
स्टार्टअप के जरिए भारत बनेगा महाशक्ति
डॉ. पंकज जैन के विचार : ले छलांग हैक एमआईटी डब्ल्यूपीयू २०२५ का उद्घाटन
पुणे नवीन विचारों, रचनात्मकता, प्रतिभा और लीक से हटकर सोचने का संयोजन एक सफल स्टार्टअप की कुंजी है. यही वह चीज है जो भारत को भविष्य की महाशक्ति बनाएगी. चूंकि भारतीय बाजार दुनिया में इतना बड़ा है, इसलिए यहां लाखों स्टार्टअप शुरू करने की जरूरत है. ऐसे विचार डॉ. पंकज जैन ने व्यक्त किए.
नवाचार, ऊष्मायन और आविष्कार की संस्कृति को बढ़ावा देने के उद्देश्य से एमआईटी वर्ल्ड पीस यूनिवर्सिटी ने विश्वविद्यालय के स्वामी विवेकानंद सभागार में तीन दिवसीय प्रतियोगिता ले छलांग हैक एमआईटी डब्ल्यूपीयू २०२५ का उद्घाटन किया. वे इस अवसर पर बतौर मुख्य अतिथि के रूप में बोल रहे थे.
इस अवसर पर ब्लू ओशन स्टील्स के सीईओ डॉ. पंकज जैन नॉर्दर्न ट्रस्ट कॉरपोरेशन टेक्नोलॉजी इंफ्रास्ट्रक्चर यूएसए के वरिष्ठ उपाध्यक्ष राजेश कोरडे और एक्सेंचर कंपनी के प्रबंध निदेशक भूपेश गहरोत्रा मुख्य अतिथि के रूप में उपस्थित थे.
इसके अलावा, एमआईटी के संस्थापक ट्रस्टी और एमआईटी टीबीआई के निदेशक प्रो. प्रकाश जोशी, एमआईटी डब्ल्यूपीयू के कुलपति डॉ. आर.एम.चिटणीस, प्र कुलपति तथा कार्यक्रम के मुख्य समन्वयक डॉ. मिलिंद पांडे, डॉ. कृष्णा वर्हाडे, डॉ. कृष्णप्रसाद गुनाले, डॉ. अंजलि साने, डॉ. मंगेश बेडेकर, डॉ. अक्षय मल्होत्रा तथा डॉ. सिद्धार्थ चक्रवर्ती उपस्थित थे.
एमआईटी डब्ल्यूपीयू के संस्थापक अध्यक्ष प्रो. डॉ. विश्वनाथ दा. कराड और एमआईटी डब्ल्यूपीयू के कार्यकारी अध्यक्ष डॉ. राहुल विश्वनाथ कराड की अवधारणा के आधार पर स्टार्टअप कार्यक्रम ले छलांग हैक एमआईटी डब्ल्यूपीयू २०२५ का आयोजन किया गया है.
डॉ. पंकज जैन ने कहा, छात्रों में अद्वितीय गुण हैं जो उन्हें महान उद्यमी बना सकते हे, वे लीक से हटकर सोच सकते हैं, नई परिस्थितियों में जल्दी से ढल सकते है. प्रौद्योगिकी के प्रति उनका प्रेम उन्हें उद्यमशीलता के रूझानों को पहचानने और उनका लाभ उठाने में मदद करता है. इन चीजों के आधार पर देश स्टार्टअप के माध्यम से एक महाशक्ति बन जाएगा.
राजेश कोरडे ने कहा, युवाओं की ऊर्जा का उपयोग स्टार्टअप में बदलने के लिए किया जाना चाहिए.छात्रों को सहयोग की भावना को बढावा देना चाहिए और नए विचारों को बढावा देना चाहिए. देश की बढती आबादी को देखते हूए यहां लाखों स्टार्टअप स्थापित करने की आवश्यकता हे. ऐसे समय में युवाओं को अपनी क्षमता को पहचानना चाहिए और स्टार्टअप में रचनात्मक रूप से काम करना चाहिए.
भूपेश गहरोत्रा ने कहा, हैकेथॉन देश की सभी समस्याओं का समाधान खोजने का एकमात्र साधन है. साथ ही छात्रों को असफलता से सीखते रहना चाहिए. हैकेथॉन बच्चों के लिए एक प्रशिक्षण केंद्र है और एआई का उपयोग करके नए स्टार्टअप शुरू किए जाने चाहिए. यह समय की मांग है कि सभी को गुणवत्तापूर्ण शिक्षा मिले.
प्रो.प्रकाश जोशी ने कहा, कल के भारत को स्टार्टअप के माध्यम से सशक्त बनाया जा सकता है. ऐसे में हम टीबीआई के माध्यम से किसी भी स्टार्टअप को स्थापित करने के लिए कड़ी मेहनत कर रहे है. छात्रों को उद्यमिता के लिए आगे आना चाहिए.
डॉ. आर.एम.चिटणीस ने कहा, हैक एमआईटी डब्ल्यूपीयू से नए उद्यमी तैयार होंगे और देश तरक्की करेगा. इससे रचनात्मकता सामने आएगी और छात्र अपना स्टार्टअप शुरू कर सकेंगे. उद्यमी बनने के लिए किसी डिग्री की जरूरत नहीं है. हैकेथॉन प्रतियोगिताएं छात्रों को लगातार नई दिशा देती है. इस कार्यक्रम का मुख्य उद्देश्य देश के भविष्य को आकार देना है.
डॉ. मिलिंद पांडे ने कहा, रोजगार, ऊर्जा और पर्यावरण जैसी वैश्विक समस्याओं का समाधान उद्यमिता के माध्यम से ही किया जा सकता है. एमआईटी टीबीआई महिला उद्यमियों की संख्या बढ़ाने के लिए भी अधिक प्रयास कर रहा है. छात्रों में माइंड टू मार्केट और पेपर टू प्रोडक्ट की अवधारणा को विकसित करना बहुत जरूरी है. यह उनके विचारों को बढावा देने और उनकी बौद्धिक क्षमता को बढ़ाकर उन्हें उद्यमी बनाने की नीति को लागू करने का एक ईमानदार प्रयास है. सामाजिक समस्याओं के समाधान के लिए हैकाथॉन का आयोजन किया जाता है. छात्रों को वैश्विक शांतिप्रिय समाज की मानसिकता रखते हुए नवाचारों को बढ़ावा देना चाहिए.
छात्र पार्थ और गौरव ने प्रस्तावना रखी. पियुष मोटवानी और अल्फिया सय्यद ने सूत्रसंचालन किया. डॉ. कृष्णप्रसाद गुनाले ने आभार माना