४९ साल के मेंदू मृत व्यक्ति ने दिया पाच मरीजों को नया जीवन हृदय, मूत्रपिंड और नेत्रदान
पुणे : सड़क दुर्घटना के बाद नोबल हॉस्पिटल अँड रिसर्च सेंटर में मेंदूमृत घोषित किये गए ४९ साल के इंसान ने हृदय, मूत्रपिंड और नेत्र दान कर के पाच मरीजों को नया जीवन दिया. हृदय मुंबई की अस्पताल में भेजा गया, एक मूत्रपिंड बाणेर के अस्पताल में भेजा गया और दूसरा मूत्रपिंड नोबल हॉस्पिटल में दीर्घकाल से मूत्रपिंड के बीमारी से जूझ रही महिला पर प्रत्यारोपित किया गया. नेत्रदान के बाद कॉर्निया पुणे के एक आय बैंक में भेजा गया.
१३ मार्च रात को रास्ता पार करते समय ४९ साल का पुरुष अभियंता की दुर्घटना हुई थी. उसके बाद उन्हें नोबल हॉस्पिटल अँड रिसर्च सेंटर में लाया गया. नोबल हॉस्पिटल अँड रिसर्च सेंटर के कार्यकारी संचालक एच.के साळे ने कहा की, मरीज के सिर पर बहुत गंभीर चोट पहुंची थी और १४ मार्च की रात को उन्हें मेंदू मृत घोषित किया गया. उनके परिवार ने अवयवदान करने के लिए अनुमति दी. उसके बाद १५ मार्च की शाम उनका हृदय, मूत्रपिंड और नेत्र निकाला गया और ग्रीन कॉरिडॉरद्वारा विभिन्न अस्पतालों में भेजा गया. एक मूत्रपिंड का प्रत्यारोपण नोबल हॉस्पिटल में मूत्रपिंड के बीमारी से दीर्घकाल जूझ रहे ६२ साल के महिला पर किया गया
डॉक्टर और कर्मचारियों की टीम में डॉ. विक्रम सातव, डॉ.संगीता चंद्रशेखर, वैद्यकीय प्रशासक डॉ. राज कोद्रे, वैद्यकीय सामाजिक कार्यकर्ता अभिजीत देशमुख, प्रवीण जाधव, प्रत्यारोपण समन्वयक विशाल तोरडे इन सभी का समावेश था.
मूत्रपिंड प्रत्यारोपण में नोबल हॉस्पिटल के टीम से डॉ. विक्रम सातव, डॉ. शशिकांत आसबे, भूल तज्ज्ञ डॉ. संगीता चंद्रशेखर, डॉ. निलेश वसमत्कर और नेफ्रॉलॉजिस्ट डॉ. अविनाश इग्नाटीअस और राकेश शिंदे का समावेश था.
नोबल हॉस्पिटल्स अँड रिसर्च सेंटर के संचालक डॉ.दिविज माने ने कहा की, अवयवदान के लिए अनुमति देने वाले मेंदू मृत व्यक्ति के परिवार के सदस्यों को हम सलाम करते है. उनके निस्वार्थ कृति के कारण प्रत्यारोपण की प्रतीक्षा कर रहे मरीजों को नया जीवन मिल गया .
नोबल हॉस्पिटल्स अँड रिसर्च सेंटर के अध्यक्ष और व्यवस्थापकीय संचालक डॉ. दिलीप माने ने कहा की, विभिन्न अस्पतालों में अवयव भेजने के लिए ग्रीन कॉरिडॉर तैयार करने के लिए हम, ट्रैफिक पुलिस और हडपसर पुलिस स्टेशन टीम का आभार व्यक्त करते है. साथ ही में इस पूरी प्रक्रिया का समन्वयन करने के लिए झेडटीसीसी पुणे का आभार व्यक्त करते है
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