
इंडोनेशिया के विश्वविद्यालय द्वारा “उत्कृष्ट शोधकर्ता पुरस्कार” भारत के शिक्षकेतर कर्मचारी डॉ. तुषार निकाळजे को प्रदान
शैक्षणिक और अनुसंधान क्षेत्र में किए गए उल्लेखनीय कार्यों के लिए अंतरराष्ट्रीय स्तर पर सम्मानित
पुणे भारत (डीएस तोमर):पुणे के सावित्रीबाई फुले पुणे विश्वविद्यालय में 32 वर्षों तक सेवाएं दे चुके शिक्षकेतर कर्मचारी डॉ. तुषार निकाळजे को इंडोनेशिया के प्रतिष्ठित द्विजेंद्र विद्यापीठ, बाली द्वारा “उत्कृष्ट शोधकर्ता पुरस्कार” से सम्मानित किया गया। यह पुरस्कार उन्हें उनके निरंतर, स्वखर्च और समर्पित शैक्षणिक व अनुसंधान कार्यों के लिए 14 मई 2025 को आयोजित समारोह में प्रदान किया गया।
डॉ. निकाळजे ने अब तक 14 पुस्तकें प्रकाशित की हैं। उनका पीएच.डी. शोधकार्य “भारतीय निर्वाचन प्रणाली” पर आधारित है। इस विषय पर लिखी गई दो पुस्तकों को महाराष्ट्र के 9 विश्वविद्यालयों और 4 स्वायत्त महाविद्यालयों द्वारा पाठ्यक्रम में संदर्भ पुस्तक के रूप में मान्यता प्राप्त है।
वर्ष 2019 में महाराष्ट्र राज्य निर्वाचन आयोग ने उन्हें “लोकशाही, निर्वाचन एवं सुशासन” विषय पर विशेषज्ञ के रूप में नियुक्त किया था। तमिलनाडु के ईएसएन पब्लिकेशन ने उन्हें “मा. महात्मा गांधी पुरस्कार” से सम्मानित किया।
दृष्टिबाधित विद्यार्थियों के लिए डॉ. निकाळजे ने “Understanding the University” नामक अंग्रेजी-ब्रेल पुस्तक का लेखन एवं प्रकाशन किया, जिसकी नोंद इंडिया बुक ऑफ रिकॉर्ड्स में दर्ज है।
सामान्य प्रशासन, विश्वविद्यालय प्रशासन, निर्वाचन प्रक्रिया और नागरी सेवा जैसे विषयों पर उन्होंने 86 लेख प्रकाशित किए हैं, जो साप्ताहिक, मासिक पत्रिकाओं और यूजीसी मान्यता प्राप्त शोध जर्नल्स में प्रकाशित हुए हैं।
उन्होंने चार राष्ट्रीय और तीन अंतरराष्ट्रीय शोध संगोष्ठियों में शोधपत्र प्रस्तुत किए हैं। 2020 में वर्ल्ड बुक ऑफ रिकॉर्ड्स, लंदन तथा ईएसएन पब्लिकेशन, तमिलनाडु द्वारा आयोजित सात दिवसीय अंतरराष्ट्रीय संगोष्ठी में उनके शोधपत्र को मान्यता मिली और इस उपक्रम की नोंद वर्ल्ड बुक ऑफ रिकॉर्ड्स में हुई।
वर्ष 2023 में गिनीज बुक ऑफ वर्ल्ड रिकॉर्ड्स, लंदन द्वारा आयोजित “Thickest Book of Record” कार्यक्रम में विश्व की सबसे ऊंची (19 फीट) पुस्तक के रूप में “Sacrifice of 20 Paise Tea” नामक उनकी 90 पृष्ठों की पुस्तक दर्ज की गई। इसके लिए उन्हें गिनीज सर्टिफिकेट से सम्मानित किया गया।
डॉ. निकाळजे ने अब तक चार डॉक्युमेंट्री फिल्मों का निर्माण व लेखन किया है:
“इनमें से दो डॉक्युमेंट्री फिल्मों को राष्ट्रीय और अंतरराष्ट्रीय पुरस्कार प्राप्त हुए हैं।”
Clerk to World Record
Retired But Not Tired
Behind the White Collar
Only She Can (एनीमेशन डॉक्युमेंट्री)
अब तक उन्हें राज्य, राष्ट्रीय एवं अंतरराष्ट्रीय स्तर पर कुल 19 पुरस्कार प्राप्त हुए हैं। दिल्ली, पंजाब, हरियाणा, राजस्थान, तमिलनाडु, लंदन, अमेरिका, थाईलैंड, मलेशिया, दुबई सहित कई देशों और राज्यों की प्रतिष्ठित संस्थाओं ने उन्हें सम्मानित किया है।
गौरतलब है कि डॉ. निकाळजे ने यह समस्त कार्य स्वखर्च पर और निःस्वार्थ भाव से किया है। वे मार्च 2022 में सेवानिवृत्त हुए, परंतु सेवानिवृत्ति के बाद भी वे शैक्षणिक, अनुसंधानात्मक लेखन, पुस्तकरचना, लघु प्रकल्पों और सामाजिक योगदान में सक्रिय हैं।
वर्तमान में वे “एक देश, एक चुनाव” विषय पर लघु प्रकल्प पर कार्यरत हैं। इस प्रकल्प की जानकारी से भारत के 10 लाख 80 हजार मतदान केंद्रों और 53 लाख 40 हजार चुनाव कर्मचारियों के कार्यभार को कम करने में सहायता मिलेगी, ऐसा उनका विश्वास है।
साथ ही वे “Clerk to World Record” नामक एक विशेष कॉफी टेबल बुक की रचना में भी व्यस्त हैं।
डॉ. तुषार निकाळजे का यह समर्पण और योगदान न केवल शिक्षकेतर कर्मियों के लिए, बल्कि समस्त शैक्षणिक समाज के लिए प्रेरणास्त्रोत है। उनके कार्य की अंतरराष्ट्रीय स्तर पर दखल लेते हुए इंडोनेशिया के द्विजेंद्र विद्यापीठ ने उन्हें यह “उत्कृष्ट शोधकर्ता पुरस्कार” प्रदान कर भारत का गौरव बढ़ाया है।