भागलपुर बिहार से :बिहार के भागलपुर स्थित सुल्तानगंज (Sultanganj) से झारखंड स्थित भगवान भोलेनाथ की नगरी देवघर (Deoghar) तक होने वाली कांवड़ यात्रा (Kanwad Yatra) भी नहीं हो रही है। सावन में लालू प्रसाद यादव (Lalu Prasad Yadav) के बड़े पुत्र तेज प्रताप यादव (Tej Pratap Yadav) के देवघर में भगवान शिव का रूप धारण करने को भी लोग नहीं देख पाएंगे। हां, वे घर में पूजा के दौरान भगवान भोलेनाथ का वेश धारण कर लें तो और बात है। खास बात यह भी है कि तेज प्रताप यादव के भक्ति-भाव की चर्चा प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी (PM Narendra Modi) भी कर चुके हैं
अलग-अलग रूपो को ले चर्चा में रहते आए हैं तेज प्रताप
विदित हो कि तेज प्रताप यादव समय-समय पर अलग-अलग रूप धारण कर चर्चा में रहते आए हैं। सावन के महीने में वे भगवान शिव का रूप धरते रहे हैं। कोरोना संक्रमण के पहले के साल 2019 के सावन की पहली सोमवारी पर तेज प्रताप यादव की भगवान शिव के वेश वाली तस्वीर वायरल हो गई थी। इसके पहले साल 2018 के सावन महीने में भी तेज प्रताप यादव का भगवान भोलेनाथ का रूप चर्चा में रहा था। अब नजरें इस साल के सावन की पहली सोमवारी पर टिकी है। हो सकता है कि तेज प्रताप घर में हीं शिव वेश में पूजा करें।
कभी कृष्ण रूप में पूजा करते तो कभी बन जाते शिव
तेज प्रताप यादव पिता लालू प्रसाद यादव के ठेठ अंदाज की राजनीति के लिए तो जाने ही जाते हैं, उनकी भक्ति भी चर्चा में खूब रहती है। वे कभी कृष्ण (Lord Krishna) का रूप धर वृंदावन में पूजा करते हैं तो कभी बांसुरी बजाते हैं। कभी शंख बजाते हैं तो कभी गो-माता की सेवा करते दिखते हैं। सावन में खासकर वे भगवान शंकर की पूजा करते हैं। इस दौरान वे शिव रूप में देखे जाते रहे हैं।
विदित हो कि तेज प्रताप यादव समय-समय पर अलग-अलग रूप धारण कर चर्चा में रहते आए हैं। सावन के महीने में वे भगवान शिव का रूप धरते रहे हैं। कोरोना संक्रमण के पहले के साल 2019 के सावन की पहली सोमवारी पर तेज प्रताप यादव की भगवान शिव के वेश वाली तस्वीर वायरल हो गई थी। इसके पहले साल 2018 के सावन महीने में भी तेज प्रताप यादव का भगवान भोलेनाथ का रूप चर्चा में रहा था। अब नजरें इस साल के सावन की पहली सोमवारी पर टिकी है। हो सकता है कि तेज प्रताप घर में हीं शिव वेश में पूजा करें।
कभी कृष्ण रूप में पूजा करते तो कभी बन जाते शिव
तेज प्रताप यादव पिता लालू प्रसाद यादव के ठेठ अंदाज की राजनीति के लिए तो जाने ही जाते हैं, उनकी भक्ति भी चर्चा में खूब रहती है। वे कभी कृष्ण (Lord Krishna) का रूप धर वृंदावन में पूजा करते हैं तो कभी बांसुरी बजाते हैं। कभी शंख बजाते हैं तो कभी गो-माता की सेवा करते दिखते हैं। सावन में खासकर वे भगवान शंकर की पूजा करते हैं। इस दौरान वे शिव रूप में देखे जाते रहे हैं।