ऋषिकेश कुमार की रिपोर्ट :
सैनिक स्कूल के छात्र ने बड़ी घटना घटित होने से बचाया लेकिन खुद जिंदगी से जंग हार गया!
नालंदा जिले के रहुई थाना अंतर्गत पेसौर गांव में उस समय अफरा तफरी मच गई जब गांव के सुधा देवी की दोनों बेटियां चाय बनाने के लिए लाइटर से चूल्हा जलाई और आग लग गई। बताया जाता है कि घटना जस वक़्त घटी जब यह दोनों बहने चाय बना रही थी और उस समय घर में यह दोनों बहने अकेली थी और उसके माता-पिता खेत पर काम करने गए थे । उसी वक्त जैसे ही इसने गैस चूल्हा जलाना चाहा तो उसमें आग लग पकड़ लिया और दोनो बहने ने बचाओ बचाओ चिल्लाने लगी तभी सैनिक स्कूल पुरुलिया बंगाल का छात्र अमित राज जो उसी गांव पेसौर का रहने वाला था सुबह में टहलने जा रहा था आवाज को सुनकर दौड़ा दौड़ा उस घर में पहुंचा। जहां आग आग लगी थी दोनों बहनों को तो अपनी जान पर खेल कर बचा लिया परंतु खुद बुरी तरह से आग में झुलस गया। जिसे तुरंत बिहारशरीफ रेफर किया गया जहां स्थिति की गंभीरता को देखते हुए बेहतर इलाज के लिए पटना भेज दिया गया। जहां से सैनिक स्कूल के सहयोग से एयर एंबुलेंस के द्वारा दिल्ली सफदरगंज अस्पताल में भर्ती कराया गया जहां वह 3 दिनों तक अपनी जिंदगी और मौत से संघर्ष करता रहा और जिंदगी मौत की लड़ाई में जिंदगी से हार गया। भले ही 15 वर्षीय अमित राज के मृत्यु हो गईं लेकिन अपनी जान देकर जो उसने दो जिंदगियां बचाई हैं उसकी बहादुरी की चर्चा जोरो पर है । अमित राज के माता पिता जहां बेटे के मौत से दुखी हैं वहीं दूसरी ओर उन्हें इस बात का गर्व भी हैं कि हमारा बेटा सैनिक का स्कूल का छात्र था लेकिन उसने एक सैनिक की तरह वीरता का परिचय देते हुए अपनी जान पर खेलकर दो बच्चियों की जिंदगी को बचाया है ऐसे मैं उन्होंने कहा कि हमारे बेटे को भी सरकार वीरता पुरस्कार से सरकार नवाजे ।
अमित राज का पिता- भूषण कुमार (चश्मा बाले)
घर की माली हालत को देखकर यह सहज अंदाजा लगाया जा सकता है कि अमित राज के माता पिता निहायत ही गरीब है और बेटे के मौत के बाद बेसहारा भी हो गए है , क्योंकि अमित के पिता भूषण कुमार मुंबई में 5000 के मासिक पर नौकरी करते हैं और घर की जो स्थिति है उसे देखकर सहज अंदाजा लगाया जा सकता है कि उन्हें सहयोग की सख्त आवयश्कता है ।
वहीं दूसरी ओर अमित की बहन राखी कुमारी ने कहा के हम सबको अपने भाई पर नाज है जिसने अपनी जान की बाजी लगाकर दो जिंदगियां बचाई है हमारे भाई के प्रति अगर कोई मदद ही करना चाहे उसे शौर्य का पुरस्कार दिया जाए हमें किसी प्रकार के आर्थिक मदद की आवश्यकता नहीं है।
राखी कुमारी छात्र अमित की वहन : अमित राज के चाचा दिनेश कुमार सिन्हा जहां अपने पोते की मौत से मर्माहत हैं वहीं दूसरी ओर इस बात का मलाल भी है कि सरकारी महकमा इस घटना के बाद जांच के लिए गांव में आया लोगों से इसकी जानकारी प्राप्त की लेकिन अभी तक किसी प्रकार का मदद नहीं किया है वावजूद इनलोगो की एक आस जगी हुई है कि छात्र अमित राज को एक सैनिक की तरह हमारे पोते को भी सरकार वीरता का कोई चक्र जरूर प्रदान करेगी और यही उसके प्रति सच्ची श्रद्धांजलि होगी ।
दिनेश कुमार सिन्हा छात्र के चाचा : जिन दो बच्चियों को अपनी जान की कुर्बानी देकर सैनिक स्कूल पुरुलिया का छात्र अमित कुमार ने बचाया,उसकी माता सुधा देवी ने कहा कि जिस बेटे ने अपनी जान की परवाह किए बगैर हमारे दो बेटियों का जान बचाया उसे सरकार एक सैनिक के तरह वीरता का सम्मान दें और उनके परिवार को आर्थिक मदद के साथ साथ सरकारी नौकरी सरकार के तरफ से दे दी जाए तो पीड़ित परिवार के आगे की जीवन नैया पार करने में मदद होगी ।