राजस्थान

बाबू महाराज मंदिर थूम, बाड़ी धौलपुर में मनाया गया अंतरराष्ट्रीय गुर्जर दिवस व गुर्जर प्रतिहार सम्राट मिहिर भोज जयंती 

बाबू महाराज मंदिर थूम, बाड़ी धौलपुर में मनाया गया अंतरराष्ट्रीय गुर्जर दिवस व गुर्जर प्रतिहार सम्राट मिहिर भोज जयंती 

 

विशाल समाचार संवाददाता धौलपुर: अखिल भारतीय वीर गुर्जर महासभा धौलपुर और बाबू महाराज विकास समिति द्वारा गुर्जर समाज के आराध्य देव बाबू महाराज मंदिर  कुदिन्ना, थूम ,बाड़ी धौलपुर पर सर्व प्रथम बाबू महाराज की पूजा अर्चना की गई,फिर चक्रवर्ती गुर्जर प्रतिहार सम्राट मिहिर भोज महान की प्रतिमा पर माल्यार्पण व पुष्प चढ़ाकर अंतर्राष्ट्रीय गुर्जर दिवस एवं गुर्जर प्रतिहार सम्राट मिहिर भोज महान की जयंती को बड़े ही धूमधाम से मनाया गया, इसके बाद वरिष्ठ जनो का साफा व माला पहनाकर स्वागत सम्मान किया गया।

यहां एड जन्डेल सिंह व भगवान सिंह मास्टर ने बताया कि यहां धूम,बाडी धौलपुर में गुर्जर समाज के आराध्य देव बाबू महाराज का भव्य मंदिर है, जहां भाद्रपद शुक्ल पक्ष की दौज को लक्खी मेला लगता है, बाबू महाराज की बहुत बड़ी महिमा है, यहां ज्योती के रुप में बाबू महाराज प्रकट होते हैं, जहां भक्तो की मनोकामना पूर्ण होती हैं और इसके दूसरे दिन भाद्रपद शुक्ल पक्ष तृतीया को यहां धौलपुर में अंतरराष्ट्रीय गुर्जर दिवस एवं गुर्जर प्रतिहार सम्राट मिहिर भोज महान की जयंती  को बड़े ही धूमधाम के साथ मनाया गया,यह दिवस 18 स्टेट में बड़े ही धूमधाम के साथ मनाया जा रहा है, जहां घरों में इनकी प्रतिमा पर लोग घी का दीपक जलाकर अपने अपने घरों में खीर पूरी, पकवान बनाते हैं और जगह जगह भंडारे,सभायें, रैली आयोजन,ब्लड डोनेशन,फल वितरण आदि कार्यक्रमों का आयोजन किया जाता है।

यहां अखिल भारतीय वीर गुर्जर महासभा के राष्ट्रीय महामंत्री गंगाराम गुर्जर ने कहा कि हमारे संगठन का उद्देश्य है कि हमारे इतिहास को हमारी युवा पीढ़ी और जन-जन तक पहुंचाना,हमारा इतिहास बहुत ही मजबूत और सशक्त रहा है जिसमें उदाहरण के तौर पर हमारे गुर्जर प्रतिहार वंश को आप जान सकते हैं,गुर्जर प्रतिहार सम्राट मिहिर भोज का जन्म विक्रम संवत 873 (ईसवी816) भाद्रपद शुक्ल पक्ष की तृतीया वराह जयंती के दिन  हुआ , इनका स्वर्गवास विक्रम संवत 945 (ईसवी 888) को हुआ, इनके पिता का नाम रामभद्र और उनकी माता का नाम अप्पा देवी था।

 

यहां राम मुकुट व वीरो कंसाना अध्यापक ने कहा कि गुर्जर प्रतिहार सम्राट मिहिर भोज महान का साम्राज्य मुल्तान से पश्चिम बंगाल और कश्मीर से उत्तरी महाराष्ट्र तक था, यह गुणी, बलवान, न्याय प्रिय ,धर्म रक्षक, राष्ट्र रक्षक थे, गुर्जर प्रतिहरों ने  300 वर्षों तक विदेशी अरब आक्रमणकारियों को देश में घुसने नहीं दिया और देश की सुरक्षा बनाये रखी।

 

यहां भारत सिंह गुर्जर अध्यापक व जयसिंह गुर्जर  ने कहा कि गुर्जर प्रतिहार सम्राट मिहिर भोज ने विभिन्न स्टेटों में मंदिर, बाबडी, किलों का निर्माण कराया जिसमें ग्वालियर में किला, तेली मंदिर, मुरैना में बटेश्वर मंदिर, पंचकुला भीमा देवी मंदिर ,दौसा राजस्थान हर्षत माता मंदिर आदि बहुत सारे स्थानों पर निर्माण कराया ।

 

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यहां शैलेन्द्र पोषवाल, वीरेंद्र पटवारी, हरीसिंह अध्यापक,सरनाम सिंह अध्यापक , कप्तान सिंह ने भी गुर्जर प्रतिहार सम्राट मिहिर भोज के इतिहास पर गहनता से प्रकाश डाला।

 

यहां कार्यक्रम में बाबू महाराज मंदिर के महंत रविन्द्र गिरि, लालसिंह भगत, देवीसिंह भगत,एड.जंडेल सिंह , मास्टर भगवान सिंह, गंगाराम गुर्जर,  बीरो कंसाना अध्यापक गजपुरा , भारत गुर्जर  , हरिसिंह अध्यापक, सरनाम  सिंह अध्यापक, प्रेम सिंह पोसवाल,   राम मुकुट गुर्जर, वीरेंद्र पटवारी , जयसिंह , शैलेन्द्र पोषवाल मनियां, रमेश सरपंच कुदिन्ना, महेश सरपंच ,कप्तान सिंह निधारा, डा.श्रीभान फागना, चंदेल सिंह एवं समाज के अन्य प्रतिष्ठित लोग मौजूद थे l

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