पूणे

ज्ञान तीर्थक्षेत्र आलंंदी-देहु से विद्वतनगरी काशी-वाराणसी

ज्ञान तीर्थक्षेत्र आलंंदी-देहु से विद्वतनगरी काशी-वाराणसी
दुनिया के नक्शे पर भारत ‘विश्वगुरू’ घोषित
(विज्ञान, धर्म और दर्शन पर ९वें विश्व सम्मेलन की मान्यता)

पुणे : भारत के दूरदर्शी प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के वैश्विक अवधारणा द्वारा स्थापित नॉलेज कॉरिडोर में भारत विश्व गुरु इस अवधारणा की उद्घोषणा विज्ञान, धर्म/अध्यात्म और दर्शन पर ९वें विश्व सम्मेलन के संयोजक प्रख्यात शिक्षाविद विश्वधर्मी प्रो.डॉ. विश्वनाथ दा. कराड ने किया. माईर्स एमआईटी वर्ल्ड पीस यूनिवर्सिटी, पुणे की ओर से ९ से ११ फरवरी के दरमियान यह सम्मेलन नवनिर्मित श्री काशी विश्वनाथ धाम कॉरिडोर में किया गया था.
विश्व शांति, मानवता और साम्प्रदायिक सद्भाव के लिए ४५ वर्षों तक अथक परिश्रम करने वाले दार्शनिक संत श्री ज्ञानेश्वर माऊली, जगद्गुरू संत श्री तुकाराम महाराज से लेकर दार्शनिक वैज्ञानिक डॉ. अल्बर्ट आइंस्टीन को एक नया अर्थ देने वाले विश्वधर्मी प्रो. डॉ. विश्वनाथ दा. कराड को काशी विद्वत परिषद द्वारा ‘विश्वशांती विद्यारत्न’, बनारस हिंदू विश्वविद्यालय के इंडिया स्टडीज सेंटर द्वारा ‘विश्वशांती उद्गाता’,   बनारस हिंदू विश्वविद्यालय के यूनेस्को अध्ययन द्वारा ‘समर्पिंत जीवन गौरव पुरस्कार’ और संपूर्णानंद संस्कृत विश्वविद्यालय की ओर से ‘संस्कृत श्री’  जैसे प्रतिष्ठित सम्मानों से सम्मानित किया गया था.
९वें विश्व सम्मेलन का उद्घाटन पूर्व केंद्रीय मंत्री और बनारस हिंदू विश्वविद्यालय के पूर्व कुलाधिपति डॉ. कर्ण सिंह ने किया. इस मौके पर इंद्रेश कुमार, प्रमोद कुमार, योगी अमरनाथ, अविनाश धर्माधिकारी, भूषण पटवर्धन, डॉ. एस. किरण कुमार की विशेष उपस्थिति रहीं. इस अवसर पर विश्व विख्यात कंप्यूटर विशेषज्ञ डॉ. विजय भटकर ने वीडियो कांफ्रेंसिंग के जरिए हिस्सा लिया.
विश्व सम्मेलन की मुख्य विशेषता १० फरवरी को आयोजित सर्व विश्वास आशीर्वाद समारोह है. इसमें विश्व के सभी शास्त्र सच्चे अर्थों में जीवन के शास्त्र हैं, इसी सिद्धांत के आधार पर पवित्र भगवद्गीता, पवित्र कुरान, पवित्र बाइबल, पवित्र त्रिपिटक, पवित्र गुरू ग्रंथ साहिब के मूल दर्शन, उस धर्म के मानव कल्याण के बारे में पवित्र टोरा के संक्षेप में दर्शकों के सामने प्रस्तुत किया गया. हालांकि प्रत्येक धर्म में पूजा करने का एक अलग तरीका है, सभी धर्म प्रेम, करूणा, दया, त्याग और समर्पण सिखाते हैं.
उक्त ९ वें विश्व सम्मेलन में विभिन्न विषयों पर कुल १० सत्रों का आयोजन किया गया, जिसमें चाणक्य मंडल के अध्यक्ष डॉ. अविनाश धर्माधिकारी, नैक अध्यक्ष भूषण पटवर्धन, इटली के पूर्व राजदूत डॉ. बसंत गुप्ता, बिहार के पूर्व पर्यटन मंत्री प्रमोद कुमार, प्रसिद्ध चिकित्सा विशेषज्ञ डॉ. दीपक रानडे, वरिष्ठ विशेषज्ञ हरि राम त्रिपाठी, महान विचारक डॉ. राम विलास वेदांती,आचार्य लोकेश मुनि, फिरोज बख्त अहमद, फेलिक्स मच्याडो, डॉ. एडिसन समराज, डॉ. एलेक्स हैंकि, श्रीमती आनंदी रविनाथन और कई अन्य लोगों ने विद्वतापूर्ण विचार व्यक्त किए हैं.
काशी बनारस घोषणा के साथ इस ऐतिहासिक सम्मेलन का समापन हुआ. उक्त ऐतिहासिक घोषणा पत्र के माध्यम से भारत को सर्वसम्मति से विश्व गुरु घोषित किया गया. साथ ही, उपस्थित लोगों ने स्वामी विवेकानंद के  सपने को साकार करने की दिशा में काम करना जारी रखने के अपने दृढ़ संकल्प की घोषणा की.
आयोजित पत्रकार वार्ता में एमआईटी वर्ल्ड पीस यूनिवर्सिटी के कार्यकारी अध्यक्ष प्रो.डॉ. विश्वनाथ दा. कराड, एमआईटी डब्ल्यूपीयू के कार्यकारी अध्यक्ष राहुल विश्वनाथ कराड, डॉ. संजय उपाध्ये, नागपुर विश्वविद्यालय के पूर्व कुलपति डॉ. एस.एन.पठाण, पर्यावरण विशेषज्ञ राजेंद्र शेंडे, एमआईटी डब्ल्यूपीयू के प्रो. वाइस चांसलर डॉ. मिलिंद पांडे और प्रो.मिलिंद पात्रे मौजूद थे.

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