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रामेश्वर में राष्ट्रधर्म पूजक दादाराव कराड राज्य स्तरीय महाराष्ट्र कुश्ती महावीर स्पर्धा का उद्घाटन

लाल मिट्टी की कुश्ती को जिंदा रखें नई पीढी
राज्य मंत्री संजय बनसोडे की अपील
रामेश्वर में राष्ट्रधर्म पूजक दादाराव कराड राज्य स्तरीय महाराष्ट्र कुश्ती महावीर स्पर्धा का उद्घाटन

पुणे : नई पीढ़ी को पंचमहाभूत के पोषण के लिए काम करना चाहिए. इस पंचमहाभूत के सिध्दांत का पालन करते हुए डॉ. विश्वनाथ कराड ने लाल मिट्टी की कुश्ती को जिंदा रखने के लिए काम कर रहे है. यह एक अनूठा कार्य है और नई पीढ़ी को इस विरासत को बढ़ाने के लिए आगे आना चाहिए. यह अपील स्वच्छता और जलापूर्ति राज्य मंत्री संजय बनसोडे ने की.
विश्व शांति केन्द्र (आलंदी), माईर्स एमआईटी तथा महाराष्ट्र राज्य कुश्ती परिषद के संयुक्त तत्वावधान में आयोजित राष्ट्र धर्म पूजक दादाराव कराड स्मृती राज्य स्तरीय महाराष्ट्र कुश्ती महावीर स्पर्धा के उद्घाटन समारोह में बतौर मुख्य अतिथि के रूप में बोल रहे थे
कार्यक्रम की अध्यक्षता विश्व शांति केन्द्र (आलंदी), माईर्स एमआईटी के संस्थापक अध्यक्ष प्रो.डॉ. विश्वनाथ दा. कराड ने निभाई. लातूर के सांसद सुधाकर श्रृंगारे, औसा के विधायक अभिमन्यू पवार, विधायक रमेशअप्पा कराड तथा वैज्ञानिक डॉ. विजय कुमार दास सम्माननीय अतिथि के रूप में उपस्थित थे.
साथ ही रामेश्वर के पूर्व सरपंच तुलसीराम दा. कराड, माईर्स एमआईटी शिक्षा संस्था समूह के कार्याध्यक्ष राहुल विश्वनाथ कराड, एमआईटी एडीटी यूनिवर्सिटी के कार्याध्यक्ष डॉ. मंगेश तु. कराड, महाराष्ट्र केसरी विष्णू जोशीलकर, संभाजी आजगावकर, शिवाजीराव केकाण और राहुल कालभोर, संयोजन समिति के सचिव विलास कथुरे तथा राजेश कराड उपस्थित थे.
इस मौके पर पंढरीच्या वाटेवर पुस्तक का विमोचन हुआ.
संजय बनसोडे ने कहा, शरद्रचंद्र पवार कहते है कि यशवंतराव चव्हाण ने राज्य में नई शुरुआत की. वैसे ही प्रो. डॉ. विश्वनाथ दा. कराड ने भी नया पर्व शुरू किया है. इसलिए उनका नाम पूरी दुनिया में फैला है. धीरे धीरे लुप्त हो रही मिट्टी की कुश्ती को जिंदा रखने का लिए वे लगातार प्रयास कर रहे है.
सृष्टी पर पर्यावरण बडे पैमाने पर बिगड रहा है. उसके संतुलन के लिए राज्य सरकार द्वारा काफी प्रयास किए जा रहे है. जल जीवन योजना के तहत २०२४ तक हम केंद्र और राज्य सरकार की ओर से हर घर में नल लगाकर प्रति व्यक्ति ५५ लीटर शुध्द पानी मुहैया कराने का कार्य कर रहे है.
प्रो.डॉ. विश्वनाथ दा. कराड ने कहा, इससे पहिले यहां पर हिंद केसरी, ट्रिपल हिंद केसरी, महाराष्ट्र केसरी जैसे भारत के ११ पहलवानों ने इस प्रतियोगिता में हिस्सा लिया था. अगर आपके पास साफ दिल और दिमाग है, तो फिट रह सकते है. शक्ति और धन से मन बदलने में समय नहीं लगता. मनुष्य को अभिमान नहीं करना चाहिए. फिट और स्वस्थ शरीर के लिए युवाओं को लाल मिट्टी की कुश्ती की ओर रूख करना चाहिए.
सुधाकर श्रृंगारे ने कहा, राज्य के जिलों में अखाडों के निर्माण के लिए केंद्र की ओर से पूरा सहयोग देंगे. कुश्ती और कबड्डी महान खेल है और इससे शरीर को व्यायाम की आदत हो जाती है. इससे आपको कोई नुकसान नहीं होता है. भाग दौड भरी दुनिया में लाल मिट्टी का यह खेल दिमाग और मस्तिष्क को मजबूत करता है.
अभिमन्यु पवार ने कहा, प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी कहते है कि जो खेलेगा वहीं खेलेगा, जिसके मुताबिक आजकल खेल बहुत जरूरी हो गया है, उस नुसार औसा में हरिश्चंद्र बिराजदार के नाम पर स्टेडियम का निर्माण जल्द ही शुरू हो जाएगा.
राहुल विश्वनाथ कराड ने कहा, राष्ट्र निर्माण की इस प्रतियोगिता को खेल की संस्कृति को जिंदा रखने के रूप में देखा जाता है. लेकिन भविष्य में डॉ. विश्वनाथ कराड के नाम पर हम खो खो, वॉलीबॉल, कबड्डी, क्रिकेट जैसे खेल सप्ताह का आयोजन करेंगे. हम यह सुनिश्चित करने के लिए काम करेंगे कि लातूर जिला पूरे भारत में स्पोर्टस मीट के रूप में जाना जाए.
उद्घाटन की कुश्ती मैच प्रसाद शिंदे और धैर्यशील शिंदे के बीच था. जिसमें प्रसाद शिंदे ने जीते. साथ ही प्रशांत जाधव और श्रीवर्धन लोमटे के मैच में श्रीवर्धन ने जीत हासिल की.
प्रतियोगिता में राज्य के पहलवानों ने बढ़ चढ़कर हिस्सा लिया था.
विलास कथूरे ने प्रस्तावना रखी.
कुश्ती का संचालन बाबा निम्हण ने किया.
सूत्रसंचालन गोविंद जाधव और डॉ. पी.जी. धनवे ने आभार माना.

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