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पुणे के डाॅ. तुषार निकालजे गिनीज वर्ल्ड रिकॉर्ड्स मे की भागीदारी

पुणे के डाॅ. तुषार निकालजे गिनीज वर्ल्ड रिकॉर्ड्स मे की भागीदारी

चेन्नई (तमिलनाडु):-ई.एस. एन. पब्लिकेशन (इंडिया) और लंदन ऑर्गनाइजेशन ऑफ स्किल डेवलपमेंट (लंदन) ने गिनीज बुक ऑफ वर्ल्ड रिकॉर्ड्स में “दुनिया की सबसे मोटी किताब” का विश्व रिकॉर्ड दर्ज किया है।यह शिक्षण संस्थानों ने 27 अगस्त 2023 को तमिलनाडु में दुनिया की सबसे मोटी किताब प्रकाशित की है। किताब 5.80 मीटर (19 फीट 034 इंच) मोटी है। इसमें पृष्ठों की संख्या एक लाख से भी अधिक है। यह किताब गिनीज बुक ऑफ रिकॉर्ड्स में दर्ज हो चुकी है। इस गतिविधि और खोज जो कि पुणे के एक लेखक और शोधकर्ता डॉ.तुषार निकालजे भी शामिल हुए. डॉ. निकलजे की अंग्रेजी पुस्तक सैक्रिफाइस ऑफ 25 पैसे टी (चाय) को उपरोक्त गतिविधि में शामिल किया गया है। इस पहल में भारत के लगभग 250 संपादकों और लेखकों ने भाग लिया है। इसमें पुणे से डॉ. तुषार निकालजे को संपादक के रूप में सूचीबद्ध किया गया है। डॉ.तुषार निकालजे, सावित्रीबाई फुले पुणे विश्वविद्यालय के एक सेवानिवृत्त गैर-शिक्षण स्टाफ के सदस्य हैं। विश्वविद्यालय में उनकी कुल 32 वर्षों की सेवा में से 27 वर्ष परीक्षा विभाग में रहे हैं। डॉ निकालजे मार्च 2022 में परीक्षा विभाग से सेवानिवृत्त हो गए हैं। और डॉक्टर निकालजे ने अब तक 12 किताबें, 76 लेख लिखे और प्रकाशित किए हैं। उन्होंने 4 राष्ट्रीय और अंतराष्ट्रीय सेमिनारों में भी भाग लिया है। डॉ. निकालजे की दो पुस्तकें

महाराष्ट्र के सात विश्वविद्यालय और तीन स्वायत्त कॉलेज द्वारा बी. ए और एम. ए. के अभ्यासक्रमोंको संदर्भ किताब मान्यता मिली है.

इसके साथ ही नेत्रहीनों के लिए एक ब्रेल-अंग्रेजी पुस्तक “अंडरस्टैंडिंग द यूनिवर्सिटी” भी लिखी और प्रकाशित की गई है। यह किताब इंडिया बुक ऑफ रिकॉर्ड्स में दर्ज हो चुकी है। डॉ. निकालजे ने हाल ही में “क्लर्क टू वर्ल्ड रिकॉर्ड” नामक एक वृत्तचित्र का निर्माण किया है । यह डॉक्युमेंट्री इंडिया बुक ऑफ रिकॉर्ड्स में दर्ज हो चुकी है।

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