‘सूर्यदत्त’ की छात्रा इतिश्री मुर्मू-हेम्ब्रम की माँ, श्रीमती द्रौपदी मुर्मुजी का
राष्ट्रपति बनना हमारे लिए गौरव की बात : प्रा. डॉ. संजय बी चोरडिया
पुणे : सूर्यदत्त एजुकेशन फाउंडेशन के संस्थापक और अध्यक्ष प्रा. डॉ. संजय बी. चोरडिया और उपाध्यक्ष सुषमा चोरडीया ने नई दिल्ली में नवनिर्वाचित राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मूजी से राष्ट्रपति भवन में मुलाकात कर उन्हें राष्ट्रपति बनने पर शुभकामनाए दी. चोरडिया ने महामहिम राष्ट्रपति को सूर्यदत्त की रजत जयंती स्मरणोत्सव सूचना पुस्तिका की पहली प्रत भेंट की। साथ ही श्रीमती सुषमा चोरडिया ने महामहिम राष्ट्रपति श्रीमती मुर्मूजी को एक पुस्तिका भेंट की जिसमें उड़ीसा और आसपास के क्षेत्र से सूर्यदत्त में अध्ययन करने वाले पूर्व छात्रों के बारे में विस्तृत जानकारी, 2008-10 बैच की यादों और तस्वीरों के साथ विवरणिका और सूर्यदत्त वूमन एम्पावरमेंट अँड लीडरशिप ऍकॅडमी (SWELA ) के सूर्यदत्त सोशल एंड वूमेन एम्पावरमेंट इनिशिएटिव की सूचना पुस्तक भेंट की गई। राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू की बेटी सूर्यदत्त की छात्रा रही है.
राष्ट्रपति के रूप में द्रौपदी मुर्मू का चुनाव एक ऐसी घटना है जिसे भारत के इतिहास में सुनहरे अक्षरों में लिखा जाना चाहिए क्योंकि श्रीमती मुर्मू भारत की सर्वोच्च संवैधानिक पद संभालने वाली पहली आदिवासी महिला हैं। वह स्वतंत्र भारत में जन्म लेने वाले पहले राष्ट्रपति भी हैं। निजी जीवन में कई कठिनाइयों और असफलताओं को सहन करते हुए, आध्यात्मिक प्रगति हासिल कर इतने कम समय में नगरपालिका पार्षद से भारत का पहला नागरिक बनने तक का उनका राजनीतिक सफर, बहुत प्रेरणादायक है। स्वतंत्रता के अमृत वर्ष में भारत के राष्ट्रपति के रूप में समृद्ध प्रशासनिक अनुभव वाली श्रीमती मुर्मू जी जैसे गहन व्यक्तित्व का चुनाव करना बहुत उपयुक्त है, ऐसा प्रा. डॉ. संजय बी चोरडिया ने कहा। उन्होंने राष्ट्रपति को ‘सूर्यदत संस्थानों’ की विभिन्न शाखाओं, वहां उपलब्ध व्यापक पाठ्यक्रमों और छात्रों के समग्र विकास के लिए लागू की गई पाठ्येतर गतिविधियों के बारे में जानकारी दी।
राष्ट्रपति मुर्मू से मिलने का अवसर मिलना हमारे लिए बहुत खुशी और गर्व की बात है। ऐसा डॉ संजय बी. चोरडिया ने कहा। राजनीतिक क्षेत्र में काम कर रहे या जिन्होंने किसी क्षेत्र में अपनी पहचान बनाई है उन्हे बहूत कम लोगो को उनसे मिलने का सम्मान प्राप्त होता है। लेकिन चूंकि श्रीमती मुर्मू ‘सूर्यदत्त’ के साथ अभिभावक की भूमिका में जुड़ी हुई हैं, इसलिए हमें राष्ट्रपति पद के लिए नामांकित होने के बाद से पिछले तीन हफ्तों में उनसे दो बार मिलने का अवसर मिला है। यह भेंट हमारे लिए एक अविस्मरणीय है यह कहते हुए प्रा. डॉ संजय बी. चोरडिया ने आगे कहा, “श्रीमती मुर्मू जी जैसी विनम्र और संवेदनशील शख्सियत से मिलना एक अवर्णनीय अनुभव था। शिक्षकों के लिए उनके मन में जो सम्मान है वह काबिले तारीफ है। हमें यकीन है कि वह एक बेहतरीन राष्ट्रपति होंगी और उनके नेतृत्व में भारत की विकास यात्रा बहुत तेजी से होगी।”
2008 से 2010 तक श्रीमती मुर्मू की पुत्री इतिश्री गणेश हेम्ब्रम-मुर्मू ‘सूर्यदत्त’ की छात्रा थीं। उन्होंने सूर्यदत्त इंस्टीट्यूट ऑफ मैनेजमेंट एंड मास कम्युनिकेशन (SIMMC) में 2 साल का AICTE से मान्यता प्राप्त पोस्ट ग्रेजुएट डिप्लोमा इन मैनेजमेंट (PGDM) कोर्स किया। मानव संसाधन प्रबंधन और अंतर्राष्ट्रीय व्यापार ये दो उनके प्रमुख विषय थे। उस समय ‘सूर्यदत्त’ के कैंपस हॉस्टल में रह रही इतिश्री को अलविदा कहने श्रीमती मुर्मू यहां आई थीं। इसके साथ ही इस मुलाकात में कई यादें ताजा हो गईं।
सुश्री इतिश्री मुर्मू-हेम्ब्रम वर्तमान में एक राष्ट्रीयकृत बैंक में प्रबंधक के रूप में कार्यरत हैं। उनके उज्ज्वल करियर के लिए प्रो. डॉ संजय बी. चोरडिया ने शुभकामनाएं दीं। “इतिश्री बेटी कैंपस हॉस्टल में रहती थी और सभी के साथ उनका दोस्ताना था। वह एक मेधावी छात्रा थी जो सभी के साथ घुलमिल जाती थी।” ऐसा भी प्रा. डॉ. संजय बी चोरडिया ने कहा।
इस सद्भावना भेट के दौरान प्रा. डॉ. संजय बी. चोरडिया और सुषमा चोरडिया ने राष्ट्रपति को फिर से ‘सूर्यदत्त’ से मिलने और वहां के छात्रों के साथ बातचीत करने के लिए आमंत्रित किया, ताकि उन्हें एक सफल करियर के लिए अनुभवात्मक मार्गदर्शन प्रदान किया जा सके।