नवरात्री में स्वच्छता में उत्कृष्ट कार्य करने वाली महिलाओं का होगा सम्मान
स्वच्छ भारत मिशन (नगरीय) के अंर्तगत स्वच्छता में दिया जाएगा ‘नवदेवी सम्मान’
स्वच्छता कार्य में महिलाओं की सहभागिता बढ़ाने के लिए 30 मार्च तक मनाया जाएगा ‘स्वच्छोत्सव-2023’-श्रीमती नेहा शर्मा
नवरात्रि में मां दुर्गा के नौ स्वरूपों के अनुसार महिलाओं को नौ श्रेणियों में मिलेगा सम्मान
लखनऊ से विशाल समाचार टीम
लखनऊ: स्वच्छ भारत मिशन (नगरीय) ने नवरात्री के अवसर पर सभी नगरीय निकायों में स्वच्छता में महिलाओं की भागीदारी बढ़ाने और नेतृत्व को मजबूत करने के लिए नारी शक्ति को ‘नवदेवी सम्मान’ से नवाजने का फैसला लिया है। यह सम्मान जिला, मंडल एवं राज्य स्तर पर दिया जाएगा। इस संबंध में राज्य मिशन निदेशक, श्रीमती नेहा शर्मा ने सभी नगरीय निकायों को निर्देश दिए हैं।
श्रीमती नेहा शर्मा ने बताया कि प्रदेश के सभी नगरीय निकायों में स्वच्छ भारत मिशन के तहत 30 मार्च तक ‘‘स्वच्छोत्सव 2023’’ अभियान चलाया जाएगा, जिससे कि स्वच्छता में महिलाओं की भागदारी बढ़ सके। महिलाओं का उत्साह बढ़ाने और उन्हें प्रेरित करने के लिए उन्हें मां दुर्गा केे नौ स्वरूपों के आधार पर निकाय स्तर पर स्वच्छता के क्षेत्र में उत्कृष्ट कार्य करने वाली महिलाओं को नौ श्रेणियों में सम्मानित किया जाएगा।
निदेशक ने बताया कि प्रदेश के नगरीय क्षेत्र में स्थायी स्वच्छता सुनिश्चित करने के लिए स्वच्छता कार्य में उत्कृष्ट योगदान देने वाली प्रत्येक श्रेणी की तीन-तीन महिलाओं को जिला स्तर पर 20 मार्च तक नवदेवी सम्मान से सम्मानित किया जाएगा। दूसरे स्तर पर इन्हीं चयनित महिलाओं में से प्रत्येक श्रेणी की 2-2 महिलाओं को 25 मार्च तक मंडल स्तर पर सम्मानित किया जाएगा। 30 मार्च तक स्वच्छता कार्य में अति उत्कृष्ट प्रदर्शन करने वाली प्रत्येक श्रेणी की 1-1 महिला को राज्य स्तर पर सम्मानित करने का फैसला लिया गया है।
नवरात्रि पर्व पर महिलाओं की भूमिका के अनुसार उनके कार्याें को 09 श्रेणियों में विभाजित कर सम्मानित किया जायेगा। इसमें पहला दिन (मां शैलपुत्री) – स्वयं सहायता समूह की (एसएचजी)-महिलाओं जिसने स्वच्छता के क्षेत्र में स्वयं भी उल्लेखनीय कार्य किया हो और दूसरों को भी प्रेरित किया हो। दूसरा दिन (मां ब्रह्मचारिणी) -वेस्ट टू वेल्थ से महिला द्वारा अनुपयोगी वस्तुओं से ऐसी वस्तु बनाई जा रही हो जिससे स्वयं आमदनी की जा रही हो और दूसरों को भी प्रेरित या सहयोग किया जा रहा हो। तीसरा दिन (मां चन्द्रघंटा)-अपशिष्ट प्रबंधन में उद्यमी (इन्टरप्रीन्योर इन वेस्ट मैनेजमेंट)-अपशिष्ट प्रबंधन को एक उद्योग के रूप में तैयार किया हो, जिससे लोगों को रोजगार प्राप्त हुआ हो। चौथा दिन (मां कुष्मांडा)- सफाई मित्र को-सफाई मित्र के रूप में जिसने सराहनीय कार्य किया हो। पांचवां दिन (मां स्कंदमाता)-मास्टर ट्रेनर को-स्वच्छता के क्षेत्र में मास्टर ट्रेनर के रूप में लोगों को ज्यादा से ज्यादा प्रशिक्षण दिया हो, उन्हें सम्मानित किया जायेगा।
उन्होंने बताया कि छठा दिन (मां कात्यायनी) – नवाचार (इनोवेशन) स्वच्छता के क्षेत्र में महिला द्वारा कोई नवाचार किये जाने पर। सातवां दिन (मां कालरात्रि)- सामुदायिक खाद (कम्युनिटी कम्पोस्टिंग) में-ऐसी महिला जिसने सामुदायिक खाद बनाने के लिए लोगों को प्रेरित किया हो। आठवां दिन (मां महागौरी)-निकाय की स्थिति में परिवर्तन (ट्रांसफार्मेशन ऑफ यूएलबी/स्पेस) मंे ऐसी महिला को जिसके प्रयासों से निकाय की स्थिति में परिवर्तन आया हो, जिसमें निकायों का सौन्दर्यीकरण, साफ-सफाई, स्वच्छता के कार्यों में जन सहभागिता को बढ़ाना और उसकी ओनरशिप लेना। नवां दिन (मां सिद्धिदात्री)- सामुदायिक जागरूकता (कम्युनिटी अवेयरनेस) में महिला द्वारा समुदाय को स्वच्छता (3 आर-रिड्यूज, रियूज, रिसाइकल, एसयूपी) के संदर्भ में जागरूक किया जा रहा हो। ऐसे कार्यों को प्राथमिकता देने वाली महिलाओं एवं उनके समूहों को सम्मानित किया जायेगा।