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तीसरा बच्चा होने पर पद गँवाने वाली बीजेपी नेता क्या कहती हैं

तीसरा बच्चा होने पर पद गँवाने वाली बीजेपी नेता क्या कहती हैं

उत्तराखंड:मैंने नगर पालिका सभासद पद की जगह अपने बच्चे को चुना है. सच भी बोला और अपने पद के लालच में अपना गर्भ नहीं गिराया, जो हक़ीक़त थी बताया. मेरी नगर पालिका सदस्यता बीती 13 जुलाई को इसलिए ख़त्म कर दी गई क्योंकि मेरी तीसरी संतान ने जन्म ले लिया. मैं राजनीति में आगे आना चाहती हूं, लेकिन अब मैं चुनाव भी नहीं लड़ पाऊंगी. क्या यही महिला सशक्तिकरण है?”
यह सवाल उत्तराखंड के हरिद्वार के लक्सर नगर पालिका की पूर्व महिला सभासद नीता पांचाल का है जिनकी सदस्यता इसी महीने ख़त्म हो गई. नीता पांचाल भाजपा नेता हैं और दूसरी बार शिवपुरी के वार्ड नंबर चार से पार्टी टिकट से सभासद चुनी गईं थी.
तीसरी संतान होने पर नीता पांचाल की सदस्यता ख़त्म होने का आदेश ऐसे समय में आया है जब यूपी समेत कुछ अन्य राज्यों में जनसंख्या नियंत्रण बिल को लेकर चर्चाओं का दौर शुरू हो चुका है. लेकिन उत्तराखंड में स्थानीय निकाय में अधिकतम दो संतान की शर्त करीब दो दशक से लागू है.
उच्च न्यायालय, उत्तराखंड नैनीताल के अधिवक्ता और नैनीताल बार एसोसिएशन के महासचिव दीपक रूवाली कहते हैं, “स्थानीय निकाय और ग्राम पंचायत के जनप्रतिनिधियों के लिए अधिकतम दो संतान की शर्त लागू है. जुलाई 2002 से यह शासनादेश लागू है.”
दीपक रूवाली के मुताबिक इस क़ानून से इस प्रकार किसी महिला के प्रभावित होने का ऐसा पहला मामला ही अब तक सामने आया है.

नीता पर कार्रवाई कैसे हुई?

उत्तराखंड में क़ानून भले 2002 से लागू हो लेकिन दिलचस्प यह है कि क़ानून के बाद भी नीता पांचाल की सदस्यता तब तक नहीं छिनी गई जब तक कि उनके ख़िलाफ़ शिकायत दर्ज नहीं हुई थी.
उनकी सदस्यता को चुनौती देनी वाली रिट याचिका उच्च न्यायालय उत्तराखंड, नैनीताल में इस संबंध में अगस्त 2020 को डाली गई थी. यह रिट याचिका लक्सर के शिवपुरी निवासी पंकज कुमार बंसल ने डाली थी.

स्थानीय मीडिया में अगस्त, 2020 में छपी रिपोर्ट्स के मुताबिक पंकज कुमार बंसल की शिवपुरी में राशन की दुकान थी, जो नीता पंचाल की शिकायत के बाद निरस्त हो गयी थी.
नीता पंचाल के पति विजेंद्र पंचाल भी दावा करते हैं, “भ्रष्टाचार के आरोपों को लेकर मेरी पत्नी ने उनकी शिकायत की थी, जिसके बाद उनके ख़िलाफ़ कार्रवाई की गई थी. इसी वजह से उन्होंने हमारे ख़िलाफ़ शिकायत की थी.”
इसके बाद शुरू हुई जांच के बाद बीती 13 जुलाई, 2021 को शहरी विकास निदेशालय ने नीता पांचाल को पद छोड़ने का निर्देश दिया.
लक्सर के सब डिविजनल मजिस्ट्रेट शैलेंद्र सिंह नेगी कहते हैं, “इस मामले की जांच मुझसे पहले यहां रह चुके एसडीएम ने की थी, मुझे भी मीडिया के माध्यम से ही यह जानकारी मिली है कि नीता पांचाल की सदस्यता ख़त्म हो चुकी है.”
नीता पांचाल की सदस्यता ख़त्म होने के बारे में लक्सर नगरपालिका के चेयरमैन अंबरीश गर्ग कहते हैं कि नीता के नामांकन से लेकर शपथ ग्रहण करने तक उनकी दो ही संतानें थीं.
उन्होंने बताया, “लक्सर में स्थानीय निकाय चुनाव नवंबर 2018 में आयोजित किए गए थे. नीता के नामांकन के दिन से लेकर शपथ लेने तक दो ही बच्चे थे, पर तीसरी संतान पैदा होने के बाद उनकी सदस्यता ख़त्म कर दी गई है. अभी उनके कार्यकाल का आधा सत्र और बाक़ी था.”

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