सूचना अधिकार कानून से खिलवाड़: मऊगंज के मामले में आयुक्त ने की त्वरित सुनवाई,
मऊगंज के सफाई दरोगा को 12 वर्षों बाद भी नहीं मिली नकल तो राज्य सूचना आयोग ने जारी किये नोटिस,
धर्मेन्द्र गुप्ता प्रतिनिधि मऊगंज की रिपोर्ट
सरकार भले ही जनता के हित मे कानून बनाकर न्याय दिलाने की बात करती हो लेकिन यह सुनने में अच्छे लेकिन हकीकत में बेहद कठिन और पीड़ादायक है,रीवा जिले के नगर परिषद मऊगंज में पूर्व में पदस्थ सफाई दरोगा निलंबन के बाद बहाल हुए और बहाली के बाद रिटायरमेंट हो गये पर अधिकारियों द्वारा उन्हें सूचना के अधिकार के तहत मांगी गई बहाल करने के आदेश की प्रमाणित छाया प्रति की जानकारी 12 वर्षों बाद भी उपलब्ध नहीं कराया,अब वे रिटायरमेंट हो गए. सफाई दरोगा द्वारा सूचना अधिकार के तहत नकल लेने के लिए आवेदन दिए गए ,आवेदन देने के 12 वर्षों तक उन्हें जानकारी उपलब्ध नहीं कराई, जिसकी अपील करने वे खुद राज्य सूचना आयोग के कार्यालय भोपाल पहुंचे. जहां उनके भावुक होते ही राज्य सूचना आयुक्त राहुल सिंह ने उनके अपील की त्वरित सुनवाई शुरू करते हुए अधिकारियों को नोटिस जारी किया गया है. मऊगंज नगर परिषद में पूर्व में पदस्थ सफाई दरोगा विद्याकांत मिश्र सूचना आयोग भोपाल राज्य सूचना आयुक्त राहुल सिंह के सामने उपस्थित होकर अपने प्रकरण की शीघ्र सुनवाई के लिए आवेदन देने गये थे. श्री मिश्र अपने प्रकरण की जानकारी देते हुए सूचना आयुक्त राहुल सिंह के सामने भावुक हो गए, उन्होंने जानकारी देते हुए कहा की वे मऊगंज नगर परिषद में सफाई दरोगा के पद पर पूर्व में पदस्थ थे. उन्हें सन 2012 में निलंबित किया गया था, बाद मे उन्हें बहाल कर दिया गया. सफाई दरोगा श्री मिश्रा अपनी बहाली के आदेश की प्रमाणित प्रति की नकल लेना चाहते थे। पर पिछले 12 साल से उन्हें कोई जानकारी नहीं दी गई,और वे अपनी बहाली के आदेश के बिना ही रिटायरमेंट हो गए. पूर्व की तीन कलेक्टरों ने जानकारी देने के लिए थे निर्देश राज्य सूचना आयुक्त राहुल सिंह ने सुनवाई दौरान पाया की श्री विद्याकांत मिश्रा के अपील पर पूर्व के तीन कलेक्टरों ने आर पी सोनी संयुक्त संचालक नगरी प्रशासन विकास रीवा संभाग को जानकारी देने के लिए निर्देश जारी किया गया था. पर अपीलीय अधिकारी कलेक्टर के निर्देश के बाद भी संयुक्त संचालक नगरी प्रशासन विभाग आरपी सोनी ने जानकारी उपलब्ध नहीं कराई।