पढाई में निरंतरता, कड़ी मेहनत व समर्पण भाव सफलता की कुंजी
सुषमा चोरडिया की राय; सूर्यदत्त ग्रुप ऑफ इन्स्टिट्यूट के अॅनिमेशन विभाग द्वारा टॉपर्स का हुआ गौरव
पुणे : सूर्यदत्त ग्रुप ऑफ इन्स्टिट्यूट के अॅनिमेशन विभाग द्वारा बावधन स्थित ‘सूर्यदत्त’ के बन्सीरत्न सभागृह में हाल ही में आयोजित स्वागत समारोह में पिछले साल के तृतीय एवं द्वितीय वर्ष के टॉपर्स का गौरव किया गया. साथ ही आयोजित फोटोग्राफी प्रतियोगिता के विजेताओं को भी सराहा गया.
२०२१-२२ इस शैक्षणिक वर्ष में बीएससी अॅनिमेशन के तृतीय वर्ष में प्रथम स्थान प्राप्त करने वाली अनुप्रिया दुबे, द्वितीय स्थान प्राप्त करनेवाले रोहित मंडल व तृतीय स्थान प्राप्त करनेवाले हर्षल शर्मा, द्वितीय वर्ष में प्रथम स्थान प्राप्त करने वाली मृणाल प्रधान, दूसरा स्थान प्राप्त करनेवाली माधवी भुजबळ और संयुक्त रूप से तीसरा स्थान प्राप्त करनेवाले संकल्प वैद्य व आयुष शेट्टी को सन्मानित किया गया. फोटोग्राफी में ऋषिकेश आवताडे को प्रथम, कृष्णा जोशी को द्वितीय और सुधांशू बोरकर को तृतीय स्थान प्राप्त हुआ. उन्हें भी इस समय सम्मानित किया.
सूर्यदत्त ग्रुप ऑफ इन्स्टिट्यूट्स के सहयोगी उपाध्यक्ष स्नेहल नवलखा के हाथो इन यशस्वी छात्रों को सन्मान चिन्ह और प्रमाणपत्र देकर सम्मानित किया गया. इस समय अॅनिमेशन विभाग के प्रमुख प्रा. अमोल गुप्ते, प्रा. अंशिका जोशी, प्रा. श्वेता यादव ने संयोजन किया. सूर्यदत्त एज्युकेशन फाऊंडेशन के संस्थापक अध्यक्ष प्रा. डॉ. संजय बी. चोरडिया व उपाध्यक्षा सुषमा चोरडिया ने यशस्वी छात्रों को अभिनन्दन कर के उन्हें आगे की पढाई के लिए बधाई दी.
सुषमा चोरडिया ने कहा, “किसी भी क्षेत्र में सफल होने के लिए कड़ी मेहनत, काम में निरंतरता व समर्पण भाव की जरुरत है. पढाई के साथ संस्कार, मूल्य और कौशल्य आत्मसात करने का प्रयास करे. एनिमेशन कई सारे अवसर उपलब्ध है. इसको ध्यान में लेकर हम यहाँ पर मेटॉवर्स, थ्री डी एनिमेशन, व्हीएफएक्स जैसे आधुनिक व नवीनता से भरे कोर्स उपलब्ध कर रहे है. एनिमेशन में पढाई करने के बाद भारत व अन्य देशों में भी छात्रों पहले साल से ही पार्ट टाइम, ऑनलाइन जॉब के अवसर मिल रहे है.”
“शॉर्ट फिल्म, डॉक्यूमेंटरी और अन्य उपक्रम नियमित रूप से सूर्यदत्त द्वारा आयोजित किये जाते है. उससे छात्रों को प्रैक्टिकल ज्ञान के साथ कमाने का भी अवसर प्राप्त होता है. स्टार्टअप और उद्योग जगत को आवश्यक स्किल्स देने का काम यहां किया जाता है. बारहवीं के बाद यहाँ कोर्स दिए जाते है,” ऐसा प्रा. डॉ. संजय चोरडिया ने कहा.