पूणेव्हीकल

टोयोटा किर्लोस्कर मोटर ने विश्व वन दिवस और विश्व जल दिवस 2025 पर पर्यावरण संरक्षण और सतत प्रथाओं के प्रति अपनी प्रतिबद्धता की पुष्टि की

टोयोटा किर्लोस्कर मोटर ने विश्व वन दिवस और विश्व जल दिवस 2025 पर पर्यावरण संरक्षण और सतत प्रथाओं के प्रति अपनी प्रतिबद्धता की पुष्टि की

 

 

 

Pune : दुनिया जब ‘विश्व वन दिवस’ और ‘विश्व जल दिवस’ मना रही है, टोयोटा किर्लोस्कर मोटर (टीकेएम) पर्यावरण संरक्षण के प्रति अपनी प्रतिबद्धता की पुष्टि करती है। यह वैश्विक टोयोटा एनवायमेंटल चैलेंज (पर्यावरण चुनौती) 2050 (टीईसी 2050) को मूर्त रूप देती है। इसमें ‘शून्य पर्यावरणीय प्रभाव से आगे बढ़ना और शुद्ध सकारात्मक प्रभाव प्राप्त करना’ जैसी छह दूरदर्शी चुनौतियां शामिल हैं। इनमें पानी के उपयोग को न्यूनतम और इष्टतम करना तथा प्रकृति के साथ सद्भाव में भविष्य के समाज की स्थापना भी की जानी है।

 

 

 

टोयोटा एनवायमेंटल चैलेंज 2050 की स्थापना 2015 में हुई थी। तबसे टोयोटा एनवायमेंटल चैलेंज कंपनी की निरंतर जारी रहने वाली पहल का मार्गदर्शन करना जारी रखती है। इससे पृथ्वी के पारिस्थितिकी तंत्र की बहाली में सकारात्मक योगदान संभव हो पाता है, इसके लिए कार्बन उत्सर्जन, संसाधनों की कमी, पानी की कमी और इसकी संपूर्ण मूल्य श्रृंखला में जैव विविधता के नुकसान जैसी चुनौतियों का समाधान किया जा सकता है। टीकेएम की प्रतिबद्धता के केंद्र में ‘ग्रह के प्रति सम्मान’ का गहन दर्शन निहित है, जो पारिस्थितिकी तंत्र और स्थानीय समुदायों को समृद्ध करते हुए पर्यावरणीय प्रभाव को कम करने के कंपनी के प्रयासों को प्रेरित करता है।

 

 

 

इस दिशा में, पानी को एक अमूल्य और साझा संसाधन के रूप में पहचानते हुए, टोयोटा किर्लोस्कर मोटर अपने प्लांट में पानी के उपयोग को अनुकूलित और सर्वश्रेष्ठ करने के लिए एक समग्र ‘4आर’ रणनीति का पालन करता है। ये हैं रिड्यूस – कम करें, री यूज – पुनः उपयोग करें, रीसाइकिल – रीसाइकिल करें और रीचार्ज करें। उत्पादन के लिए टीकेएम की पानी की कुल आवश्यकता का 89.3% हिस्सा रीसाइकिल किए गए पानी और वर्षा जल संचयन के माध्यम से पूरा किया जाता है। 51,000 क्यूबिक (घन) मीटर की भंडारण क्षमता वाले वर्षा जल संचयन तालाबों और 18 भूजल पुनर्भरण गड्ढों के साथ, टीकेएम अपने परिसर में सालाना भूजल स्तर को लगातार बढ़ाता है। एक अत्याधुनिक अपशिष्ट जल उपचार संयंत्र एमबीआर और आरओ जैसी उन्नत तकनीक का उपयोग करके 60% तक अपशिष्ट जल को रीसाइकिल करता है। इसका उपयोग फिर औद्योगिक और बागवानी उद्देश्यों के लिए किया जाता है। इसके अलावा, भूजल स्तर की निगरानी से स्पष्ट लाभ दिखाई देते हैं: प्री-मानसून (मई-जून 2022) का स्तर 25.8 फीट था, जो मानसून के बाद (नवंबर-दिसंबर) 16.1 फीट तक उल्लेखनीय रूप से सुधर गया। ये पहल टीकेएम को शून्य तरल निर्वहन संयंत्र बनने की दिशा में आगे बढ़ने में मदद करती हैं, जो जल सकारात्मकता की ओर उत्तरोत्तर आगे बढ़ता है।

