ली मिले तो समझें, आबकारी विरात 8 बजे बाद शराब दुकान खुभाग बंधी ले रहा
डीजी डॉ. रवि प्रकाश मेहरड़ा ने बताया कि जिला आबकारी अधिकारी कैलाश चन्द्र प्रजापति के खिलाफ करीब दस दिन पहले दौसा के शराब ठेकेदार ने मासिक बंधी मांगकर परेशान करने की शिकायत दी थी। इस पर ट्रैप की कार्रवाई एएसपी सुनील सिहाग की टीम को सौंपी। टीम ने रिश्वत मांगने का सत्यापन किया तो आरोपी ने परिवादी को कहा कि अप्रेल, मई व जून तीन माह के 1.80 लाख रुपए बनते हैं। इनमें 10 हजार रुपए ही दिए हैं। शेष 1.70 लाख रुपए सांगानेर में टोंक रोड स्थित खुद के बेटे के कपड़ा शोरूम पर लेकर बुलाया था। आरोपी शनिवार-रविवार का अवकाश होने पर जयपुर परिवार के पास आया हुआ था।
खुलने के आदेश की आबकारी विभाग के अधिकारी ही धज्जियां उड़ा रहे हैं। यदि आपके क्षेत्र में रात 8 बजे बाद शराब दुकान में विक्री हो रही है तो समझ लें कि आपके क्षेत्र का संबंधित आबकारी अधिकारी मोटी रकम बंधी में ले रहा है। एसीबी की कार्रवाई में इसका खुलासा हुआ है। दौसा जिला आबकारी अधिकारी कैलाश चन्द्र प्रजापति शराब ठेकेदार से रात 8 बजे बाद शराब विक्री करने व अन्य मामलों में कार्रवाई नहीं करने के बदले में प्रति माह 60 हजार रुपए बंधी मांग रहा था। बंधी मिलने के बाद देर रात तक शराब विक्री करने पर आबकारी विभाग की तरफ से होने वाली कार्रवाई से बचाने का आश्वासन दे रहा था। एसीबी ने आबकारी अधिकारी कैलाश चन्द्र को अप्रेल, मई, जून की बंधी के 1.70 हजार रुपए लेते रंगे हाथ गिरफ्तार किया था। जबकि पीडि़त ठेकेदार से बंधी के 10 हजार रुपए अग्रिम ले चुका था।
राजधानी में भी रात 8 बजे बाद शराब दुकानों पर विक्री की जाती है। यहां तक की कई शराब दुकानदारों ने रात 8 बजे बाद शराब बेचने के लिए शटर या फिर दीवारों में विशेष सूराख कर रखे हैं। पुलिस गश्ती वाहन भी इन दुकानों को नजरअंदाज कर निकल जाते हैं। इसके पीछे भी कोई गहरा राज छिपा है। एसीबी अधिकारियों ने बताया कि आरोपी कैलाश चन्द्र प्रजापति को रविवार को कोर्ट में पेश किया, जहां से उसे जेल भेज दिया गया।
पहले बातचीत, फिर बेसमेंट में ले जाकर रखवाई रकम
एएसपी सुनील सिहाग ने बताया कि आरोपी कैलाश चन्द्र ने परिवादी को शनिवार को कपड़ा शोरूम पर बुलाया। शोरूम में आरोपी का बेटा व अन्य कर्मचारी मौजूद थे। पहले परिवादी से बातचीत की और फिर उसे बेसमेंट में ले जाकर रिश्वत के 1.70 लाख रुपए एक तरफ रखवा लिए। परिवादी से हरी झंडी मिलते ही एसीबी टीम शोरूम में पहुंच गई और रिश्वत की राशि बरामद की। एसीबी टीम को आरोपी बोला कि ठेकेदार खुद ही रुपए रखकर चला गया। हालांकि एसीबी टीम के पास रिश्वत मांगने के पुख्ता सबूत होने पर गिरफ्तार कर लिया।