रीगा में पांच वर्षों बाद फिर से गूंजेगी चीनी मिल की धड़कन: मुख्य प्रबंध निदेशक पुतुर देबराजूलु ने किया पदभार ग्रहण
कुणाल किशोर सीतामढ़ी
*सीतामढ़ी,रीगा :-* लंबे समय से बंद पड़े रीगा चीनी मिल के पुन: संचालन की खबर ने स्थानीय समुदाय में उम्मीद की किरण जगा दी है। सोमवार को पुतुर देबराजूलु ने रीगा चीनी मिल में मुख्य प्रबंध निदेशक (सीएमडी) के रूप में कार्यभार संभाला। उनके आगमन ने न केवल इस क्षेत्र के गन्ना किसानों, बल्कि पूरे क्षेत्र के लोगों में भी नया उत्साह पैदा किया है, जो मिल के फिर से चालू होने का बेसब्री से इंतजार कर रहे थे।
पुतुर देबराजूलु का विस्तृत अनुभव
मुख्य प्रबंध निदेशक पुतुर देबराजूलु का नाम चीनी उद्योग में एक अनुभवी और कुशल प्रबंधक के रूप में जाना जाता है। उन्होंने कर्नाटक, आंध्र प्रदेश, और महाराष्ट्र जैसे प्रमुख राज्यों में चीनी मिलों के सफल संचालन का अनुभव प्राप्त किया है। अंतरराष्ट्रीय स्तर पर भी, वह साउथ अफ्रीका और युगांडा में चीनी मिलों के संचालन में अपनी सेवाएं दे चुके हैं। ऐसे समृद्ध अनुभव के साथ देबराजूलु के पदभार ग्रहण करने से रीगा चीनी मिल के भविष्य को लेकर सकारात्मक उम्मीदें हैं।
मौके पर उपस्थित वरिष्ठ अधिकारी
मुख्य प्रबंध निदेशक के कार्यभार संभालने के अवसर पर अन्य वरिष्ठ अधिकारियों की भी उपस्थिति रही। इनमें महा प्रबंधक मोहन पाल, ईंख प्रबंधक अमरेंद्र कुमार सिंह, एचआर अधिकारी उपेंद्र कुमार और केएन सिंह जैसे महत्वपूर्ण अधिकारी शामिल थे। इनकी उपस्थिति ने भी मिल के सुचारू संचालन और पुनर्निर्माण को लेकर प्रतिबद्धता को स्पष्ट रूप से दर्शाया।
स्थानीय समुदाय में उम्मीद
पिछले पांच वर्षों से बंद पड़ी इस मिल के पुन: संचालन से क्षेत्र के गन्ना किसानों को विशेष लाभ होगा, जिनके लिए मिल का बंद होना एक बड़ी आर्थिक चुनौती साबित हुई थी। मिल के फिर से खुलने से न केवल स्थानीय किसानों को उनके उत्पाद के लिए एक बड़ा बाजार मिलेगा, बल्कि स्थानीय रोजगार और आर्थिक गतिविधियों में भी वृद्धि होगी।
रीगा चीनी मिल का पुनर्जीवन न केवल इस क्षेत्र के लोगों के लिए खुशी का विषय है, बल्कि इससे संबंधित व्यवसायों और स्थानीय अर्थव्यवस्था को भी प्रोत्साहन मिलने की उम्मीद है।