पूणे

सुजलॉन ने भारत की सबसे बड़ी मल्टी-ब्रांड अक्षय ऊर्जा संचालन और रखरखाव सेवा कंपनी रेनोम में 51 प्रतिशत हिस्सेदारी हासिल की

सुजलॉन ने भारत की सबसे बड़ी मल्टी-ब्रांड अक्षय ऊर्जा संचालन और रखरखाव सेवा कंपनी रेनोम में 51 प्रतिशत हिस्सेदारी हासिल की

प्रस्तावित अधिग्रहण की मुख्य विशेषताए

दो चरणों में रेनोम में 76 फीसदी हिस्सेदारी के अधिग्रहण के लिए निर्णायक समझौतों को क्रियान्वित किया गया

400 करोड़ रुपये में 51 प्रतिशत का तत्काल अधिग्रहण।

18 महीनों के भीतर अतिरिक्त 25 प्रतिशत हिस्सेदारी का अधिग्रहण 260 करोड़ रुपये में किया जाएगा

अधिग्रहण के बाद, रेनोम एक स्वतंत्र बोर्ड-प्रबंधित आईएसपी के रूप में काम करना जारी रखेगा।

रेनोम- प्रमुख विशेषताएं

 

2.5 गीगावाट की सम्पत्तियां प्रबंधन के अधीन

वित्त वर्ष 20 से बेड़े की वृद्धि 30 प्रतिशत सीएजीआर

आईपीपी, कॉर्पोरेट और रिटेल में प्रमुख मार्की ग्राहक

सात राज्यों में उपस्थिति

850 से अधिक कुशल जनशक्ति

14 अलग-अलग मेक के टर्बाइनों के रखरखाव का अनुभव

32 गीगावाट और बढ़ते गैर-सुजलॉन पवन टर्बाइन सर्विस सेगमेंट को कवर करने की विशेषज्ञता

अधिग्रहण का औचित्य

 

पवन ऊर्जा ओएंडएम सर्विस बिजनेस में बाजार लीडरशिप स्थापित करने के लिए रणनीतिक अधिग्रहण, पवन ऊर्जा क्षेत्र के 2030 तक 100 गीगावाट से अधिक होने की उम्मीद

सुजलॉन का इन-हाउस ओएमएस भारत में सुजलॉन के 15 गीगावाट के मौजूदा बेड़े पर ध्यान केंद्रित करेगा, ऑर्डर बुक में निरंतर बढ़ोतरी, जबकि रेनोम भारत में 32 गीगावाट के गैर-सुजलॉन पवन टरबाइन सर्विस मार्केट पर ध्यान केंद्रित करना जारी रखेगा

इस अधिग्रहण के जरिये सुजलॉन समूह को भारतीय पवन ऊर्जा सेवा उद्योग के गैर-सुजलॉन सेगमेंट्स में व्यापक उपस्थिति का अवसर मिलता है।

पुणे, भारत- भारत का सबसे बड़ा अक्षय ऊर्जा समाधान प्रदाता सुजलॉन समूह दो चरणों में रेनोम एनर्जी सर्विसेज में 76 प्रतिशत हिस्सेदारी का अधिग्रहण करेगा। कंपनी यह हिस्सेदारी 660 करोड़ रुपये में संजय घोडावत ग्रुप (एसजीजी) से खरीदेगी। पहले चरण में 400 करोड़ रुपये में 51 प्रतिशत हिस्सेदारी का अधिग्रहण किया जाएगा। पहले चरण के अधिग्रहण से 18 महीने के भीतर दूसरे चरण में, अतिरिक्त 25 प्रतिशत हिस्सेदारी का अधिग्रहण 260 करोड़ रुपये में किया जाएगा।

 

रेनोम देश में सबसे बड़ी मल्टी ब्रांड संचालन और रखरखाव सेवा (“एमबीओएमएस”) प्रदाता है, जिसके पास विभिन्न ग्राहक सेगमेंट में पवन ऊर्जा में 1,782 मेगावाट, सौर ऊर्जा में 148 मेगावाट और रखरखाव के तहत बीओपी में 572 मेगावाट की संपत्तियां हैं।

 

पहले चरण में 400 करोड़ रुपये में 51 फीसदी हिस्सेदारी का अधिग्रहण शामिल है। दूसरे चरण में, सुजलॉन पहले चरण के अधिग्रहण से 18 महीनों के भीतर 260 करोड़ रुपये में अतिरिक्त 25 फीसदी हिस्सेदारी का अधिग्रहण करेगा। लेन-देन का समापन कुछ शर्तों के पूरा होने के अधीन है। यह रणनीतिक अधिग्रहण रेनोम की मुख्य क्षमता को अनलॉक करने में मदद करेगा। यह सौदा रेनॉम को आज देश में 32 गीगावाट से अधिक गैर-सुजलॉन पवन ऊर्जा परिसंपत्तियों को लक्षित करने के विशाल अवसर का लाभ उठाने में सक्षम बनाएगा।

 

सुजलॉन समूह के वाइस चेयरमैन गिरीश तांती ने अधिग्रहण पर कहा, ‘‘जैसा कि हम जानते हैं, देश ने 2030 तक 500 गीगावाट अक्षय ऊर्जा इंस्टॉलेशंस का लक्ष्य सामने रखा है, ऐसे में हम इसी लक्ष्य के साथ आगे चलकर बाजार में विभिन्न तकनीकों और विभिन्न प्रकार के पवन टर्बाइनों का समूह देखेंगे। रेनोम इस क्षेत्र में सबसे बड़ी कंपनी के रूप में उभरी है, जिसमें इस बाजार खंड में आगे बढ़ने की बहुत ताकत और क्षमता है। यह अधिग्रहण हमारे देश की अक्षय ऊर्जा परिसंपत्तियों की सुरक्षा करते हुए विकास का लाभ उठाने के सुजलॉन समूह के विजन के अनुरूप है, चाहे उनका मूल निर्माण कुछ भी हो।’’

 

‘‘हम एक आईएसपी के रूप में रेनोम की अंतर्निहित शक्ति की प्रशंसा करते हैं, और हम संजय घोडावत समूह को इस तरह की दृष्टि और प्रतिबद्धता के साथ इसे बनाने के लिए बधाई देते हैं। संजयजी घोडावत सुजलॉन समूह के लंबे समय से शुभचिंतक रहे हैं, और हम एसजीजी के साथ सफल साझेदारी की आशा करते हैं।’’

 

सुजलॉन समूह के चीफ एक्जीक्यूटिव ऑफिसर जेपी चालसानी ने कहा, ‘‘सुजलॉन में, हमने दशकों से अपने सेवा व्यवसाय को एक ही लक्ष्य पर केंद्रित करके बनाया है, दरअसल

 

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