उत्तर प्रदेश

नामी कंपनियों को गांव में मिलेगी रियायती जमीन, भूमि आवंटन व्यवस्था में बदलाव का प्लान; पढ़ें पूरी जानकारी

नामी कंपनियों को गांव में मिलेगी रियायती जमीन, भूमि आवंटन व्यवस्था में बदलाव का प्लान; पढ़ें पूरी जानकारी

 

 

100 करोड़ रुपये से अधिक प्रत्यक्ष विदेशी निवेश (एफडीआई) वाली परियोजनाओं व फॉर्चून ग्लोबल-500 व फॉर्च्यून इंडिया-500 की सूची में शामिल कंपनियों द्वारा 200 करोड़ से अधिक पूंजी निवेश वाले प्रोजेक्ट के लिए विशेष रियायत पर भूमि दी जाएगी। 

रिपोर्ट विशाल समाचार टीम यूपी

देश-दुनिया की चुनिंदा नामी कंपनियों को प्रदेश में उद्योग लगाने के लिए अर्जन मूल्य (जमीन को प्राप्त करने में हुआ मालूमी खर्च) पर ग्राम समाज की भूमि देने की तैयारी है। शासन के औद्योगिक विकास विभाग ने इसके लिए ‘फॉरेन डायरेक्ट इन्वेस्टमेंट एवं फॉर्च्यून-500 कंपनियों के निवेश के लिए प्रोत्साहन नीति-2023’ तैयार कर ली है। ऐसी कंपनियों को कई अन्य लाभ भी दिए जाएंगे। प्रस्ताव को कैबिनेट से मंजूरी दिलाने की कार्यवाही शुरू हो गई है।

प्रस्ताव के मुताबिक 100 करोड़ रुपये से अधिक प्रत्यक्ष विदेशी निवेश (एफडीआई) वाली परियोजनाओं व फॉर्चून ग्लोबल-500 व फॉर्च्यून इंडिया-500 की सूची में शामिल कंपनियों द्वारा 200 करोड़ से अधिक पूंजी निवेश वाले प्रोजेक्ट के लिए विशेष रियायत पर भूमि दी जाएगी। पात्र परियोजनाओं को औद्योगिक विकास प्राधिकरण की वर्तमान आवंटन दरों में रियायत देते हुए भूमि देने की व्यवस्था की जा रही है।

प्राधिकरणों को निशुल्क उपलब्ध कराई जा रही ग्राम समाज की भूमि के क्षेत्रफल की 50% भूमि इस नीति के तहत पात्र परियोजनाओं को प्राधिकरण के अर्जन मूल्य पर आवंटित की जा सकेगी।

– अन्य प्रकरणों में औद्योगिक विकास प्राधिकरणों के भूमि आवंटन मूल्य पर सब्सिडी दी जाएगी। पश्चिमांचल व मध्यांचल में सब्सिडी की दर 75% तथा बुंदेलखंड व पूर्वाचल में 80% होगी। बाद में यह सब्सिडी सरकार द्वारा प्राधिकरणों को प्रतिपूर्ति की जाएगी।

ये लाभ भी
– पात्र परियोजनाओं को पूंजी निवेश पर (भूमि की लागत को छोड़कर) 100 करोड़ की वार्षिक सीमा के अंतर्गत सात समान वार्षिक किस्तों में पूंजीगत सब्सिडी दी जाएगी। गौतबुद्धनगर व गाजियाबाद में पूंजी निवेश का 25%, इन दो जिलों को छोड़कर पश्चिमांचल व मध्यांचल में पूंजी निवेश का 30% तथा बुंदेलखंड व पूर्वाचल में पूंजी निवेश का 35% पूंजीगत सब्सिडी मिलेगी।
-100% की दर से एसजीएसटी की प्रतिपूर्ति भी की जाएगी। यह भूमि की लागत को छोड़कर पात्र पूंजी निवेश की अधिकतम सीमा के बराबर होगी।
स्टांप ड्यूटी एवं पंजीकरण शुल्क पर 100% छूट मिलेगी।
– इलेक्ट्रिसिटी ड्यूटी में 5 वर्षों के लिए 100% छूट होगी।
– कंपनी में प्रति व्यक्ति प्रतिमाह 5000 रुपये की सीमा तक अधिकतम 500 व्यक्तियों के प्रशिक्षण के लिए सरकार प्रतिपूर्ति देगी।
– एफ्लुएंट ट्रीटमेंट प्लांट व कॉमन एफ्लुएंट ट्रीटमेंट प्लांट की स्थापना के लिए 2.5 करोड़ तक तथा श्रमिकों के आवास/डॉरमेट्री के लिए 10 करोड़ तक मदद दी जाएगी।
-अंतरराष्ट्रीय व घरेलू कार्यस्थलों से यूपी में अपनी इकाइयों के संयंत्र लाने पर मैन्युफैक्चरिंग उपकरणों के आयात पर दो करोड़ रुपये परिवहन खर्च दिया जाएगा।
– घरेलू पेटेंट के लिए अधिकतम 10 लाख अंतरराष्ट्रीय पर्यटन प्राप्त करने के लिए अधिकतम 20 लाख की सीमा तक मदद दी जाएगी। अनुसंधान एवं विकास केंद्र की स्थापना के लिए अधिकतम 10 करोड़ की मदद मिलेगी।

 

 

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