बाराणसी यूपी : वाराणसी में रामनगर थाना क्षेत्र स्थित गंगा किनारे सुजाबाद में फूलन देवी की प्रतिमा लगाई जानी थी. करीब 15 फीट ऊंची प्रतिमा यहां पहुंची तो कुछ स्थानीय ग्रामीणों ने इसका विरोध कर दिया. उसके बाद…
वाराणसी. यूपी में मिशन-2022 (UP Assembly Election-2022) के लिए एक और जहां बड़े सियासी दलों ने संगठन को मजबूत करते हुए अपने प्रचार अभियान को धार देना शुरू कर दिया है. वहीं दूसरी ओर छोटे और नए दल भी हाथ आजमाते हुए फिलहाल अपने लिए जमीन तलाशने में जुटे हैं. छोटे दलों का बड़ा घमासान सबसे ज्यादा पूर्वांचल में देखने को मिल रहा है. हाल ही में हुए बिहार विधानसभा चुनाव में अपने 4 विधायक जिताकर बिहार की सत्ता में भागीदारी हासिल करने वाली विकासशील इंसान पार्टी (Vikassheel Insaan Party) यानी VIP भी इनमें से एक है.
विकासशील इंसान पार्टी भी यूपी के पूर्वांचल में तेजी से सक्रिय होने का प्रयास कर रही है. इसकी नजर मल्लाह (निषाद) वोट पर है, जो गोरखपुर से लेकर बनारस तक कई सीटों में ठीक-ठाक संख्या में है. विकासशील इंसान पार्टी ने यूपी में अपने अभियान का आगाज नए ढंग से किया. पार्टी की तरफ से 25 जुलाई को यूपी के 18 मंडलों में यमुना नदी के बीहड़ से संसद पहुंचने वाली सांसद दिवंगत फूलन देवी का शहादत दिवस मनाने का फैसला किया गया. तय हुआ कि इसी दिन फूलन देवी की प्रतिमा लगाई जाएगी.
वाराणसी में इसके लिए रामनगर थाना क्षेत्र स्थित गंगा किनारे सुजाबाद में प्रतिमा लगाई जानी थी. इसके लिए फूलन देवी की प्रतिमा भी पहुंच गई, जो करीब 15 फीट ऊंची थी. लेकिन प्रतिमा पहुंचते ही कुछ स्थानीय ग्रामीणों ने इसका विरोध कर दिया, जिसके बाद मौके पर पुलिस पहुंच गई. पुलिस ने प्रतिमा को कब्जे में लेकर थाने भिजवा दिया.
एसीपी कोतवाली प्रवीण सिंह का कहना है कि पार्टी के पास ना ही प्रतिमा लगाने की प्रशासनिक अनुमति मिली और ना ही किसी तरीके की सभा की क्योंकि वाराणसी में धारा-144 लागू है. ऐसे में अनुमति होना जरूरी है. अब जबकि वाराणसी में अनुमति के पेंच में विकासशील इंसान पार्टी का मूर्ति लगाने का कार्यक्रम फंस गया है तो फिलहाल उनकी ओर से इसके लिए लगातार पुलिस से बात की जा रही है.
[फूलन देवी की प्रतिम थाने ले गई पुलिस
वाराणसी पुलिस ने फूलन देवी की प्रतिमा को फिलहाल अपने कब्जे में ले लिया है.
सियासी जानकार मानते हैं कि फूलन देवी को आदर्श मानते हुए उनकी प्रतिमा लगाने के पीछे मकसद गंगा किनारे के जिलों में मल्लाह वोटों की गोलबंदी करना ही है. बता दें इसी पार्टी के संस्थापक मुकेश सहनी बिहार के पशुपालन और मत्स्य विभाग के कैबिनेट मंत्री हैं. इस कार्यक्रम में मुकेश सहनी के भी आने की चर्चा थी.