पूणे

प्रजापिता ब्रह्माकुमारी ईश्वरीय विश्वविद्यालय द्वारा’ज्वेल ऑफ इंडिया’ पुरस्कार से विश्वधर्मी प्रो.डॉ. विश्वनाथ कराड सम्मानित

प्रजापिता ब्रह्माकुमारी ईश्वरीय विश्वविद्यालय द्वारा’ज्वेल ऑफ इंडिया’ पुरस्कार से विश्वधर्मी प्रो.डॉ. विश्वनाथ कराड सम्मानित

पुणे:  एमआईटी वर्ल्ड पीस यूनिवर्सिटी के संस्थापक अध्यक्ष प्रो. विश्वधर्मी प्रो. डॉ. विश्वनाथ दा. कराड को ‘ज्वेल ऑफ इंडिया’ यानी ‘भारत का अनमोल रत्न’ के विशेष पुरस्कार से सम्मानित किया गया. उन्हें यह पुरस्कार विश्व प्रसिद्ध प्रजापिता ब्रह्माकुमारी ईश्वरीय विश्वविद्यालय द्वारा प्रदान किया गया.

22 से 25 सितंबर तक शांतिवन परिसर, आबू रोड में ‘नए युग के लिए दिव्य ज्ञान’ विषय पर आयोजित ग्लोबल समिट 2023 में ब्रह्माकुमारी संस्था की प्रमुख राजयोगिनी बी.के. जयंती दीदी द्वारा पुरस्कार प्रदान किया गया. इस मौके पर उत्तर प्रदेश के कृषि मंत्री सूर्य प्रताप साही मुख्य अतिथि के रूप में मौजूद थे.

साथ ही विधायक नीरज शर्मा, बीसीसीआई सदस्य पी.वी.शेट्टी, बीके सुप्रिया दीदी, पीटर कुमार, राजयोगिनी बीके.चक्रधर,नोएडा

प्रो. डॉ. विश्वनाथ दा. कराड ने कहा, भारत वह देश है जिसमें ज्ञान का प्रकाश समाहित है. इसी भारत ने वसुधैव कुटुंबकम का संदेश देकर पूरे विश्व को एक सूत्र में बांधा है. सभी धर्मग्रंथ जीवन कैसे जियें और कैसे न जियें, इसका संदेश देते हैं. संत ज्ञानेश्वर ने 16 वर्ष की आयु में संपूर्ण ब्रह्मांड का चिंतन कर मानव जाति को सुखी और संतुष्ट रहने का मार्ग दिखाया.

विश्वधर्मी प्रो. डॉ. विश्वनाथ दा. कराड ने

1983 में माईर्स एमआईटी एजुकेशन इंस्टीट्यूट की स्थापना की. इसके बाद चार दशकों की अवधि में संस्था के अंतर्गत पांच अंतरराष्ट्रीय स्तर के विश्वविद्यालय और 72 अन्य शैक्षणिक संस्थान स्थापित किये गये. शांति, लोकतंत्र और मानवाधिकार के लिए यूनेस्को अंतर्राष्ट्रीय संगठन के डॉ. कराड को प्रोफेसर पद से सम्मानित किया गया. उनकी संकल्पना एवं पुरस्कार से महान दार्शनिक संत श्री ज्ञानेश्वर महाराज एवं श्री. तुकाराम महाराज के नाम पर वे दुनिया के सबसे बड़े विश्वशांति गुंबद, आलंदी में एक सुंदर और शाश्वत घाट, 145 फीट ऊंचे गुरुड़ स्तंभ, सार्वभौमिक श्री राम रहीम मानव सेतु का निर्माण करके मानव जाति के कल्याण और तथागत भगवान गौतम बुद्ध विहार का निर्माण कर विश्व में शांति के लिए काम कर रहे हैं.

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