उत्तर प्रदेश

यूपी को ठेंगा ..गुजरातियों को ठेका ..यूपी को ठेंगा

जलजीवन मिशन में सड़ांध..!

यूपी को ठेंगा ..गुजरातियों को ठेका ..यूपी को ठेंगा

 

 

विशाल समाचार संवाददाता यूपी 

 यूपी: केन्द्र की मोदी सरकार द्वारा जल जीवन मिशन को लेकर बड़े-बड़े दावे किए गए थे किंतु सच्चाई पर यदि सरसरी दृष्टि डाली जाय तो पैर के नीचे से जमीन सरक जाएगी क्योंकि चुनाव पूर्व जो 70 प्रतिशत वॉटर कनेक्शन की रिपोर्ट केंद्र सरकार को भेजी गई वह मात्र एक घोटाला है जबकि सच्चाई यह है कि उत्तर प्रदेश में जल जीवन मिशन के तहत मात्र 30 प्रतिशत ही कार्य हो पाया है किंतु केंद्र सरकार के दबाव में रिपोर्ट में बताया गया है कि 70 प्रतिशत वॉटर कनेक्शन चालू हो गए हैं। दिन में मोटर से पानी खींच संचालित दर्शाया गया है, परंतु टंकी निर्माण का कार्य अभी अर्द्ध निर्मित हैं जो दर्शाता है कि जल जीवन मिशन एक महा घोटाला बन चुका है

जिनकी समय रहते जांच होनी चाहिए।

गौरतलब है कि उत्तरप्रदेश में देवीपाटन मंडल के अंतर्गत अकेले जनपद बहराइच की बात करें तो पता चलता है कि अकेले एक जनपद में लगभग 2 हजार करोड़ रुपए से 730 टंकी का निर्माण होना था जिसमें 284 टंकी अर्धनिर्मित अवस्था में पाई गई अभी तक जबकि 446 टंकी का आता पता ही गायब है विभाग के अनुसार समूचे जिले में मात्र 10 टंकी से पानी की सप्लाई संचालित हो रही है शेष 720 टंकी नहीं बनने से वाटर सप्लाई नहीं की जा रही है। केंद्र सरकार को भेजी गई रिपोर्ट में 70 प्रतिशत वॉटर कनेक्शन चालू बताया गया है जो एक बड़े घोटाले की ओर संकेत स्पष्ट है। लेकिन क्या केंद्र की मोदी

जनपद बहराइच में जल जीवन मिशन के तहत 2000 करोड रुपए की लागत से कुल 730 टंकी का निर्माण होना था जिसमें 284 टंकी अर्धनिर्मित अवस्था में मिली शेष का पता नहीं है। केंद्र सरकार को भेजी गई रिपोर्ट में 70 प्रतिशत वॉटर कनेक्शन और संचालन हो रहा है। अधिकांश भुगतान किस बिना पर हुआ जल निगम के अधिकारी बोलने से कतराते है।

सरकार हिम्मत जल जीवन मिशन के महा घोटाले की जांच करवाने की जुटा पाएगी अथवा घोटाले बाजों के समक्ष नत मस्तक होकर रह जाएगी देखना दिलचस्प होगा। आधे से कम कार्य पर भुगतान कैसे किए गए इस विषय पर जल निगम बहराइच के मुख्य अभियंता बोलने से भी बच रहे हैं जो संदेह की पुष्टि करता है।

बताते चलें की जल जीवन मिशन के तहत उत्तर प्रदेश के समस्त कार्य का ठेका गुजराती कंपनियों को ही क्यों दिया गया और उत्तर प्रदेश के लोगों को या कंपनियों को ठेके क्यों नहीं दिए क्या उत्तर प्रदेश की जनता को रोजगार की जरूरत नहीं थी उत्तर प्रदेश की जनता और कंपनियां सब अयोग्य है? जिसके चलते गुजराती कंपनियों को ही उत्तर प्रदेश के समस्त रोजगार स्रोतों पर कब्जा दे दिया गया। उत्तरप्रदेश की जनता प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी से जानना चाहती है की जल जीवन मिशन के प्रोजेक्ट में उत्तरप्रदेश को दरकिनार कर अकेले गुजरातियों को अतिरिक्त महत्व क्यों दिया गया ? क्या प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को मात्र गुजरात में ही समूचा भारत दिखाई देता है अथवा प्रधानमंत्री केवल गुजरात को ही भारत मानते हैं अन्य राज्यों जैसे उत्तरप्रदेश को रोजगार और उद्योग प्रदान करने में फिसड्डी साबित होकर रह गई मोदी सरकार जबकि गुजरात के एक-एक गांव को भी उद्योगों का हब बना दिया गया और उत्तर प्रदेश को विकास के नाम पर रोजगार के नाम पर उद्योग के नाम पर ठेंगा दिखाया गया।

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