पूणे

अपने ज्ञान का उपयोग देश को महाशक्ति बनाने के लिए हो

अपने ज्ञान का उपयोग देश को महाशक्ति बनाने के लिए हो

एमआईटी एडीटी विश्वविद्यालय के पांचवें स्नातक समारोह में इसरो के प्रमुख डॉ. सोमनाथ एस की स्नातकों से अपील

पुणे – भारत ने अनुसंधान और प्रौद्योगिकी निर्माण के क्षेत्र में वैश्विक पहचान हासिल की है, इसको मजबूत करने की जिम्मेदारी स्नातकों पर है. इस चुनौतीपूर्ण समय में देश को आपकी पहले से कहीं ज्यादा जरूरत है. यहां से छात्रों को लक्ष्य के प्रति समर्पित रहने की ताकत मिली है. कोई भी डिग्री, मान्यता, प्रमाण पत्र या पुरस्कार आसानी से नहीं मिलता है, लेकिन लगातार प्रयास और प्रतिबद्धता के साथ अर्जित किया जा सकता है. भावी जीवन में छात्रों की सफलता व्यक्तिगत और पेशेवर जैसे कई गुणों पर निर्भर करती है. देश को नई राह दिखाने और देश को विश्व में महाशक्ति बनाने के लिए छात्रों द्वारा अर्जित ज्ञान का उपयोग करना, ऐसा मत इस्त्रो प्रमुख डॉ. सोमनाथ एस ने व्यक्त किया.

वह एमआईटी आर्ट, डिजाइन एंड टेक्नॉलॉजी युनिवर्सिटी, पुणे के पांचवें दीक्षांत समारोह में मुख्य अतिथि के रूप में बोल रहे थे. इस अवसर पर इंडियन केमिकल सोसायटी के अध्यक्ष पद्मश्री डॉ. जी. डी. यादव, सीईओ और समा टेक्नोलॉजीज यूएसए के संस्थापक श्री सुरेश कट्टा, एमआईटी एडीटी युनिवर्सिटी के संस्थापक अध्यक्ष प्रा. डॉ. विश्वनाथ. दा. कराड, एमआईटी एडीटी युनिवर्सिटी के कार्यकारी अध्यक्ष और कुलपति प्रा. डॉ. मंगेश कराड, प्रा. ज्योति ढाकने, डॉ. पी. बी. जोशी, डॉ. सुनीता कराड, प्र-कुलपति डॉ. अनंत चक्रदेव, डॉ. महेश चोपडे, डॉ. रामचंद्र पुजेरी, डॉ. ज्ञानदेव नीलवर्ण सहित अन्य विभागाध्यक्ष उपस्थित थे.

इस बीच, युनिवर्सिटी ने सीईओ और समा टेक्नोलॉजीज यूएसए के संस्थापक श्री सुरेश कट्टा, को डॉक्टरेट की मानद उपाधि प्रदान की, साथ ही पहले भारत रत्न डॉ. एपीजे अब्दुल कलाम विज्ञान एवं प्रौद्योगिकी पुरस्कार से डॉ. गणपति यादव को सम्मानित किया गया.

डॉ. सोमनाथ एस ने कहा कि मुझे विश्वास है कि आप अपनी प्रतिभा, कल्पना, ऊर्जा और उत्साह से एक सफल और सफल करियर बनाएंगे और देश की अपेक्षाओं पर खरे उतरेंगे. भविष्य के भारत के निर्माण के लिए आपकी भागीदारी आवश्यक है. स्नातक छात्रों के लिए अपने गुरूजनों से सलाह लेने का दिन है. विज्ञान के साथ-साथ आध्यात्मिक शिक्षा भी लें. जितना हम कर सकते हैं उससे अधिक बनाने की शक्ति हमारे पास होनी चाहिए. छात्रों को अपने लक्ष्यों को प्राप्त करने के लिए एक समग्र शिक्षा अवसर महत्वपूर्ण होगा. आपकी महत्वाकांक्षाओं को प्राप्त करने के लिए पूरी दुनिया एक मंच है. अपने ज्ञान का उपयोग समाज के विकास में करें. आज की आधुनिक शिक्षा आपको बदलती दुनिया में मजबूती से खड़े होने में मदद करेगी. भारत के पास चांद और मंगल पर जाने की तकनीक है. हम आजादी के अमृतयुग का जश्न मना रहे हैं, लेकिन आजादी के 100 साल में दुनिया के तमाम देश भारत की तरफ उम्मीद की नजर से देखेंगे. भारत विश्व गुरु के रूप में उभरेगा.

