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मुखिया को भी लेना होगा GST नंबर, तभी कर पाएंगे भुगतान, सहरसा में बाधित हो रहे विकास कार्य

कुणाल किशोर प्रतिनिधि सीतामढी-

मुखिया को भी लेना होगा GST नंबर, तभी कर पाएंगे भुगतान, सहरसा में बाधित हो रहे विकास कार्य
बिहार- सहरसा जिले में डिजिटल भुगतान की प्रक्रिया से विकास कार्य बाधित हो रहे हैं। वहीं पंचायत के मुखिया व प्रखंड विकास पदाधिकारी किसी योजना का भुगतान तभी कर सकेंगे जब उनका अपना GST नम्बर होगा। लिहाजा अभी सिर्फ 19 को जीएसटी नंबर प्राप्त हो सका है।

बिहार: मुखिया को भी लेना होगा GST नंबर, तभी कर पाएंगे भुगतान, सहरसा में बाधित हो रहे विकास कार्य
बिहार: मुखिया को भी लेना होगा GST नंबर, तभी कर पाएंगे भुगतान, सहरसा में बाधित हो रहे विकास कार्य

संवाद सूत्र ,महिषी (सहरसा): सरकारी योजनाओं के भुगतान में सरकार के नए प्रयोग (डिजिटल भुगतान ) आते ही योजनाओं के भुगतान पर ग्रहण लग गया है। पंचायत की सरकार को गठित हुए लगभग सात माह का समय गुजर चुका है लेकिन विकास योजना रफ्तार नहीं पकड़ पा रही है। पहले सरकारी प्रावधान के तहत प्रखंड में विकास योजनाओं के संचालन को लेकर एक पद बीपीआरओ सृजित किया गया। लेकिन ये सफल नहीं हो पाया और पुन: योजना संचालन का प्रभार बीडीओ को सौंप दिया गया। योजनाओं की राशि भुगतान के बदले नियम के अनुसार चेक से भुगतान प्रक्रिया समाप्त कर दी गयी और इसकी जगह सभी निकासी और व्ययन पदाधिकारी के नाम डिजिटल भुगतान के लिए डोंगल बनवाए गए। जिसे बनाने में ही करीब पांच माह का समय गुजर गया। वहीं, GST नंबर को लेकर भी समस्या सामने आ रही है।

बीडीओ को प्रभार मिलने और उनका डोंगल बनने में करीब एक माह से अधिक समय गुजर गया और अब सरकार का नया निर्देश करीब 15 दिन पहले आया है जिसमें सभी निकासी एवं व्ययन पदाधिकारी को अपना जीएसटी नंबर होना अनिवार्य बतलाया गया है। अब इस नए निर्देश के बाद सभी पंचायत के मुखिया व प्रखंड विकास पदाधिकारी किसी योजना का भुगतान तभी कर सकेंगे जब उनका अपना जीएसटी नम्बर होगा। नए निर्देश के बाद से अबतक प्रखंड के 19 पंचायत में से महज महिसरहो पंचायत की मुखिया ने ही जीएसटी नंबर प्राप्त किया है।

मिली जानकारी के अनुसार बीडीओ के जीएसटी नंबर के लिए किए गए आवेदन भी प्रक्रियाधीन है ।ऐसे में पंचायतों व प्रखंड में राशि की उपलब्धता के बाद पूर्व में पूर्ण योजनाओं के भुगतान लंबित है। जानकारी के अनुसार प्रखंड में पंसस के विकास कार्य के लिए 15वीं वित्त मद में तीन करोड़ से अधिक की राशि उपलब्ध है। बीडीओ विनय मोहन झा ने बताया कि सरकार द्वारा मिले निर्देश से सभी जनप्रतिनिधियों को अवगत करवा दिया गया है। उन्हें जल्द जीएसटी नंबर लेने को कहा गया है ।

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