गोरखपुर

यूपी के 25 गांवों से ली जाएगी 6000 एकड़ जमीन, सर्किल रेट से चार गुना तक मूल्य देने का रखा गया प्रस्ताव

यूपी के 25 गांवों से ली जाएगी 6000 एकड़ जमीन, सर्किल रेट से चार गुना तक मूल्य देने का रखा गया प्रस्ताव
गोरखपुर विशाल समाचार संवाददाता : मुख्यमंत्री शहर विस्तारीकरण (नया शहर प्रोत्साहन योजना) के तहत नया गोरखपुर विकसित करने के लिए 150 से अधिक किसान राजी होने के साथ ही सहमति पत्र भी भर चुके हैं। गोरखपुर विकास प्राधिकरण (जीडीए) ने रजिस्ट्री की तैयारी भी शुरू कर दी है। दर निर्धारण को लेकर डीएम की अध्यक्षता वाली जिला स्तरीय कमेटी की बैठक हो चुकी है।
 गोरखपुर:  मुख्यमंत्री शहर विस्तारीकरण (नया शहर प्रोत्साहन योजना) के तहत नया गोरखपुर विकसित करने के लिए 150 से अधिक किसान राजी होने के साथ ही सहमति पत्र भी भर चुके हैं। गोरखपुर विकास प्राधिकरण (जीडीए) ने रजिस्ट्री की तैयारी भी शुरू कर दी है। दर निर्धारण को लेकर डीएम की अध्यक्षता वाली जिला स्तरीय कमेटी की बैठक हो चुकी है।
[जल्द ही कमेटी की रिपोर्ट अनुमोदन के लिए कमिश्नर अनिल ढींगरा के पास भेज दी जाएगी। वहां से स्वीकृति मिलते ही रजिस्ट्री कराने का काम शुरू हो जाएगा। प्राधिकरण की ओर से इस माह के आखिरी तक रजिस्ट्री शुरू हो जाने की उम्मीद जताई जा रही है। नया गोरखपुर विकसित करने के लिए 25 गांव से कुल 6000 एकड़ जमीन ली जानी है। यह भूमि समझौते के आधार पर ली जाएगी।
पहले चरण में पिपराइच रोड के चार गांव मानीराम, रहमत नगर, सोनबरसा और बालापार की कुल 158.377 हेक्टेयर जमीन प्राप्त करने के लिए प्रभारी मुख्य अभियंता किशन सिंह के नेतृत्व में आठ अधिकारियों- कर्मचारी की टीम गठित है।
 वहीं कुशीनगर रोड के तीन गांव माड़ापार, कोनी, तकिया मेदनीपुर की कुल 251.819 हेक्टेयर जमीन के लिए भी अधिशासी अभियंता नरेंद्र कुमार की अगुवाई में 8 अधिकारियों-कर्मचारियों की टीम बनाई गई है। दोनों ही टीमें काश्तकारों के साथ बैठक कर उन्हें सर्किल रेट से चार गुने अधिक दाम तक पर जमीन देने के लिए राजी करा रही हैं।
अब तक बालापार, मानीराम और रहमत नगर के 150 से अधिक काश्तकारों ने जमीन देने के लिए लिखित सहमति प्रदान कर दी है।
सर्किल रेट से चार गुना मूल्य तक पर काश्तकारों से जमीन लेने का प्रस्ताव डीएम की अध्यक्षता में गठित जिला स्तरीय मूल्य निर्धारण कमेटी को भेजा गया था। कमेटी ने निर्णय ले लिया है। जल्द ही रिपोर्ट कमिश्नर के पास भेज दी जाएगी। वहां से अनुमोदन मिलते ही रजिस्ट्री प्रक्रिया शुरू कर दी जाएगी। उधर और किसानों से सहमति भरवाने का सिलसिला भी जारी है। आनंद वर्द्धन, उपाध्यक्ष, गोरखपुर विकास प्राधिकरण

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