जो देश में इस समय खौफ का दूसरा नाम बन चुका है। पंजाब से मुंबई तक लॉरेंस अपने डर का साम्राज्य कायम करने में जुटा हुआ है।कभी सेल से बाहर निकल सकता है और ना ही जेल के दूसरे कैदियों को उधर जाने की इजाजत होती है।

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