संभावित बाढ़ पूर्व सभी आवश्यक तैयारियों के मद्देनजर जिलाधिकारी श्री रिची पांडेय के द्वारा सभी विभागों को आवश्यक निर्देश दिए गए हैं।
सीतामढ़ी विशाल समाचार संवाददाता: संभावित बाढ़ पूर्व सभी आवश्यक तैयारियों के मद्देनजर जिलाधिकारी श्री रिची पांडेय के द्वारा सभी विभागों को आवश्यक निर्देश दिए गए हैं।उन्होंने संभावित बाढ़ एवं आपदा के मद्देनजर सभी विभागों को अलर्ट मोड में रहने को कहा है। बाढ़ पूर्व तैयारी के निमित्त हर स्तर पर तैयारियां मुकम्मल की जा रही हैं।जिलाधिकारी द्वारा लगातार इसकी मॉनीटरिंग भी की जा रही है। स्वयं जिलाधिकारी श्री रिची पांडेय के द्वारा लगातार फील्ड भ्रमण करते हुए सभी तटबन्धों का जायजा लिया जा रहा है एवं सभी तकनीकी विभागों को आवश्यक निर्देश दिए गए हैं। जिलाधिकारी के द्वारा मुख्य रूप से संभावित बाढ़ में आपदा प्रबंधन के तहत मानक संचालन प्रक्रिया अंतर्गत की जाने वाले तैयारियों की लगातार समीक्षा की जा रही है। सभी नदियों के जलस्तर पर नजर रखी जा रही है।सभी नदियां खतरे के निशान से नीचे बह रही हैं। जिले में अभी बाढ़ की कोई स्थिति नहीं है।
वर्तमान में सीतामढ़ी जिला अंतर्गत कुल 17 वर्षा मापक यंत्र कार्यरत हैं। सीतामढ़ी जिला अंतर्गत सभी पंचायत में स्वचालित वर्षा मापक यंत्र का अधिष्ठापन किया जा चुका है।
राहत सामग्रियों के दर का निर्धारण एवं आपूर्तिकर्ताओं का चयन कर लिया गया है।
जिला में कल 34557 पॉलिथीन सीट उपलब्ध है जिसमें अंचल स्तर पर 26272 पोलोथिन सीट्स उपलब्ध है जबकि नोडल जिला मुजफ्फरपुर से 25000 पॉलीथिन सीट्स की अधियाचन की गई है।
परिचालन योग्य सरकारी नाव की संख्या 18 है जबकि निजी नाव मालिकों के साथ भी इकरारनामा किया गया है।
जिले में बाढ़ राहत शिविर की संख्या 233 है जबकि 256 सामुदायिक रसोई का स्थल चिन्हित किया गया है।
बाढ़ के समय इमरजेंसी सेवा के मद्देनजर 27 सदस्यीय एसडीआरएफ की टीम रुन्नीसैदपुर अंतर्गत आवासित है।
सभी अनुमंडल अधिकारी एवं जल संसाधन विभाग के कार्यपालक अभियंता की टीम बनाकर तटबंधों के निरीक्षण कर संवेदनशील स्थलों /रन कट आदि स्थलों की मरम्मती कार्य यथाशीघ्र पूर्ण करने का निर्देश दिया गया है।मरम्मती का कार्य जारी है। साथ ही सभी संबंधित पदाधिकारी के द्वारा तटबन्धों पर सतत निगरानी रखी जा रही है।
खरीफ फसल 2024 के लिए आकस्मिक योजना तैयार कर ली गई है।
पशु चारा के दर का निर्धारण कर लिया गया है।
बाढ़ के दौरान पशु स्वास्थ्य हेतु 38 प्रकार का दवा उपलब्ध है जबकि 34 पशु शिविर का चयन किया गया है जिसमें 34 मेडिकल टीम का गठन किया गया है।
बाढ़ के दौरान मानव स्वास्थ्य के लिए कुल 32 मेडिकल टीम का गठन किया गया है जबकि बाढ़ के दौरान मानव स्वास्थ्य के लिए कुल 21 मोबाइल मेडिकल टीम का गठन किया गया है। बाढ़ के दौरान मानव स्वास्थ्य के लिए कुल 40 प्रकार की दवाओं की उपलब्धता सुनिश्चित की गई है।
कुल 32247 चापाकल की संख्या है जिसमें 29278 कार्यरत हैं।
लघु जल संसाधन विभाग एवं पीएचईडी को भी आवश्यक निर्देश दिए गए हैं।