दिग्गज अभिनेता सयाजी शिंदे का कहना है कि चाहे कितनी भी पार्टियां राजनीति में आ जाएं, हमें पेड़ों की पार्टी से प्यार करना चाहिए
प्रथम भारत रत्न डॉ. केंद्रीय राज्य मंत्री रामदास अठावले और संरक्षक मंत्री चंद्रकांत पाटिल द्वारा सयाजी शिंदे को बाबासाहेब अम्बेडकर समर्पण पुरस्कार प्रदान किया गया
पुणे : कोई राजनीतिक नेता, नट या वैज्ञानिक छाया या फल नहीं देता है. तो मेरी राय में पेड़ एक वास्तविक हस्ती है। एक पेड़ मरने तक हमें ऑक्सीजन देता है इसलिए मां और पेड़ से बड़ा कुछ नहीं होता। अभिनेता सयाजी शिंदे ने कहा कि राजनीति में चाहे कितनी भी पार्टियां आ जाएं, हमें पेड़ों की पार्टी से प्यार करना चाहिए क्योंकि पेड़ों की पार्टी चिरस्थायी होती है। साथ ही डॉ. उन्होंने यह भी स्पष्ट किया कि अगर कोई बाबासाहेब अंबेडकर की शिक्षाओं के बिना अलग तरह से सोचता है, तो उसके लिए यह बहुत मुश्किल होगा।
भारत रत्न डॉ. भारतरत्न डॉ. बाबासाहेब अम्बेडकर के विभिन्न क्षेत्रों में उनके अपार योगदान और सामाजिक कार्यों को देखते हुए। बाबासाहेब अंबेडकर समर्पण पुरस्कार समिति की ओर से समर्पण पुरस्कार की शुरुआत की गई है। संवेदनशील अभिनेता सयाजी शिंदे को इस साल का पहला समर्पण पुरस्कार केंद्रीय सामाजिक न्याय राज्य मंत्री रामदास अठावले और पुणे के उच्च और प्रौद्योगिकी राज्य मंत्री और संरक्षक मंत्री चंद्रकांत पाटिल द्वारा प्रदान किया गया। शिंदे सतकार को जवाब देते हुए बोल रहे थे। 1 लाख 11 हजार रुपए पुनेरी पगड़ी, डॉ. बाबासाहेब अम्बेडकर की प्रतिमा और सम्मान पत्र इस पुरस्कार का स्वरूप है। कार्यक्रम की अध्यक्षता अखिल भारतीय मराठी साहित्य सम्मेलन के पूर्व अध्यक्ष एवं संत साहित्य के प्रकांड विद्वान ने की। सदानंद मोरे थे। भारत रत्न डॉ. बाबासाहेब अम्बेडकर समर्पण पुरस्कार समिति के राजेश पाण्डेय, एड. मंदार जोशी, बालासाहेब जनराव, सुनील महाजन, मिलिंद कुलकर्णी आदि मौजूद थे।
आगे बोलते हुए सयाजी शिंदे ने कहा, मुझमें कलाकार की असली यात्रा डॉ. यह बाबासाहेब अंबेडकर जयंती पर शुरू हुआ। जब मैं कॉलेज में था, मैं रात के चौकीदार के रूप में काम करता था। उस समय विद्रोही कविताएँ खूब सुनी जाती थीं।