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दिवाली से पहले यूपी के इन छात्रों को CM योगी का तोहफा, मुख्यमंत्री ने जारी किए 5.86 करोड़ रुपये

दिवाली से पहले यूपी के इन छात्रों को CM योगी का तोहफा, मुख्यमंत्री ने जारी किए 5.86 करोड़ रुपये

सीएम योगी ने कहा मैं आश्वस्त करता हूं, जो भी संस्कृत में विशिष्ट शोध की थीसिस लिखेंगे, कुछ अच्छा कार्य करेंगे, उन सभी आचार्यों और छात्रों को हम स्कॉलरशिप देने की घोषणा करने जा रहे हैं.

UP Sanskrit Scholarship Scheme: उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने दिवाली से पहले उत्तर प्रदेश संस्कृत परिषद के छात्रों को बड़ा गिफ्ट दिया है. सीएम योगी ने वाराणसी में सम्पूर्णानन्द संस्कृत विश्वविद्यालय से संस्कृत छात्रवृत्ति योजना का शुभारंभ किया और 69195 विद्यार्थियों के लिए 5.86 लाख की छात्रवृत्ति की राशि जारी की.

 

सीएम योगी ने कहा सनातन धर्म की ऊर्जा का एक स्वर यहां आध्यात्मिक ऊर्जा से ओतप्रोत होकर गुंजायमान हो रहा था. संस्कृत को समझना है तो इस स्वर के अंतःकरण में स्वयं को समाहित करना पड़ेगा. मैं आश्वस्त करता हूं, जो भी संस्कृत में विशिष्ट शोध की थीसिस लिखेंगे, कुछ अच्छा कार्य करेंगे, उन सभी आचार्यों और छात्रों को हम स्कॉलरशिप देने की घोषणा करने जा रहे हैं.

 

 

संस्कृत भाषा और उसका साहित्य हमारा सबसे बड़ा खजाना

 

 

उन्होंने कहा कि महर्षि अरविन्द ने कहा था संस्कृत भाषा और उसका साहित्य हमारा सबसे बड़ा खजाना है. भारतीय संस्कृति के संरक्षण का दायित्व केवल संस्कृत उठा सकती है, संस्कृत के प्रति अनुराग रखने वाले लोग उठा सकते हैं, संस्कृत के प्रति श्रद्धा का भाव रखने वाला, आज का युवा उठा सकता है.

 

 

इस दौरान सीएम योगी ने कहा कि उत्तर प्रदेश संस्कृत परिषद को मान्यता तब मिल पाई जब हम लोगों की सरकार वर्ष 2017 में आई. सीएम योगी ने कहा उत्तर प्रदेश में जितने भी संस्कृत के बच्चे हैं, प्रथम: से लेकर आचार्य तक, इन सबके फॉर्म भरवाने हैं, सबको स्कॉलरशिप उपलब्ध करवानी है, इसके लिए हर संस्थान को अपने स्तर पर प्रयास करना पड़ेगा.

 

 

युद्धस्तर पर कार्य करने की आवश्यकता- सीएम योगी

 

 

सीएम योगी ने कहा कि जहां पर भी कोई व्यक्ति, कोई आश्रम, कोई अच्छा छात्रावास बनाकर देगा, विद्यालय देगा, बच्चों के रहने व खाने की नि:शुल्क व्यवस्था करेगा, हम अनुदान देकर के उस संस्थान को संस्कृत की मान्यता के लिए, अच्छे आचार्यों की नियुक्ति करने के लिए एक स्वतंत्रता भी देंगे. आज के परिपेक्ष में संस्कृत का उपयोग किस रूप में आगे बढ़ा सकते हैं, इसको भारतीय संस्कृति के दृष्टि से, वैज्ञानिक भाषा है इस दृष्टि से भी. इस पर लगकर के युद्धस्तर पर कार्य करने की आवश्यकता है.

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