भाजपा से बैर नहीं, एकनाथ शिंदे की खैर नहीं; राज ठाकरे ने कर लिया कोई सीक्रेट समझौता
यह सवाल भी उठ रहे हैं कि क्या एकनाथ शिंदे को कंट्रोल करने के लिए भाजपा मनसे को मजबूत करना चाहती है। दरअसल मनसे का ठाणे और मुंबई में ही जनाधार है, जिसे एकनाथ शिंदे की सेना अपना गढ़ मान कर चल रही है। ऐसे में इन सीटों पर यदि उसे हार मिली तो पूरा समीकरण ही
क्या राज ठाकरे ने भाजपा से कोई गुप्ता समझौता कर लिया है? महाराष्ट्र विधानसभा चुनाव को लेकर यह सवाल खूब उठ रहा है। इसकी पुख्ता वजह भी है क्योंकि मनसे ने ऐसी किसी भी सीट पर कैंडिडेट नहीं खड़े किए हैं, जिन पर भाजपा लड़ रही है। वहीं ऐसी तमाम सीटों पर उम्मीदवार खड़े किए हैं, जहां एकनाथ शिंदे की शिवसेना मुकाबले में है। इसके चलते यह सवाल भी उठ रहे हैं कि क्या एकनाथ शिंदे को कंट्रोल करने के लिए भाजपा मनसे को मजबूत करना चाहती है। दरअसल मनसे का ठाणे और मुंबई में ही जनाधार है, जिसे एकनाथ शिंदे की सेना अपना गढ़ मान कर चल रही है। ऐसे में इन सीटों पर यदि उसे हार मिली तो पूरा समीकरण ही बदल जाएगा।
सोमवार को नामांकन वापसी का आखिरी दिन था। इसके साथ ही पूरे प्रदेश में चुनावी फाइट की तस्वीर साफ हो गई है। मनसे ने मुंबई की 36 में से 25 सीटों पर कैंडिडेट उतारे हैं। महायुति में यहां भाजपा 10 सीटों पर उतरी है, जबकि शिवसेना 12 पर लड़ रही है। दिलचस्प बात है कि ठाकरे के दल ने भाजपा नेताओं के खिलाफ कैंडिडेट नहीं उतारे हैं, जिन्हें डिप्टी सीएम देवेंद्र फडणवीस के करीब माना जाता है। मनसे ने भाजपा नेता राहुल नार्वेकर, मंगलप्रभात लोढ़ा, आशीष शेलार, विनोद शेलार, मिहिर कोटेचा, तमिल सेल्वन को वॉकओवर दिया है। इन सभी फडणवीस के करीबियों में शुमार किया जाता है।