 

 

 

जैव विविधता संरक्षण के लिए प्रतिबद्ध, टीकेएम सक्रिय रूप से व्यापक वनरोपण पहल का समर्थन करता है। टोयोटा ग्रीनवेव परियोजना के माध्यम से, टीकेएम ने 2009 से अपने परिसर में 328,000 से अधिक पौधे लगाए हैं। इससे 790 से अधिक प्रकार की वनस्पतियों और 410 प्रजातियों के जीवों के साथ एक पारिस्थितिकी तंत्र का पोषण हुआ है। वनरोपण की मियावाकी अवधारणा का पालन करते हुए, टीकेएम ने महत्वपूर्ण कार्बन पृथक्करण हासिल किया है – कुल 4,826.69 टन – मियावाकी वृक्षारोपण के साथ 30.86 टन कार्बन प्रति एकड़ संग्रहित किया गया, जबकि पारंपरिक वृक्षारोपण विधियों से 8.45 टन प्रति एकड़ का आंकड़ा है।

 

 

 

अपने विचार साझा करते हुए, टोयोटा किर्लोस्कर मोटर के एक्जीक्यूटिव वाइस प्रेसिडेंट और डायरेक्टर (विनिर्माण) श्री बी पद्मनाभ ने कहा, “हमारे लिए, निरंतरता हमारे व्यवसाय के हर पहलू में गहराई से समाहित है। भारत में हमारे सफल संचालन के इन 26 उल्लेखनीय वर्षों में, हमारी यात्रा हमेशा नवाचार, कॉर्पोरेट जिम्मेदारी और समुदायों के साथ सार्थक संबंधों के माध्यम से स्थायी मूल्य बनाने की प्रतिबद्धता से प्रेरित रही है। टीईसी 2050 द्वारा निर्देशित, हम न केवल अपने संयंत्र संचालन में बल्कि पूरे मूल्य श्रृंखला में अग्रणी स्थिरता प्रथाओं को एकीकृत करते हैं, जिससे समाज में वास्तविक परिवर्तन होता है। हमारा विज़न स्पष्ट है – एक ऐसा भविष्य बनाना जहाँ स्थिरता और कल्याण एक साथ पनपें, जीवन को समृद्ध करें, जबकि हमारे ग्रह की रक्षा करें।

 

 

 

हमने जो प्रभाव डाला है उसपर हम गर्व करते हैं और स्थायी व निरंतर परिवर्तन लाने के लिए प्रतिबद्ध हैं। हमारा काम जारी है, सभी के लिए एक उज्जवल, खुशहाल भविष्य का निर्माण चल रहा है।”

 

 

 

टीकेएम के पर्यावरण और सामुदायिक आउटरीच का केंद्र 25 एकड़ का इकोज़ोन है, जो ‘टुडे फॉर टुमॉरो’ पहल के तहत स्थापित एक अत्याधुनिक अनुभवात्मक पर्यावरण शिक्षण केंद्र है। वित्त वर्ष 2020 से, इकोज़ोन देशी जैव विविधता के संरक्षण में महत्वपूर्ण भूमिका निभा रहा है और लुप्तप्राय वन्यजीवों सहित 650 से अधिक प्रजातियों का घर है। यह जीवंत शैक्षिक स्थान 40,000 से अधिक स्कूली बच्चों और विभिन्न हितधारकों तक पहुँच चुका है, जिससेइ को चैंपियन तैयार हुए हैं

 

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