डॉ. गणपति यादव ने कहा, मुझे पहला भारत रत्न डॉ. मुझे एपीजे अब्दुल कलाम विज्ञान और प्रौद्योगिकी पुरस्कार मिलने की प्रसन्नता है. एमआईटी एडीटी युनिवर्सिटी में अंतरराष्ट्रीय स्तर की सुविधा है. छात्रों को अहंकार को दूर रखना चाहिए. छात्रों में व्यक्तित्व और अच्छा चरित्र, साहस, धैर्य और क्षमाशील रवैया होना चाहिए. अपने सीखने और सिखाने में AI, ML और नई तकनीकों का उपयोग करें. कोरोना और रूस और यूक्रेन के बीच जंग के चलते दुनिया के सामने आर्थिक संकट आ गया है. कार्बन डाइऑक्साइड उत्सर्जन के वर्तमान उच्च स्तर ने दुनिया के लिए खतरा पैदा कर दिया है. अब हमें शून्य कार्बन उत्सर्जन प्रौद्योगिकियों की आवश्यकता है. हरित ऊर्जा के उद्देश्य और उपयोग के बारे में शिक्षित करने की आवश्यकता है. हाइड्रोजन दुनिया को बचाने का उपकरण है. 2050 तक क्रूड आइल खत्म हो जाएगा इसलिए हमें वैकल्पिक ईंधन की ओर जाना पड़ेगा. सावित्रीबाई फुले के सपनों को पूरा करने के लिए भारत

दुनिया पर राज कर सकता है.

प्रा. डॉ. विश्वनाथ कराड ने कहा, छात्र अपनी शिक्षा का उपयोग मानवता के कल्याण के लिए करें. एमआईटी एडीटी युनिवर्सिटी द्वारा दिया जानेवाला सर्वांगीण विकासात्मक शिक्षा का उपयोग आपके भविष्य को आकार देने के लिए किया जाना चाहिए. उन्होंने स्नातकों को परंपरा का पालन करने के साथ रचनात्मक रूप से सोचने और नवाचार करने की सलाह दी. सभी स्नातकों को उनकी सफलता और आगामी सफलता के लिए बधाई दी. युनिवर्सिटी में मूल्यवान शिक्षा प्रणाली आपको उच्च और महान आकांक्षाओं के लिए प्रेरित करेगी.

प्रा. डॉ. मंगेश कराड ने कहा कि एमआईटी आर्ट, डिजाइन एंड टेक्नोलॉजी यूनिवर्सिटी का पाचवा दीक्षांत समारोह है. युनिवर्सिटी की ओर से 2021-2022 के शैक्षणिक वर्ष में 16 विभिन्न विभागों के 2315 छात्रों को डिग्री और स्नातकोत्तर डिग्री प्रदान की गई. इसमें 45 छात्रों को गोल्ड मेडल दिए गए. इस दीक्षांत समारोह में, एमआईटी स्कूल ऑफ डिझाइन के 392, एमआईटी कॉलेज ऑफ मॅनेजमेंटचे 226, महाराष्ट्र अकॉडमी ऑफ नेव्हल एज्युकेशन ॲन्ड ट्रेनी (एमआईटी मॅनेट) के 229, एमआईटी स्कूल ऑफ अर्किटेक्चर 29, एमआईटी स्कूल ऑफ फाईन आर्ट 105, एमआईटी स्कूल ऑफ एज्युकेशन अँड रिसर्च 45, एमआईटी आयएसबीजे 138, एमआईटी स्कूल ऑफ वैदिक सायन्स 53, एमआईटी फुड आणि टेक्नॉलॉजी 146, एमआईटी स्कूल ऑफ इंजीनिअरिंग 760, एमआईटी स्कूल ऑफ बायोइंजीनिअरिंग सायन्स अँड रिसर्च 84 आणि एमआईटी संगीत कला अकादमी के 21, एमआईटी स्कूल ऑफ ड्रामा 5, एमआईटी एसएफटी 23, एमआईटी फ्यूज 27, एमआईटी एसओएच 18, और पीएचडी के 14 ऐस कुल 2315 छात्रों को डीग्री प्रदान की गई.

प्रो स्नेहा वाघटकर, डॉ. अशोक घुगे, प्रो. स्वप्निल शिरसत ने संचालन किया. डॉ. रामचंद्र पुजेरी ने आभार माना.

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