पूणे

अदिति तटकरे के विचार: विश्वराज अस्पताल में उर्मी फर्टिलिटी सेंटर का उद्घाटन

अदिति तटकरे के विचार: विश्वराज अस्पताल में उर्मी फर्टिलिटी सेंटर का उद्घाटन

पुणे :“माँ बनने के बाद महिलाओं में प्रसवोत्तर अवसाद आम है. यह उनकी मानसिकता को पूरी तरह से अवसादग्रस्त कर देता है. कामकाजी महिलाओं को अचानक बच्चे की देखभाल करना मुश्किल हो जाता है. यही कारण है कि पिछले तीन वर्षों से राज्य सरकार इस गंभीर मुद्दे पर काम कर रही है. साथ ही सभी चिकित्सा सेवाओं को यथासंभव इस पर काम करना चाहिए.ऐसे विचार महाराष्ट्र की महिला एवं बाल विकास मंत्री अदिति वरदा सुनील तटकरे ने रखे.
लोनी कालभोर में माइर्स विश्वराज अस्पताल की ओर से दार्शनिक, बौद्धिक कवि श्रीमती उर्मिला कराड के नाम पर शुरू किए गए ‘उर्मी फर्टिलिटी सेंटर’ (आईवीएफ) के उद्घाटन पर बताौर मुख्य अतिथि के रूप में बोल रही थीं. अध्यक्षता विश्वराज हॉस्पिटल की कार्यकारी निदेशक डॉ.अदिति कराड ने निभाई.
इस अवसर पर माइर्स एमआईटी एजुकेशन ग्रुप के कार्यकारी अध्यक्ष राहुल वी.कराड, महिला एवं बाल कल्याण विभाग के आयुक्त डॉ. प्रशांत नारनवरे, उर्मी फर्टिलिटी सेंटर (आईवीएफ) के निदेशक डॉ.आशीष काले और डॉ.अश्विनी काले उपस्थित थे.
इस अवसर पर डॉ.चंद्रकांत हरपाले, डॉ. कल्पना खाड़े, लोनी कालभोर की सरपंच गौरी कालभोर और उपसरपंच ललिता कालभोर का विशेष सत्‍कार किया गया.
अदिति तटकरे ने कहा, “मातृत्व हासिल करना एक महिला के जीवन का सबसे सुनहरा पल होता है. अगर शादी के बाद अगले दो-चार साल तक उसे बच्चा नहीं होता है, तो परिवार अक्सर पूछता है कि ‘ गुड न्‍यूज’ कब है. ऐसे समय में भगवान के बाद दूसरी उम्मीद डॉक्टर से होती है. वे उन्हें नकारात्मकता से  बचाकर सकारात्मकता की ओर ले जाते है.
“हर अस्पताल ऐसा होना चाहिए जहां गरीब मरीज को उचित और किफायती इलाज मिले लेकिन उच्च वर्ग के मरीज को यह महसूस नहीं होना चाहिए कि उसे उसकी सुविधाओं के अनुसार इलाज नहीं मिल रहा है. लेकिन विश्वराज अस्पताल में दोनों वर्ग के मरीजों के लिए अत्याधुनिक सुविधाएं हैं.
“सरकार अब बाल नीति पर विशेष रूप से काम कर रही है. आजकल बच्चे सोशल मीडिया और मोबाइल के अधिक आदी हो गए हैं. उनके जीवन में मोबाइल के अलावा कोई दूसरी दुनिया नहीं है. ऐसे समय में बाल विभाग भावी पीढ़ी के लिए बहुत काम कर रहा है.
राहुल कराड ने कहा,”आजकल तनाव, बुरी आदतें, खान-पान की आदतें महिलाओं के शरीर पर असर डाल रही हैं. इसके कारण उनके हार्मोन में बदलाव आया है. उर्मी आईवीएफ सेंटर उन महिलाओं के लिए निश्चित रूप से फायदेमंद होगा जो मातृत्व चाहती हैं. यहां सेवा की संस्कृति को संरक्षित किया गया है. इस संदर्भ में आसपास के गांवों में जागरूकता पैदा की जानी चाहिए.मां के नाम पर शुरू किया गया उर्मी आईवीएफ सेंटर निश्चित रूप से मातृत्व के चेहरे पर मुस्कान लाएगा.”
डॉ. अदिति कराड ने कहा,”मातृत्व का संबंध केवल महिला से नहीं बल्कि पूरे परिवार से होता है.इस समय महिला की मानसिकता के बारे में सोचना बहुत जरूरी है. उर्मी सेंटर निश्चित रूप से सभी के लिए वरदान साबित होगा.महिलाओं को मातृत्व और पुरुषों को पितृत्व का दर्जा देने का भी काम किया जाएगा.”
डॉ. आशीष काले ने कहा,”आईवीएफ केंद्रों को लेकर समाज में बहुत सारी गलतफहमियां थीं, लेकिन समय के साथ यह कम होती दिख रही हैं. चूंकि इस अस्पताल में आधुनिक चिकित्सा सेवाएं और तकनीक है. इसलिए इससे निश्चित रूप से सभी को लाभ होगा.”
सूत्र संचालन हर्षा पालवे और डॉ.संतोष पवार ने आभार व्यक्त किया.

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