
कई समस्याओं से भरी इस विखंडित दुनिया में प्रगती के पथ पर होने वाला भारत एक आश्वासक स्थान : पियुष गोयल
एशिया इकॉनॉमिक डायलॉग २०२५ का पुणे में संपन्न
पुणे, : विभिन्न देशों में चल रहे छोटे और बड़े संघर्ष उसके साथ साथ शाश्वतता,हवामान बदल ये सभी समस्या से जूझ रहे विखंडित दुनिया में प्रगती के पथ पर होने वाला भारत एक आश्वासक स्थान है, ऐसा मत केंद्रिय वाणिज्य एवं उद्योग मंत्री श्री.पियुष गोयल ने व्यक्त किया. भारतीय परराष्ट्र मंत्रालय और पुणे इंटरनॅशनल सेंटर (पीआयसी) के सहयोग में पुणे के हॉटेल जेडब्ल्यू मॅरिएट में २० फरवरी से २२ फरवरी २०२५ के दौरान आयोजित किये गए छटे आंतरराष्ट्रीय एशिया इकॉनॉमिक डायलॉग (एईडी) इस वार्षिक भू-अर्थशास्त्र परिषद का उद्घाटन किया गया. विखंडन के युग में इकोनॉमिक रेझिलियन्स ॲन्ड रिसर्जन्स इन ॲन इरा ऑफ फ्रॅगमेंटेशन इस संकल्पना पर केंद्रित एईडी २०२५ में ९ देशों के ४० वक्ता तीन दिन के १२ सत्रों में सहभागी हुए है. इसमें ऑस्ट्रेलिया,इजिप्त,इंडोनेशिया,जपान,नेपाळ,नेदरलँडस,सिंगापूर,साऊथ आफ्रिका और श्रीलंका इन ९ देश के धोरणकर्ता,शिक्षणतज्ञ एवं उद्योगतज्ञ सहभागी हुए है. इस अवसर पर जेष्ठ शास्त्रज्ञ और पीआयसी के अध्यक्ष डॉ.रघुनाथ माशेलकर ने उपस्थित लोगो का स्वागत किया.
उद्घाटन सत्र में एशिया इकोनॉमिक डायलॉग २०२५ के संयोजक और चीन एवं भूतान से भारत के पूर्व राजदूत तथा पाकिस्तान में भारत के पूर्व उच्चायुक्त ॲम्बेसिडर गौतम बंबावले, केंद्रिय वाणिज्य और उद्योग मंत्री श्री.पियुष गोयल इनसे बात की. अर्थव्यवस्था के प्रसिद्ध विशेषज्ञ और लिलिपुट लैंड – हाउस मॉल इज़ ड्राइविंग इंडियाज़ मेगा कंजम्पशन स्टोरी की लेखिका रमा बीजापुरकर ने बायोकॉन समूह के अध्यक्ष किरण मुजुमदार शॉ के साथ बातचीत की.
इस अवसर पर बोलते हुए केंद्रीय वाणिज्य एवं उद्योग मंत्री श्री पीयूष गोयल ने कहा कि इस समय दुनिया के विभिन्न देशों में 56 छोटे-बड़े संघर्ष चल रहे हैं, इसका असर 92 से अधिक देशों पर पड़ रहा है. जबकि हर देश अपना अलग रास्ता खोज रहा है, हमें वर्ष 2047 तक विकसित भारत के लिए अपना रास्ता खुद खोजना होगा.
विविध उपक्रम और पहल का विवरण करते हुए पियुष गोयल ने कहा, बृहद अर्थव्यवस्था घटक,लोककल्याण और निवेश एवं उपयोग के आधारित विकास पर हमने जोर दिया है. जिस कारन भारत के आर्थिक विकास को बड़ी गति मिली है.
इस तीन दिन के परिषद में इकोनॉमिक रेझिलियन्स ॲन्ड रिसर्जन्स इन ॲन इरा ऑफ फ्रॅगमेंटेशन इस विषयपर चर्चा होगी. परिषद में चर्चा किए जाने वाले कुछ जरुरी भू-आर्थिक विषयों में कृत्रिम बुध्दिमत्ता,सायबर सुरक्षा,आफ्रिका का परिवर्तन,ब्ल्यू इकोनॉमी,आंतरराष्ट्रीय चलन व्यवस्था,सुक्ष्म,लघु,मध्यम उद्योग (एमएसएमई) और हवामान बदल इनका समावेश है.
इस परिषद में एआय और ऑटोमेशन के युग में नेतृत्व की पुनर्कल्पना,आफ्रिका का परिवर्तन – मदत से निवेश तक, सर्व्हायवल बिफोर सस्टेनेबिलिटी – ॲन अजेंडा फॉर धिस डेकेड,सायबर विषयपर सहकार्य – एक आर्थिक आवश्यकता, आंतरराष्ट्रीय चलन व्यवस्था – चुनौतियां एवं सुधारणा, एमएसएमई व्यापार को सक्षम बनाके सुप्त सामर्थ्य वास्तव में लाना और ब्ल्यू इकोनॉमी इन विषयोंपर फायरसाईड चॅटस और स्ट्रोक समावेश है. ये सम्मेलन केवल आमंत्रितों के लिए है.