सिंचाई विभाग की अनदेखी से नहरें हुई गुम, अब कर रहे तलाश
नई कॉलोनियां में समा गई नहरें, जिम्मेदारों ने समय पर नहीं दिया ध्यान
जलभराव की बड़ी वजह में शामिल बहाव क्षेत्र पर कब्जा
नई कॉलोनियां में समा गई नहरें, जिम्मेदारों ने समय पर नहीं दिया ध्यान
जलभराव की बड़ी वजह में शामिल बहाव क्षेत्र पर कब्जा
धौलपुर विशाल समाचार संवाददाता: बरसात के सीजन में इस दफा सैंपऊ और बाड़ी रोड समेत कई कॉलोनियों में हुए जलभराव ने हाहाकार मचा दिया। बरसाल भले ही थम गई हो लेकिन जल निकासी अभी भी बड़ी समस्या बनी हुई है। विशेष बात ये है कि कॉलोनियों में जल निकासी के लिए कोई समुचित साधन नहीं है। जल निकासी के लिए पूरी तरह से सीवरेज पर निर्भर होने से स्थिति बिगड़ गई। पुराने नाले और नालियों पर कब्जे हो गए या फिर समाप्त कर दिए। ऐसे में बरसाती पानी को निकलने के लिए स्थान नहीं बचा और नतीजा कॉलोनियों में जलभराव की स्थिति उत्पन्न हो गई। वहीं, रही सही कसर नहरीतंत्र पर हुए कब्जों ने कर दी। पचगांव की तरफ से पहले एक नहर पुलिस लाइन के सामने होते हुए निकल रही थी लेकिन अब यह लापता सी स्थिति में है। पहले बरसात के दिनों में पानी नहर में होकर निकल जाता था लेकिन नहर पर हुए अतिक्रमण से जलभराव की स्थिति को और बढ़ा दिया। वहीं, सिंचाई विभाग की सुस्ती ने भी नहर की जमीन पर लोगों को अतिक्रमण करने का मौका दे दिया।
66अतिक्रमण चिह्नित पर कार्रवाई से बच रहे
जिला प्रशासन साल 2018 कराए सर्वे में 66 जगहों पर अतिक्रमण माना लेकिन बाद में मामला ठण्डे बस्ते में चला गया। पिछले दिनों जिला कलक्टर श्रीनिधि बी टी ने सख्ती दिखाई तो आनन-फानन में पूर्व रिपोर्ट के आधार पर अतिक्रमियों को नोटिस थमा दिए। लेकिन इसके बाद भी कार्रवाई आगे नहीं बढ़ पाई। इस सर्वे रिपोर्ट में माना था कि वर्तमान में नहर नहीं है। नहर की जगह पर कहीं रास्ता तो कहीं पक्का निर्माण कर अतिक्रमण कर लिया गया। यह सर्वे 18, 19 और 23 जनवरी 2018 को हुआ था। इसी तरह मित्तल कॉलोनी में भी नहरी क्षेत्र पर कथित तौर पर रास्ता निकालने का मामला सामने आया। जिला कलक्टर के दखल के बाद कार्य रोक दिया गया।
नहरों पर होता गया कब्जा, नींद में रहे जिम्मेदार
सैंपऊ रोड स्थित नहर में पहले फसल की सिंचाई के लिए पानी आता था। लेकिन बाद में हुण्डावाल समेत अन्य कॉलोनियां बस गई और नहर यहां गुम सी हो गई। हालांकि, नहर में पानी आना जारी रहा लेकिन सकरी होने और कुछ जगहों पर हुए कब्जे से पानी कॉलोनियों में घुसने लगा। यहां पुलिस लाइन के पास भी नहर सिकुड़ कर छोटी रह गई है। वहीं, कुछ जगहों पर तो यह लापता हो गई। रख-रखाव के लिए जिम्मेदार सिंचाई विभाग ने अपनी नहरों को लावारिस की तरह छोड़ दिया। ध्यान नहीं देने से कब्जे होते चले गए। अब समस्या सामने आई तो नहर की जमीन की खोजबीन शुरू हो गई है।
फटकार लगने पर जगह चिह्नित करने की तैयारी
पंचायत समिति सभागार में हुई जनसुनवाई के दौरान जिला कलक्टर श्रीनिधि बी टी ने नहरों से अतिक्रमण हटाने पर सिंचाई विभाग के अधिकारी से सवाल किया तो उनका कहना था कि संबंधितों को नोटिस दिए हैं। जिला कलक्टर ने नाराजगी जताई कि नोटिस ही देते रहेंगे या फिर आगे कुछ होगा। अतिक्रमण कब हटेंगे, जिस पर अधिकारी ने चुप्पी साध ली। कार्रवाई की चेतावनी देने पर अधिकारी ने कहा कि नहर की जगह पर हुए अतिक्रमण को लेकर स्थान चिह्नित कर कार्रवाई शुरू की जाएगी।
नाले दबे, अब नहीं हो पा रही सफाई
शहर में बाड़ी रोड पर 220 केवी से जगदीश तिराहे के पास चुंगी नाका दगरा से होते हुए एक नाला चोपड़ा मंदिर की तरफ जाता था। यह नाला करीब 160 फीट चौड़ा था। इस नाले में पुरानी छावनी और झोर की तरफ से पानी आता था जो बिना किसी रुकावट के जगदीश तिराहे होकर निकल जाता था। अब यह नाला सकरा हो गया है। वहींए भूमिगत निकल रहे नाले की सफाई तक नहीं निकासी बाधित बनी हुई है। इसी नाले आनंदनगर, शिवनगर और पोखरा का पानी जाता है।
नहरों पर जहां कब्जे हैं, उन्हें लेकर कार्रवाई करने के निर्देश दिए हैं। सिंचाई विभाग को जल्द स्थान चिह्नित कर कार्रवाई के लिए कहा है।
– श्रीनिधि बी टी, जिला कलक्टर, धौलपुर