संभाग आयुक्त ने जिलों के मुख्य चिकित्सा एवं स्वास्थ्य अधिकारियों की बैठक ली
स्वास्थ्य से जुड़ी प्रसव पूर्व देखभाल और अपंजीकृत की स्थिति पर चिंता जताई
कार्य के प्रति को ताही बरतने वाले को नोटिस और वेतनवृद्धि रोकी जायेगी
अगली समीक्षा बैठक 10 दिन बाद होगी
रीवा एमपी: संभागीय आयुक्त श्री अनिल सुचारी आज यहां संभाग के सभी जिलों के मुख्य चिकित्सा एवं स्वास्थ्य अधिकारी और स्वास्थ्य महकमे से जुड़े अन्य अधिकारियों की बैठक ली। बैठक में आयुक्त महोदय ने स्वास्थ्य महकमें से जुड़े सभी अधिकारियों को अपने कार्य के प्रति सजग रहने और अपने कर्तव्यों का ठीक से निर्वहन करने की बात कही। उन्होंने चेताया की कोई भी अधिकारी अपने कार्य के प्रति उदासीनता और ठीक से काम नहीं करेगा उस पर सख्त कार्यवाही की जायेगी। श्री सुचारी ने आशा कार्यकर्ताओं को अपने कार्य के प्रति प्रोत्साहित करना और कार्य लेना की बात कही। श्री सुचारी आज यहां स्वास्थ्य विभाग की प्रसव पूर्व देखभाल पर आयोजित संभाग के सभी जिले – रीवा, सतना, सीधी और सिंगरौली के मुख्य चिकित्सा अधिकारी और स्वास्थ्य अधिकारियों से वीडियो कान्फ्रेंसिंग के माध्यम से बैठक ली। बैठक में उप संचालक सतीश निगम, उप संचालक डॉ. एनपी पाठक, प्रभारी क्षेत्रीय डॉ. एमएल गुप्ता उपस्थित थे।
श्री सुचारी ने सभी जिलों के मुख्य चिकित्सा एवं स्वास्थ्य अधिकारी को एक ग्रुप बनाने की सलाह दी, जिससे की वह आपस में समन्वय कर सकें और सार्थक परिणाम दे सकें। उन्होंने जिलों के सी.एम.ओ. को निर्देशित किया वह अपने महकमे के अधिकारियों, बीएमओ से समय-समय पर कार्य की समीक्षा करें और स्वास्थ्य पोर्टल पर सही आकड़ों को भरे। बैठक में प्रसव पूर्व महिलाओं की देखभाल, संस्थागत प्रसव और आकड़ों में अपंजीकृत प्रसव की स्थिति प्रसव उपरांत गहन चिकित्सा इकाई (अप्रैल 2022 से 8 फरवरी 2023) की स्थिति, पोषण पुनर्वास केन्द्र में उपचारित बच्चों की स्थिति (अप्रैल 2022 से जनवरी 2023) और आयुष्मान भारत योजना जनवरी 27 जनवरी 2023 की तक स्थिति क्रमवार विस्तार से समीक्षा की गयी। श्री सुचारी ने कहा कि स्वास्थ्य महकमे में कसावट की जरूरत है और इस कार्य में किसी भी प्रकार की गयी कोताही को वक्सा नहीं जायेगा और विभाग से जुड़े अधिकारियों को नोटिस दिये जायेंगे और जरूरत पड़ने पर वेतनवृद्धि भी रोकी जायेगी। इस संबंध में अगली बैठक 10 दिन के बाद होगी जिसमें पूरी समीक्षा की जायेगी।
पहली तिमाही पंजीकरण में प्रसव पूर्व चिकित्सा देखभाल में सतना जिले की स्थिति पर चिंता जताई और अधिकारियों को पंजीयन प्रतिशत बढ़ाने की बात कही। इसी प्रकार सिंगरौली जिले का पंजीयन संभाग में सबसे बेहतर रहा। वहीं सीधी के मझौली और रामपुर नैकिन के पंजीयन पर चिंता व्यक्त की और पहली तिमाही के रजिस्ट्रेशन आकड़ों पर चिंता व्यक्त की। इसी प्रकार सिंगरौली की पहली तिमाही के पंजीयन पर गिरते प्रतिशत अधिकारियों को चेताया।
श्री सुचारी ने घर पर प्रसव उपरांत नवजात की देखभाल की स्थिति में बढ़ते हुए प्रतिशत को देखते हुए चिंता व्यक्त की और इस संबंध में आशा कार्यकर्ताओं की भूमिका पर प्रश्न चिन्ह उठाया और कहा कि आशा कार्यकताओं को इस संबंध में अपनी भूमिका को और बढ़ाना चाहिए। आयुष्मान भारत योजना में संभाग के सभी जिलों में जारी किये गये आयुष्मान कार्डो के गिरते हुए प्रतिशत पर चिंता जताई और योजना के पंजीयन बढ़ाने पर जोर जिससे की योजना का लाभ संभाग के सभी लोगों को मिल सके।