रीवा प्राकृतिक और ऐतिहासिक पर्यटन स्थलों से समृद्ध है – कलेक्टर
विद्यार्थियों को जिले के पर्यटन स्थलों का भ्रमण कराएं – कलेक्टर
रीवा में जयपुर से भी अधिक आकर्षक पर्यटन स्थल हैं – वन मण्डलाधिकारी
रीवा अनिल सिंह रीवा: विश्व पर्यटन दिवस के अवसर पर जिला पर्यटन संवर्धन परिषद द्वारा ऐतिहासिक भवन व्यंकट क्लब में कार्यशाला का आयोजन किया गया। कार्यशाला का शुभारंभ करते हुए कलेक्टर श्रीमती प्रतिभा पाल ने कहा कि रीवा में धार्मिक पर्यटन, ऐतिहासिक पर्यटन तथा प्राकृतिक पर्यटन की असीम संभावनाएं हैं। रीवा में पुरा संपदा तथा समृद्ध सांस्कृतिक विरासत है। देश के सबसे सुंदर जल प्रपातों में से 6 जल प्रपात इसी क्षेत्र में स्थित हैं। महाराजा मार्तण्ड सिंह व्हाइट टाइगर सफारी मुकुंदपुर में हजारों पर्यटक सफेद बाघ के दीदार के लिए आते हैं। हाल ही में इसमें वर्ल्ड एवियरी का शुभारंभ किया गया है। रीवा प्राकृतिक और ऐतिहासिक पर्यटन स्थलों से समृद्ध है।
कलेक्टर ने कहा कि हम जब भी किसी पर्यटन स्थल पर जाएं तो उसे साफ-सुथरा रखने का प्रयास करें। सभी विद्यार्थी अपने जिले के पर्यटन स्थलों का भ्रमण अवश्य करें। शिक्षण संस्थाओं के प्रमुख विद्यार्थियों को जिले के पर्यटन स्थलों का भ्रमण कराएं। जिले के पर्यटन स्थलों के विकास के लिए कई कदम उठाए गए हैं। सड़कों और रेलमार्ग के साथ रीवा मं एयरपोर्ट की भी सुविधा शीघ्र ही शुरू होने वाली है। रीवा में 23 अक्टूबर को रीजनल इंडस्ट्रियल कॉनक्लेव का आयोजन होने जा रहा है। इनसे पर्यटन को गति मिलेगी। सभी विद्यार्थी मोबाइल फोन का उपयोग करके जिले, प्रदेश और देश के पर्यटन स्थलों की जानकारी जुटाकर अपने ज्ञान को समृद्ध करें। कार्यक्रम में वन मण्डलाधिकारी अनुपम शर्मा ने कहा कि मैं जयपुर का निवासी हूँ जो देश का प्रमुख पर्यटन स्थल है। रीवा में जयपुर से बेहतर प्राकृतिक पर्यटन स्थल हैं। जिले के पर्यटन स्थलों को आकर्षक बनाने के लिए इन्हें साफ-सुथरा रखना आवश्यक है। इनमें प्लास्टिक कचरा और अन्य किसी तरह की गंदगी न फैलाएं। अपने रिश्तेदारों तथा परिचितों को रीवा जिले के पर्यटन स्थलों की जानकारी देकर भ्रमण के लिए आमंत्रित करें। पर्यटन उद्योग का विकास होने से रोजगार के बड़े अवसर मिलेंगे।
कार्यक्रम का संचालन करते हुए समाजसेवी डॉ मुकेश येंगल ने कहा कि रीवा में देश के सबसे बड़े जल प्रपात हैं। यहाँ सिरमौर, गड्डी और ककरेड़ी के वनों में आदिमानव कालीन रॉक पेंटिंग हैं। गुढ़ के समीप भैरवनाथ की लेटी हुई विशाल प्रतिमा, महामृत्युंजय मंदिर तथा अन्य कई मंदिर हैं। ऐतिहासिक व्यंकट भवन 117 साल से बघेली स्थापत्य की गवाही देते खड़ा है, जिसमें प्रदेश की एक मात्र जीवित सुरंग है। कार्यक्रम में अमित पिड़िहा ने प्रजेंटेशन के द्वारा अजंता और एलोरा के स्थापत्य की जानकारी दी। कार्यक्रम में जिले के प्रमुख पर्यटन स्थलों की लघु फिल्म दिखाई गई। कार्यक्रम में संयुक्त संचालक सामाजिक न्याय अनिल दुबे, जिला प्रबंधक ई गवर्नेंस तथा सचिव जिला पर्यटन संवर्धन समिति आशीष दुबे, प्राचार्य शासकीय कन्या महाविद्यालय डॉ विभा श्रीवास्तव, माखनलाल चतुर्वेदी पत्रकारिता विश्वविद्यालय रीवा परिसर प्रभारी डॉ. सूर्य प्रकाश प्राध्यापकगण, श्यामनारायण शर्मा, इतिहासकार असद खान, विभिन्न, विद्यालयों तथा कन्या महाविद्यालय के विद्यार्थी उपस्थित रहे। कार्यक्रम का संचालन शाहिद परवेज ने किया।