टॅक्सेशन लॉ’ के कार्यान्वयन में टैक्स प्रैक्टिशनर्स की अहम् भूमिका
‘एआयएफटीपी’ के ॲड. अश्विन आचार्य का मत; ‘एमटीपीए’ द्वारा १६ वे टैक्सेशन लॉ सर्टिफिकेट कोर्स का उद्घाटन
पुणे :टैक्स संकलन व टैक्स पेयर को मार्गदर्शन करने में टैक्स प्रैक्टिशनर्स हमेशा काम करते है. टैक्सेशन कानून के बारे में टैक्स पेयर को जागृत कर के इस कानून को प्रभावी तरीके से कार्यान्वित करने में टैक्स प्रैक्टिशनर्स अहम भूमिका निभाते है. इसलिए टैक्स प्रैक्टिशनर ने टैक्सेशन के साथ कानून को भी अवगत कराना जरूरी है,” ऐसा मत ऑल इंडिया फेडरेशन ऑफ टैक्स प्रैक्टिशनर्स के पश्चिम विभाग के निर्वाचित अध्यक्ष ॲड. अश्विन आचार्य ने व्यक्त किया.
महाराष्ट्र टैक्स प्रैक्टिशनर एसोसिएशन (एमटीपीए) द्वारा १६ वे टैक्सेशन लॉ सर्टिफिकेट कोर्स का उद्घाटन आचार्य के हाथो हुआ. इस समय यशवंतराव चव्हाण लॉ कॉलेज के डॉ. राहुल बिबवे, ‘एमटीपीए’ के अध्यक्ष सीएमए श्रीपाद बेदरकर, उपाध्यक्ष ॲड. अमोल शाह, सचिव प्रसाद देशपांडे, कोर्स चेअरमन मनोज चितळीकर, कोऑर्डिनेटर प्रणव सेठ, मिलिंद हेंद्रे, पूर्व अध्यक्ष नरेंद्र सोनवणे, शरद सूर्यवंशी, खजिनदार ज्ञानेश्वर नरवडे, सहसचिव ॲड. अनुरुद्र चव्हाण आदी उपस्थित थे. ‘एमटीपीए’ व यशवंतराव चव्हाण लॉ कॉलेज के बीच जीएसटी व टैक्सेशन कोर्स पढ़ाने हेतु समझौता ज्ञापन किया गया.
ॲड. अश्विन आचार्य ने कहा, “टैक्स प्रैक्टिशनर्स को ‘बेसिक्स’ व ‘एथिक्स’ के साथ काम करना चाहिए. तकनिकी के इस दौर में हमारे लिए कई सारे अवसर है. बहोत सरे स्रोत उपलब्ध है. कानून के कई सन्दर्भ हम देख सकते है. इसलिए हमें छात्र के रूप में ज्यादा से ज्यादा जानकारी लेकर उच्च ध्येय के साथ मेहनत से काम करना चाहिए.”
ॲड. राहुल बिबवे ने बताया की, टैक्सेशन लॉ को प्रभावी रूप से कार्यान्वित करने में इस कोर्स की मदद होगी. टैक्स के साथ साथ हमें कानून जानना जरूरी है. इन दोनों में एक्सपर्ट लोगो को आनेवाले समय में कई सरे अवसर प्राप्त होंगे. सीएमए श्रीपाद बेदरकर ने प्रास्ताविक किया. मनोज चितळीकर ने कोर्स के बारे बताया. मिलिंद हेंद्रे ने सूत्रसंचालन किया. जबकि, ॲड. अमोल शहा ने आभार ज्ञापित किए.