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“राहुल गांधी ने सेना का अपमान कैसे किया, यह फडणवीस स्पष्ट करें” — कांग्रेस प्रवक्ता गोपालदादा तिवारी का फडणवीस पर तीखा वार

राहुल गांधी ने सेना का अपमान कैसे किया, यह फडणवीस स्पष्ट करें” कांग्रेस प्रवक्ता गोपालदादा तिवारी का फडणवीस पर तीखा वार

 

पुणे, डीएस तोमर 

नागपुर में भारतीय सेना के प्रति कृतज्ञता व श्रद्धांजलि स्वरूप निकाली गई भाजपा की ‘तिरंगा रैली’ के समापन समारोह में मुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस द्वारा कांग्रेस नेता राहुल गांधी पर लगाए गए आरोपों को कांग्रेस ने सख्ती से खारिज किया है।

कांग्रेस के राज्य प्रवक्ता गोपालदादा तिवारी ने तीव्र प्रतिक्रिया देते हुए कहा कि “मुख्यमंत्री फडणवीस ने शहीदों को श्रद्धांजलि देने जैसे गंभीर मौके को भी एक राजनीतिक अखाड़ा बना दिया। उन्होंने राहुल गांधी पर तथ्यहीन और बचकाने आरोप लगाकर श्रद्धांजलि सभा की गरिमा को ठेस पहुंचाई है।”

 

राहुल गांधी ने सेना का अपमान कैसे किया?”

इस पर सवाल उठाते हुए तिवारी ने कहा कि “यदि फडणवीस का ऐसा आरोप है, तो उन्हें स्पष्ट करना चाहिए कि राहुल गांधी ने सेना का किस तरह से अपमान किया? अगर ऐसा कोई ठोस उदाहरण नहीं है, तो यह केवल सस्ती राजनीति है।”

उन्होंने मुख्यमंत्री को उनके संवैधानिक पद की मर्यादा का स्मरण कराते हुए कहा कि “मुख्यमंत्री को पद की गरिमा के अनुरूप ही जिम्मेदारी से बयान देना चाहिए। झूठे, आधारहीन और बेतुके आरोप न लगाए जाएं।”

 

राहुल गांधी की भूमिका थी एकजुटता की प्रतीक:

कांग्रेस प्रवक्ता ने बताया कि पहलगाम हमले के बाद कांग्रेस कार्यसमिति की बैठक में राहुल गांधी ने विपक्ष की ओर से एकजुटता दिखाते हुए केंद्र सरकार के साथ खड़े रहने की भूमिका निभाई थी।

 

सेना की कार्रवाई से पहले पाकिस्तान को सूचना देना क्या उचित था?

तिवारी ने भाजपा पर पलटवार करते हुए पूछा कि “दहशतवादी ठिकानों पर सैन्य कार्रवाई से पहले अगर विदेश मंत्रालय ने पाकिस्तान को पूर्वसूचना दी, तो यह कैसी कूटनीति है? क्या यह राष्ट्रविरोधी कृत्य नहीं है?”

उन्होंने कहा कि फडणवीस को अपने ही केंद्र सरकार से इसका जवाब मांगना चाहिए।

 

अग्निवीर योजना पर कांग्रेस का रुख:

कांग्रेस प्रवक्ता ने यह भी कहा कि “भारतीय सेना की समर्पित सेवाओं को केवल 4 साल की संविदा वाली अग्निवीर योजना में बांधना देश के युवाओं और सेना के भविष्य के साथ अन्याय है। राहुल गांधी ने इस योजना के खिलाफ देशव्यापी संघर्ष किया, और भाजपा को यही बात खटक रही है।”

 

विपक्ष के नेता के रूप में राहुल गांधी की स्वीकार्यता:

“2014 के बाद के अनुभवों से सीखते हुए जनता ने कांग्रेस की नीतियों पर विश्वास जताते हुए संसद में पार्टी की सीटें दोगुनी कर दीं और राहुल गांधी को संवैधानिक रूप से विपक्ष का नेता चुना। भाजपा को इस जनादेश का भी सम्मान करना चाहिए,” — ऐसा भी तिवारी ने कहा।

 

कांग्रेस की तिरंगे के प्रति आत्मीयता पुरानी है:

अंत में गोपालदादा तिवारी ने कहा, “कांग्रेस की तिरंगे के प्रति आत्मीयता 2005 से नहीं, बल्कि स्वतंत्रता संग्राम के समय से है। यह परंपरा, निष्ठा और बलिदान पर आधारित है।”

 

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