सागर बिराजदार को महाराष्ट्र कुश्ती महा-वीर खिताब
लातूर : पहलवान सागर बिराजदार और रामेश्वर के भरत कराड के बीच महाराष्ट्र कुश्ती महा-वीर-२०२२ स्पर्धा का आखरी मुकाबला काफी रोमांचकारी था. जोशभरे इस मुकाबले में आखरी दाव लगाते हुए निलंगा तहसील के रामलिंग मुदगड के सागर बिराजदार ओपन गुट का खिताब और चांदी की गदा अपने नाम की. सागर ने आखरी मुकाबला १०-४ अंको से जीता. उसे ७१ हजार रुपये नगद, स्वर्ण पदक, प्रशस्तीपत्रक देते हुए सम्मान किया गया.
विश्वशांति केन्द्र (आलंदी), माईर्स एमआईटी तथा महाराष्ट्र राज्य कुस्तीगीर परिषद के संयुक्त तत्वावधान में आयोजित राष्ट्रधर्मपूजक – दादाराव कराड स्मृती राज्यस्तरीय महाराष्ट्र कुस्ती महावीर स्पर्धा रामेश्वर में संपन्न हुई. लगातार १४ सालों से आयोजित स्पर्धा में रामेश्वर के पहलवान भरत कराड उपविजेता बने. उन्हें रजत पदक, नगद ५१ हजार रुपए का पुरस्कार मिला. सातार के राहुल सुल तीसरे स्थान पर रहे. उन्हें ३१ हजार रुपए नगद, कास्य पदक और प्रशस्तीपत्रक दिया गया.
सभी विजेता खिलाडियों को विश्वशांति केन्द्र (आलंदी), माईर्स एमआईटी के प्रमुख प्रो.डॉ. विश्वनाथ दा. कराड, जाने माने वैज्ञानिक डॉ. विजय कुमार दास, विधायक रमेशअप्पा कराड, रामेश्वर के पूर्व सरपंच तुलशीराम दा. कराड के हाथों पुरस्कारों का वितरण किया गया.
इस मौके पर भाजपा के जिला मुख्य सचिव विक्रम शिंदे, प्रदेश के अमोल पाटिल, दत्ता पाटिल, महाराष्ट्र केसरी संभाजी आजगावकर, साहेबराव पवार तथा महाराष्ट्र कुस्तीगीर परिषद के विलास कथुरे उपस्थित थे.
७५ वर्षो से अधिक आयुवालेे पहलवानों के बीच भी कडा मुकाबला देखने को मिला. इसमें नंदू स्वामी और हरिराम खटावकर को योग महर्षी स्वतंत्रसेनानी रामचंद्र गोपाल शेलार उर्फ शेलारमामा स्मृती-स्वर्ण, रजत तथा कांस्य पदक देकर विशेष सम्मान किया गया.
प्रो.डॉ. विश्वनाथ दा. कराड ने कहा, कुश्ती से मानव का मन और बाहू मजबूत बनते है. आज मराठवाडे के हर गांव में पहलवानों के लिए अखाडे खडे करने की आवश्यकता है. इसलिए ग्रामिण क्षेत्र में कुश्ती जैसे विद्या का प्रसार होना चाहिए. पहलवानों के पास शक्ति और बुद्धी होती है लेकिन उन्होंने अपने चरित्र की अधिक संभाल करने की आवश्यकता है.
स्पर्धा का सूत्रसंचालन बाबा निम्हण ने किया. प्रो.डॉ. पी.जी.धनवे ने सभी का आभार माना.