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नगर विकास एवं ऊर्जा मंत्री ने 10वें अन्तर्राष्ट्रीय योग दिवस पर काशी विश्वनाथ मंदिर परिसर में किया योगाभ्यास

नगर विकास एवं ऊर्जा मंत्री ने 10वें अन्तर्राष्ट्रीय योग दिवस पर काशी विश्वनाथ मंदिर परिसर में किया योगाभ्यास

 

विश्वेश्वर भगवान भोलेनाथ स्वयं योग के प्रणेता

प्रधानमंत्री मोदी ने भारत की विरासत ’योग’ को दुनिया के कोने-कोने तक पहुंचाया

धर्मेन्द्र कुमार वर्मा संवाददाता लखनऊ 

उत्तर प्रदेश के नगर विकास एवं ऊर्जा मंत्री श्री ए.के. शर्मा ने 10वें अन्तर्राष्ट्रीय योग दिवस के अवसर पर वाराणसी के काशी विश्वनाथ मंदिर परिसर में आयोजित योग अभ्यास कार्यक्रम बतौर मुख्य अतिथि प्रतिभाग कर कार्यक्रम कर द्वीप प्रज्जवलित कर शुभारम्भ किया और देश-विदेश से आये श्रद्धांलुओं, योगाचार्यों व नवयुवकों के साथ योगाभ्यास किया। उन्होंने विश्व योग दिवस पर विश्व, देश एवं प्रदेश के नागरिकों को हार्दिक शुभकामनाएं दी हैं। उन्होंने कहा कि मा. प्रधानमंत्री मोदी जी के प्रयासों से भारत की गौरवपूर्ण संस्कृति एवं विरासत पूरी दुनिया में फैल रही है। शरीर और मन को निरोग रखने के लिए लोग योग को अपना रहे हैं।

श्री ए0के0 शर्मा ने आदियोगी नटराज शिव की नगरी में काशी विश्वनाथ धाम परिसर में योगाभ्यास कर अंतर्राष्ट्रीय योग दिवस पर पूरी दुनिया को योग से निरोग रहने का संदेश दिया। मंत्री एके शर्मा के नेतृत्व में एक हजार लोगों ने योग किया। इस अवसर पर काशी के गंगा घाटों, पार्कों में काशीवासी योग करते नजर आए।

 

 

श्री काशी विश्वनाथ धाम में मंत्री श्री शर्मा ने जिले के गणमान्य नागरिकों, अधिकारियों और श्रद्धालुओं के साथ प्राणायाम, अनुलोम-विलोम, सूर्य नमस्कार समेत योग की तमाम विधाओं में योगाभ्यास किया।

इस अवसर पर ऊर्जा मंत्री ने कहा कि भगवान शंकर स्वयं सबसे बड़े योगी हैं, उनके दरबार में योग करना काफी सुखद रहा। योग एक ऐसी विधा है जिसके माध्यम से बिना एक भी पैसा लगाए निरोग रहने का गुण प्राप्त होता है। प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी की प्रेरणा से आज संपूर्ण विश्व में योग को अपनाया गया है। इसी योग ने तमाम जटिल रोगों का भी इलाज किया है। इसकी महत्ता को समझते हुए अंतर्राष्ट्रीय योग दिवस मनाया जाता है। काशी में योग कार्यक्रम में भाग लेकर काफी खुशी महसूस कर रहा हूं। उन्होंने कहा कि योग महर्षि पतंजलि ने हमारे समक्ष रखा है, उसके वास्तविक प्रणेता स्वयं भगवान विशेश्वर है, जिनको योगीराज भी कहते हैं। उन्होंने अष्टांग योग की परिकल्पना की और उसका ज्ञान सबसे पहले उन्होंने माता पार्वती जी को दिया था। इसके बाद से ही हजारों वर्षों से भारत में ऋषि मुनियों ने अपनी शारीरिक, मानसिक एवं अध्यात्मिक उन्नयन के लिए योग साधना कर रहे हैं। अब यह विधा पूरे विश्व में फैल गयी है और लोग योगाभ्यास कर निरोग हो रहे हैं।

योग दिवस कार्यक्रम में विधायक कैण्ट सौरभ श्रीवास्तव, जिला पंचायत अध्यक्ष पूनम मौर्य, हंसराज विश्वकर्मा, एमडी जल निगम राजशेखर, एडीसीपी वाराणसी एस. चीनप्पा, सीडीओ हिमांशु नागपाल समेत बड़ी संख्या में देशभर से आये श्रद्धालुओं ने योगाभ्यास किया।

 

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